आजाद भारत का नया लक्ष्य: बनेगा आत्मनिर्भर, PM ने दिया 'मेक फॉर वर्ल्ड' का नारा
लाल किले की प्राचीर से अपने सातवें संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। कोरोना संकट काल में अपने 86 मिनट के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।
नई दिल्ली: लाल किले की प्राचीर से अपने सातवें संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। कोरोना संकट काल में अपने 86 मिनट के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने सख्त लहजे में चीन और पाकिस्तान की खबर लेते हुए एलओसी से लेकर एलएसी तक आंख दिखाने वालों को माकूल जवाब देने की बात कही और वीर सैनिकों के बलिदान को नमन भी किया। प्रधानमंत्री के संबोधन में सबसे ज्यादा फोकस आत्मनिर्भर भारत पर रहा और उन्होंने इस शब्द का 30 बार इस्तेमाल किया।
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छह वर्ष की उपलब्धियों की चर्चा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान पिछले 6 वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की और कोरोना संकट, आतंकवाद, आत्मनिर्भर भारत, कृषि और किसान, अर्थव्यवस्था, मध्यवर्ग, रिफॉर्म, गरीबों के जीवन में बेहतरी के उपाय, बेटियों की ऊंची उड़ान, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, स्किल डेवलपमेंट, वोकल फॉर लोकल, एफडीआई और दुनिया के विभिन्न देशों से संबंध सुधारने के उपायों पर विशेष रूप से चर्चा की।
वैसे पीएम का सबसे ज्यादा जोर आत्मनिर्भर भारत पर ही रहा और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना इतनी बड़ी विपत्ति नहीं है कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में रुकावट पैदा कर सके।
आत्मनिर्भर बनना सबसे ज्यादा जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत हर भारतवासी के दिलो-दिमाग में छाया हुआ है। हमने एक सपना देखा है और हम उस सपने को संकल्प में बदलते देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भारत के लिए भी आत्मनिर्भर बनना सबसे ज्यादा जरूरी हो गया है।
देश के परिवारों में भी बच्चे के बड़ा होने पर आत्मनिर्भरता पर जोर दिया जाता है। हमें यह समझना होगा कि जो परिवार के लिए जरूरी है वह देश के लिए भी जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भरता के सपने को चरितार्थ करके रहेगा।
आंख दिखाने वालों को माकूल जवाब
पीएम मोदी ने कहा कि जब असाधारण लक्ष्य को लेकर असाधारण यात्रा की शुरुआत की जाती है तो रास्ते में चुनौतियों का सामना करना ही पड़ता है। देश की सीमा पर देश के सामर्थ्य को चुनौती देने के प्रयास किए गए, लेकिन एलओसी से लेकर एलएसी तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने भी आंख दिखाई, देश की सेना और हमारे वीर जवानों ने ऐसी ताकतों को उसी भाषा में जवाब दिया है।
पूरा देश भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए जोश से भरा हुआ है। लद्दाख में पूरी दुनिया ने देख लिया है कि हमारे वीर जवान देश के लिए क्या कर सकते हैं। उन्होंने मातृभूमि पर प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों को आदरपूर्वक नमन भी किया।
दुनिया में भारत की ताकत बढ़ी
उन्होंने दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत का भी जिक्र करते हुए कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र में 192 में से 184 वोट हासिल करके अस्थायी सदस्य चुना गया है। यह इस बात का उदाहरण है कि हमने दूसरे देशों तक कितनी मजबूती से अपनी बात पहुंचाई है। भारत लगातार पड़ोसी देशों के साथ अपने सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्ते को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है। दुनिया की एक चौथाई आबादी दक्षिण एशिया में रहती है और हम अपने पड़ोसियों से मजबूत रिश्तों को तरजीह देते हैं।
भारत दुनिया में लाया बदलाव
देश की आजादी के लिए किए गए संघर्षों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा की आजादी की लड़ाई देश के लोगों ने विभिन्न कष्ट झेले मगर आजादी की ललक को नहीं छोड़ा। ऐसी लड़ाई ने दुनिया में आजादी के लिए एक माहौल बना दिया और भारत दुनिया में बदलाव लाने में कामयाब रहा। इतिहास इस बात को नकार नहीं सकता कि भारत विस्तारवाद के लिए चुनौती बन गया।
इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर
प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को कोरोना संकट काल से जल्द से जल्द बाहर निकालने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसमें नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की सबसे अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर एक सौ दस लाख करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग-अलग सेक्टर में 7000 प्रोजेक्ट्स की पहचान कर ली गई है। इससे देश के ओवरऑल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को नई दिशा और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना जोर दिया जाए उतना ही फायदा होगा।
एसबीआई में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
प्रधानमंत्री ने एफडीआई का विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि पिछले वर्ष के दौरान एफडीआई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। पिछले वर्ष के दौरान भारत में एफडीआई 18 फ़ीसदी बढ़ा है। कोरोना काल में भी दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियां भारत की ओर रुख कर रही हैं। भारत के प्रति यह विश्वास अचानक नहीं पैदा हुआ है। दुनिया यूं ही भारत पर मोहित नहीं हो गई है। दरअसल हमने अपनी नीतियों और लोकतंत्र की मजबूती के लिए काम किया है और इस कारण पूरी दुनिया का भारत में भरोसा बढ़ा है।
किसानों को बंधनों से मुक्त किया
पीएम मोदी ने कृषि और किसानों का विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत की पहली प्राथमिकता आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान हमने किसानों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए तमाम सुधार किए हैं ताकि उन्हें बंधनों से मुक्त होकर काम करने का मौका मिल सके। पहले देश का किसान न तो अपनी मर्जी से बेच सकता था और ना जहां बेचना चाहता था वहां पर बेच सकता था। किसानों की तरक्की के लिए बड़ा कदम उठाते हुए हमने किसानों को बंधनों से पूरी तरह मुक्त कर दिया है। अब हमारे देश का किसान दुनिया के किसी भी कोने में और अपनी मर्जी से अपनी उपज बेच सकता है।
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चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबरस्पेस के क्षेत्र में हम लगातार आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं। महिला शक्ति का विशेष तौर पर जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि महिलाओं ने देश को नई मजबूती दे दी है। आज देश की बेटियां फाइटर प्लेन चलाकर आसमान की बुलंदियों को चूम रही हैं। कोयले की खदानों तक में काम कर रही हैं।
पीएम ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने का भी जिक्र किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम पूरी तरह आत्मविश्वास से लवरेज दिखे और उन्होंने कहा कि 130 करोड़ देशवासियों के समर्थन, विश्वास और ताकत से हम विभिन्न चुनौतियों का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
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