‘जल संकट का समाधान खोजने के लिए पूरी दुनिया आगे आए, 'जल संचय जन भागीदारी पहल’ कार्यक्रम में बोले मोदी

PM Modi: पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि सभी जीव जल से उत्पन्न हुए हैं और उनका जीवन उसी पर निर्भर करता है, इसलिए जल दान और दूसरों के लिए जल बचाना सबसे बड़ा दान है

Newstrack :  Network
Update: 2024-09-06 08:56 GMT

PM Modi (सोशल मीडिया) 

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 'जल संचय जन भागीदारी पहल’ का शुभारंभ किया। इस शुभारंभ कार्यक्रम में पीएम मोदी वर्चुअली रूप से जुड़े। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जल संकट को लेकर अपनी चिंता प्रकट की और इससे निपटने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमेशा दूरदर्शी और व्यापक दृष्टिकोण रखने वाले देश को पूरी दुनिया के लिए जल संकट से निपटने के लिए समाधान खोजने के लिए आगे आना चाहिए।

जल संकट के समाधान पर पीएम मोदी ने कही ये बात

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि सभी जीव जल से उत्पन्न हुए हैं और उनका जीवन उसी पर निर्भर करता है, इसलिए जल दान और दूसरों के लिए जल बचाना सबसे बड़ा दान है और यही बात रहीम दास ने भी कही थी। जिस देश की सोच और दृष्टिकोण अतीत से ही दूरदर्शी और व्यापक रही हो, उसे जल संकट का समाधान खोजने के लिए दुनिया में आगे आना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लगभग सभी हिस्सों को बारिश के कहर का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात राज्य भी इससे अछूता नहीं है, मगर आज गुजरात की धरती से जलशक्ति मंत्रालय की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल 'जल संचय जन भागीदारी की शुरुआत की जा रही है।

पिछले कई दिनों से देश के हर हिस्से में भारी बारिश हुई, शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां पानी से तबाही न मची हो। मैं लंबे समय तक गुजरात का सीएम रहा, लेकिन मैंनें गुजरात के ज्यादातर जिलों में इतनी भारी बारिश नहीं देखी, जितनी इस बार हुई है। हमारी सारी व्यवस्थाओं में भी इतनी क्षमता नहीं है कि इस प्राकृतिक आपदा की घड़ी में हमारी मदद कर सकें, लेकिन गुजरात के लोगों और अन्य देशवासियों में ये आदत है कि संकट की घड़ी में सभी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं।

जल संरक्षण नीति नहीं है आचरण 

उन्होंने कहा कि "जल संरक्षण केवल नीति नहीं है, यह आचरण है और इस आचरण में उदारता और जिम्मेदारी है। जब आने वाली पीढ़ियां हमें देखेंगी, तो पानी के प्रति हमारे कदम और व्यवहार पहला मापदंड होंगे। क्योंकि यह केवल संसाधनों का सवाल नहीं है, बल्कि यह जीवन और भविष्य का सवाल है, इसलिए, सतत भविष्य के लिए, हमने जो 9 संकल्प रखे हैं, उनमें जल संरक्षण पहला संकल्प है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जनभागीदारी के माध्यम से एक और सार्थक कदम उठाया जा रहा है। इस अवसर पर, मैं जल शक्ति मंत्रालय, गुजरात सरकार और इस पहल में भाग लेने वाले पूरे देश के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

SAUNI योजना का पीएम मोदी ने दिया उदाहरण

गुजरात का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि हम कई बाधाओं के बावजूद पानी के संकट को दूर कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं राज्य का मुख्यमंत्री था, तब हमारी सरकार SAUNI योजना लेकर आई थी, इस पर पूरा विपक्ष हंसता था और दावा करता था कि जो हमने पाइप बिछा रहे हैं, वे पानी की जगह हवा की आपूर्ति करेंगे, लेकिन हमारे श्रम की सफलता अब पूरी दुनिया के सामने है। करीब 2-2.5 दशक पहले हम सभी जानते थे कि सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात में क्या स्थिति थी। जल संरक्षण के लिए सरकारों के पास दूरदर्शिता की कमी थी। उस समय मेरा संकल्प था कि दुनिया को बताऊं कि जल संकट का समाधान है। मैंने सरदार सरोवर बांध की रुकी हुई परियोजना को पूरा किया और कई चुनौतियों के बावजूद पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए सौनी योजना शुरू की, जो बेहद सफल रही।

जल जीवन मिशन से बच्चों की मौत भी रुकेंगी

उन्होंने कहा कि गुजरात की सफलता और राज्य में मेरा अनुभव हमें भरोसा दिलाता है कि हम अपने देश में पानी की कमी की समस्या को दूर कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार जल जीवन मिशन से 1.25 लाख से ज्यादा बच्चों की असमय मौत भी रोकी जा सकेगी। हम हर साल 4 लाख से ज्यादा लोगों को डायरिया जैसी बीमारियों से भी बचा पाएंगे। बीमारियों पर लोगों का जो खर्च होता था, वो भी कम हुआ है।

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