RBI का बड़ा एलान: किसानों को मिला तोहफा, अब शुरू करेंगे अपना कारोबार

RBI ने कहा कि ' PSL रिवाइज्ड गाइडलाइंस के जरिए उन जगहों पर क्रेडिट सुविधा मुहैया कराने में आसानी होगी, जहां क्रेडिट की कमी है। छोटे व सीमांत किसानों और कमजोर वर्ग को क्रेडिट मिल सकेगा। साथ ही रिन्यूवेबल एनर्जी और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्रेडिट में बूस्ट मिलेगा।'

Update:2020-09-04 18:10 IST
RBI का बड़ा एलान: किसानों को मिला तोहफा, अब शुरू करेंगे अपना कारोबार

नई दिल्ली: स्टार्टअप्स इंडिया के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का स्कोप बढ़कार स्टार्टअप्स के लिए भी कर दिया है। इसके तहत अब स्टार्टअप्स भी इसका लाभ उठा सकेंगे और 50 करोड़ रुपये तक फंडिंग प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर प्लांट्स लगाने और कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट्स के लिए भी प्रायोरिटी सेक्टर के तहत लोन मिल सकेगा।

समावेशी विकास पर फोकस किया गया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि प्रोयोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) गाइडलाइंस को व्यापक रूप से रिव्यू करने के बाद उभरते नेशनल प्रायोरिटी के लिए इसे रिवाइज किया गया है। सभी स्टेकहोल्डर्स से गहन विचार करने के बाद इसमें समावेशी विकास पर विशेष तौर से फोकस किया गया है।

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RBI ने कहा कि ' PSL रिवाइज्ड गाइडलाइंस के जरिए उन जगहों पर क्रेडिट सुविधा मुहैया कराने में आसानी होगी, जहां क्रेडिट की कमी है। छोटे व सीमांत किसानों और कमजोर वर्ग को क्रेडिट मिल सकेगा। साथ ही रिन्यूवेबल एनर्जी और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्रेडिट में बूस्ट मिलेगा।'

किसानों को फंड मिल सकेगा

प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग में स्टार्टअप्स के लिए 50 करोड़ रुपये का बैंक फाइनेंस मिल सकेगा। RBI के मुताबिक, किसानों द्वारा सोलर पावर प्लांट्स के लिए लोन को इसमें शामिल किया है। सोलर पावर प्लांट्स के जरिए ग्रिड कनेक्टेड पंप्स और और बायोगैस सेटअप करने के लिए किसानों को फंड मिल सकेगा। आरबीआई ने यह भी कहा कि रिवाइज्ड गाइडलाइंस के बाद अब प्रायोरिटी सेक्टर क्रेडिट में क्षेत्रीय स्तर पर असमानताओं को खत्म किया जा सकेगा।

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छोटे व सीमांत किसानों और कमजोर वर्ग चिह्नित किया गया

इसके अतिरिक्त, केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि कुछ चिह्नित जिलों के लिए प्रायोरिटी सेक्टर क्रेडिट को बढ़ाया गया है। इनमें वो जिले शामिल हैं, जहां पहले प्रायोरिटी सेक्टर क्रेडिट की कमी देखने को मिली थी। छोटे व सीमांत किसानों और कमजोर वर्ग के लिए क्रेडिट टार्गेट को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। फार्मर्स प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन (FPO) व फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनियों (FPC) के लिए उच्च क्रेडिट लिमिट तय किया गया है।

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