नई दिल्ली: अल्पसंख्यक मंत्रालय वक्फ बोर्ड के लिए एक नई पहल शुरू करने जा रही है। जिससे वक्फ बोर्ड को चार चांद लग सकते हैं। दरससल भारत में वक्फ बोर्ड की लगभग 6 लाख से ज़्यादा प्रॉपर्टी हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार इस प्रॉपर्टी से हर साल 300 करोड़ से ज़्यादा की इनकम होती है। लेकिन दूसरी ओर हज़ारों वक्फ प्रॉपर्टी ऐसी भी हैं जिन पर अतिक्रमण हो चुका है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसके मद्देनजर प्रॉपर्टी को अतिक्रमण मुक्त कराने और इससे होने वाली इनकम को और ज़्यादा बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। जानकारों की मानें तो पीएम मोदी के इस कदम से राज्यों में संचालित हो रहे वक्फ बोर्ड की इनकम दो से तीन गुना तक बढ़ जाएगी।
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हर किसी को पट्टे पर मिल सकेगी प्रॉपर्टी-
बता दें कि मंत्रालय के स्तर पर बने वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया पोर्टल पर सभी राज्यों से 6 लाख से ज़्यादा प्रॉपर्टी पंजीकृत हुई हैं। अभी भी बहुत सारी प्रॉपर्टी अभी ऐसी भी हैं जो पंजीकृत नहीं हुई हैं। इसमें संशोधन करते हुए मंत्रालय ने निर्धारित किया है कि अब बाज़ार रेट के मुकाबले केवल 1 फीसद की रेट से वक्फ प्रॉपर्टी पट्टे पर दी जाएगी। जिसमें यह पट्टा 10 से लेकर 30 साल तक का होगा। इसके अंतर्गत पट्टा लेने के लिए बोली लगानी होगी। इस नए नियम के तहत पहले की तरह इसमें वक्फ बोर्ड या फिर वक्फ प्रॉपर्टी की निगरानी करने वाले मुतावल्लियों की मनमानी नहीं चलेगी।
अस्पताल-स्कूल को अभी भी दी जाएगी वरीयता-
अल्पसंख्यक मंत्रालय की योजना मुताबिक अब वक्फ बोर्ड हर तरह की गतिविध के लिए वक्फ प्रॉपर्टी को पट्टे पर दे सकेंगे। लेकिन पहली वरीयता अब भी अस्पताल, स्कूल-कॉलेज और मदरसे ही होंगे। साथ ही अस्पताल, स्कूल-कॉलेज और मदरसे को पट्टे पर वक्फ प्रॉपर्टी देते समय इस बात पर भी ध्यान दिया जाएगा कि उसका जो किराया होगा वो किसी भी हाल में कम से कम एक प्रतिशत ही हो। ऐसे ही कॉमर्शियल यूज के लिए जो वक्फ प्रॉपर्टी दी जाएगी वो कम से कम 2.5 फीसद के रेट से दी जाएगी।
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यूपी में हैं सबसे ज़्यादा प्रॉपर्टी-
देशभर में सबसे ज़्यादा वक्फ प्रॉपर्टी यूपी में है। यूपी में शिया और सुन्नी वक्फ को मिलाकर 1.5 लाख से ज़्यादा वक्फ प्रॉपर्टी हैं। इसमे से 1.42 लाख वक्फ प्रॉपर्टी तो सिर्फ सुन्नी वक्फ बोर्ड की ही है। यह आंकड़ा पंजीकरण वाले पोर्टल का है। वहीँ केरल में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी की इनकम है।
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