गजब: किसान के बेटे ने 90 हजार रुपये में बना दी पांच लाख वाली स्प्रे मशीन
अब तक 300 से अधिक मशीनें बेच चुके हैं। रितेश न बताया कि उन्होंने बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई की है। तीन साल पहले उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उतरने का मन बनाया था।
भिलाई: छत्तीसगढ़ के एक युवा किसान ने रसायन का छिड़काव करने वाली बेहद सस्ती और कारगर स्प्रे मशीन बनाकर सभी को हैरान कर दिया है।
बताया जा रहा है कि इस तरह की दूसरी मशीन जो बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध है। उसकी कीमत करीब 5 लाख रूपये है। जबकि किसान ने जो मशीन बनाई है। उसकी कीमत बेहद ही कम मात्र 90 हजार रुपये है।
कम दम और अधिक खूबियों की वजह से इसकी डिमांड बहुत ही ज्यादा हो रही है। किसान ने बाकायदा सेट अप लगाकर इस मशीन का उत्पादन शुरू कर दिया है।
क्यों और कैसे पड़ी इस मशीन को बनाने की जरूरत
इस मशीन को बनाने वाले किसान का नाम रितेश टांक हैं। वह छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम गनियारी के रहने वाले हैं। रितेश टांक ने बातचीत में बताया कि पहले उनके लिए अपनी फसलों को कीट के प्रकोप से बचना बेहद ही मुश्किल होता था। वे ठीक महंगी मशीन की वजह से अपनी फसलों पर कीटनाशकों का ठीक से छिड़काव नहीं कर पाते थे।
इस काम में तमाम तरह की मुश्किलें आती थी। मजदूरों के माध्यम से या ट्रैक्टर की मदद से इस काम कराना पड़ता, जिसमें बहुत अधिक पैसे खर्च होते थे। बाजार में जब पता किया तो मालूम पड़ा की इस स्प्रे मशीन की कीमत पांच-छह लाख रुपये है। ऐसे में खुद से स्प्रे मशीन बनाने के बारे में सोचा।
इसके बाद मशीन बनाने में जुट गये। लगभग डेढ़ साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार कामयाबी मिल पाई और 90 हजार रुपये में मशीन बनकर तैयार हो गई।
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हौसला बढ़ा तो खुद का कारखाना खोल दस लोगों को दे दिया रोजगार
अपनी कामयाबी देख उनका हौसला थोड़ा और बढ़ गया। उन्होंने एक छोटी सी कारखाना खोल दिया और दस लोगों को काम पर रखकर मशीन बनवाने का काम शुरू कर दिया।
मशीन का दाम बस इतना ही रखा की कीमत निकल आये। आज इस मशीन की सप्लाई छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तक हो रही है। किसानों के बीच ये मशीन बेहद ही लोकप्रिय है। इसकी डिमांड दिनों दिन बढती ही जा रही है।
रितेश ने इस मशीन का नाम टेक्नोस स्प्रे मशीन रखा है। वहीं, स्टार्टअप का नाम काशहित इनोवेशन है। इसे स्टार्टअप इंडिया और लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) के तहत पंजीकृत कराया है।
अब तक 300 मशीनें बेचने वाले रितेश ने बीएससी एग्रीकल्चर से की है पढाई
अब तक 300 से अधिक मशीनें बेच चुके हैं। रितेश न बताया कि उन्होंने बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई की है। तीन साल पहले उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उतरने का मन बनाया था।
उस वक्त उन्होंने अपनी और दूसरे किसानों की खेती से जुड़ी परेशानियां देखी थी। उनका मन शुरू से ही कुछ अलग करने के बारें में हमेशा सोचा करता था।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा तैयार की गई हैंड स्प्रे मशीन से मशीन से सात एकड़ तक की फसल पर आसानी से छिड़काव हो जाता है। जबकि बाजार में बिक रही दूसरी मशीनों से एक मजदूर रोजाना एक एकड़ की फसल पर ही दवा का छिड़काव (स्प्रे) कर पाता है।
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क्या है इस मशीन की खासियत
उन्होंने बताया कि स्प्रेयर और टैंक को वाहन से अलग कर वाहन का उपयोग छोटे-मोटे अन्य कृषि कार्यों में भी किया जा सकता है। स्प्रेयर और टैंक को जिस छोटे ट्रैक्टरनुमा वाहन में रखकर चलाया जाता है, उसमें दो फारवर्ड और एक रिवर्स गियर हैं। पांच हॉर्स पावर वाला इंजन लगा है। इसे चलाने पर स्प्रेयर स्वयं चलने लगता है, जिससे छिड़काव होता है।
न्यूनतम चौड़ाई वाली स्प्रे मशीन : उन्होंने दावा किया कि इस मशीन (टेक्नोस मिनी 2.0 मॉडल) की चौड़ाई मात्र 22 इंच है। यह अपने तरह की देश में उपलब्ध सबसे कम चौड़ाई वाली स्प्रे मशीन है, जो दोनों ओर पांच से छह फीट की दूरी तक दवा का छिड़काव करती है।
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