RBI ने जारी की मॉनिटरी पॉलिसी रिपोर्ट, अर्थव्यवस्था पर कोरोना की मार
कोरोना वायरस की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका लगने की संभवाना है। जीडीपी के मोर्चे पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आगाह किया है, तो वहीं ग्लोबल इकोनॉमी 2020 में स्लोडाउन में जा सकती है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका लगने की संभवाना है। जीडीपी के मोर्चे पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आगाह किया है, तो वहीं ग्लोबल इकोनॉमी 2020 में स्लोडाउन में जा सकती है। आरबीआई ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी रिपोर्ट जारी की है।
कोरोना की अर्थव्यवस्था पर मार
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के कारण दुनियाभर में जिस तरह से लॉकडाउन की स्थिति है, भारत की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। आरबीआई के मुताबिक कोविड-19 की महामारी के कारण वैश्विक उत्पादन, सप्लाई, व्यापार और पर्यटन पर विपरीत असर पड़ेगा, क्योंकि सभी तरह के काम-धंधे बंद हैं।
यह भी पढ़ें...कोरोना: लखनऊ में लागू हुआ ये सख्त नियम, उल्लंघन करने पर होगी कड़ी कार्रवाई
मंदी के बाद कोरोना का कहर
पहले से ही मंदी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को कोरोना ने और पीछे धकेल दिया है। इस अनिश्चितता की वजह से जीडीपी ग्रोथ अनुमान करना फिलहाल मुश्किल है। आरबीआई ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था की रिकवरी तेजी से खत्म हो रही है।
इसके साथ ही आरबीआई ने कहा है कि अगर कोरोना संकट पर जल्द काबू पा लिया गया तो केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदम से अर्थव्यवस्था में तेजी से रिकवरी होगी। आरबीआई की मानें तो राहत की बात बस इतनी है कि इंटरनेशनल क्रूड प्राइस में नरमी बनी हुई है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मांग कम है।
यह भी पढ़ें...कोरोना के खिलाफ जंग में उतरी स्मृति ईरानी, घर बैठे सिखा रहीं मास्क बनाना
पूरी दुनिया में मंदी के संकेत
आरबीआई के मुताबिक इस वायरस के फैलने से पहले, 2020-21 को ग्रोथ के दृष्टिकोण को देखा जा रहा था, लेकिन कोविड-19 की महामारी ने उम्मीद पर पानी फेर दिया है। ग्लोबल इकोनॉमी 2020 में स्लोडाउन में जा सकती है।
आरबीआई का कहना है कि कोरोनो वायरस का प्रकोप मुद्रास्फीति पर प्रभाव डालेगा। आपूर्ति की बाधा के चलते के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट आ सकती है जबकि गैर खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
यह भी पढ़ें...अजब: रहस्यों से भरा है इस विरान शहर का इतिहास, जानकर हो जाएंगे हैरान
बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से आरबीआई ने पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में एक आपात कदम उठाते हुए अपनी प्रमुख कर्ज दर में उम्मीद से अधिक 75 आधार अंकों की कटौती कर दी थी। ताकि बाजार में नकदी की किल्लत न हो।