बजट सत्र: PM मोदी बोले- आजादी के दीवानों के सपने पूरे करने का अवसर

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दशक का भरपूर उपयोग हो और इसलिए इस सत्र में इस पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएँ हो और सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हों, ये देश की अपेक्षाएं हैं।

Update:2021-01-29 13:45 IST
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दशक का भरपूर उपयोग हो और इसलिए इस सत्र में इस पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हो और सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हों, ये देश की अपेक्षाएं हैं।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही संसद के बजट सत्र की आज से शुरुआत हो गई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में मीडिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस दशक का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ये दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसीलिए प्रारम्भ से ही आज़ादी के दीवानों के जो सपने देखे थे उन सपनों को, उन संकल्पों को तेज गति से सिद्ध करने का ये स्वर्णिम अवसर अब आया है।

पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हो

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दशक का भरपूर उपयोग हो और इसलिए इस सत्र में इस पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हो और सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हों, ये देश की अपेक्षाएं हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि वैसे शायद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि 2020 में एक नहीं, वित्त मंत्री को अलग अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से चार-पांच मिनी बजट देने पड़े। यानी 2020 में एक प्रकार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। इसलिए यह बजट भी उन चार बजटों की श्रृंखला में देखा जाएगा, मुझे पूरा विश्वास है।

बता दें कि कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ सत्र का आगाज हो गया। बजट सत्र दो भागों में होगा, जिसमें पहला सत्र 15 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरे दौर में सत्र 8 मार्च से लेकर 8 अप्रैल तक।

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असंभव से लक्ष्यों को प्राप्त किया भारत

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है।

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इसके साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों के श्रद्धंजालि अर्पित की। उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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