किसानों को मिला तोहफा: मोदी ने किसान रेल को दिखाई हरी झंडी, जानें खासियतें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानों को तोहफा देते हुए 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखा दी है। आज 100वीं किसान रेल महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के लिए रवाना हुई है।

Update: 2020-12-28 12:06 GMT
किसानों को मिला तोहफा: मोदी ने किसान रेल को दिखाई हरी झंडी, जानें खासियतें

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज यानी सोमवार को 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखा दी है। बता दें कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने 7 अगस्त, 2020 को किसान रेल की शुरूआत की थी। उसके बाद से केवल पांच महीने के अंदर आज 100वीं किसान रेल रवाना हुई। यह महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालिमार तक चलेगी। इस दौरान केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी सरकार का मानना है कि किसानों की समृद्धि ही देश की समृद्धि है।

पीएम मोदी ने संबोधन में कही ये बात

वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश के करोड़ों किसानों को बधाई देता हूं। अगस्त महीने में देश की पहली किसान और खेती के लिए पूरी तरह से समर्पित रेल शुरू की गई थी। देश के हर क्षेत्र की खेती को, किसानों को किसान रेल से कनेक्ट किया जा रहा है। कोरोना की चुनौती के बीच भी बीते 4 महीनों में किसान रेल का ये नेटवर्क आज 100 के आंकड़े पर पहुंच चुका है।

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(PHOTO- TWITTER)

आमदनी बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम

उन्होंने कहा कि किसान रेल सेवा, देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है। इससे खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी। किसान रेल से देश के 80 प्रतिशत से अधिक छोटे और सीमांत किसानों को बहुत बड़ी शक्ति मिली है। इसमें किसानों के लिए कोई न्यूनतम मात्रा तय नहीं है। कोई किसान 50-100 किलो का पार्सल भी भेज सकता है।

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क्या है रेल का फायदा?

पीएम मोदी ने कहा कि किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है। यानि इसमें फल, सब्ज़ी, दूध, मछली, जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं। वहीं जहां तक भाड़े की बात है, इस रूट पर रेल का माल भाड़ा, ट्रक के मुकाबले 1,700 रुपये कम है। किसान रेल में सरकार 50 प्रतिशत छूट भी दे रही है। इसका भी किसानों को लाभ मिल रहा है।

बता दें कि यह ट्रेन 40 घंटे से कम समय में 2132 किमी की दूरी तय करेगी। किसान रेल में फलों-सब्जियों जैसे सामानों की ढुलाई होगी, इसलिए इसमें रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे। इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होंगे। इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकेंगे। रेलवे ने इस ट्रेन को 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है।

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