रेलवे पर मचा बवाल: सिर्फ एक लेटर ने मचाया घमासान, मजदूर बने अखाड़ा

मजदूरों के लिये श्रमिक ट्रेन के नाम से स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं जिसके किराये को लेकर जंग-ए-मैदान छिड़ा हुआ है। ऐसे में राजनीतिक बयानबाजी के चलते रेलवे का एक वो पत्र सामने आया है।

Update: 2020-05-04 08:47 GMT

नई दिल्ली। देशभर में लॉकडाउन के चलते फंसे मजदूरों की घर वापस लाने पर जंग छिड़ गई है। देश के कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्ष की राजनीतिक पार्टियां केंद्र सरकार पर मजदूरों से किराया वसूलने की कड़ी निंदा कर रहे हैं। मजदूरों के लिये श्रमिक ट्रेन के नाम से स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं जिसके किराये को लेकर जंग-ए-मैदान छिड़ा हुआ है। ऐसे में राजनीतिक बयानबाजी के चलते रेलवे का एक वो पत्र सामने आया है जिसमें राज्य सरकारों से कहा गया है कि वो यात्रियों से टिकट का पैसा लें और वो पैसा रेलवे को दें। आखिर क्या हुआ इसका मतलब?

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विशेष ट्रेन की व्यवस्था की बात

इस पत्र में 2 मई को रेलवे मंत्रालय ने प्रवासी मजूदरों, श्रद्धालुओं, यात्रियों, छात्रों और अलग-अलग जगह लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिये विशेष ट्रेन की व्यवस्था की बात की है।

इस पत्र में कहा गया है कि जिस राज्य से भी ये विशेष ट्रेन छूटेंगी, राज्य सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई लिस्ट के हिसाब से रेलवे टिकट छापेगा और राज्य सरकार को देगा। इसके बाद ये टिकट स्थानीय प्रशासन यात्रियों को देकर उनसे किराया वसूलेंगे और पैसा रेलवे को सौंपा जायेगा।

इस पर ये है पूरा विवाद

बात ये है कि लगातार ये मांग की जा रही थी अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों या दूसरे लोगों को उनके घर जाने के व्यवस्था की जाए। राज्य सरकारें भी इसका समर्थन कर रही थी।

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इन सबको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों, श्रद्धालुओं, छात्रों समेत दूसरे फंसे लोगों को अपने-अपने गृहराज्य जाने की अनुमति दे दी थी।

लेकिन जब केंद्र सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की तो राज्य सरकारों की तरफ से साफ कहा गया कि इतनी बड़ी संख्या में फंसे लोगों को बिना ट्रेन के नहीं लाया जा सकता है।

मजदूरों से टिकट का पैसा

फिर इसके बाद फंसे लोगों के लिए श्रमिक ट्रेन चलाई गई। इन श्रमिक ट्रेनों से मजदूर अलग-अलग राज्यों से अपने घर पहुंच रहे हैं, लेकिन लड़ाई इस बात पर हो गई है कि घोर संकट का सामना कर रहे मजदूरों से टिकट का पैसा वसूला जा रहा है।

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इस मामले पर रेल टिकट का पैसा वसूलने का मुद्दा गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों के अलावा कांग्रेस पार्टी व दूसरे विपक्ष दलों ने भी उठाया। कांग्रेस भी जोर-शोर से इस मुद्दे को उठा रही है और मोदी सरकार को मजदूरों से किराया वसूलने पर निंदा कर रही है।

किराया वसूलने के कदम की आलोचना

वहीं महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे भी मजदूरों से किराया वसूलने के कदम की आलोचना कर चुके हैं। कांग्रेस ने तो अपने सभी प्रदेश संगठनों को ये बोल दिया है कि ऐसे मजदूरों के टिकट का पैसा वो अपने खाते से दें।

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इस मामले पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार की आलोचना की है। प्रियंका गांधी ने कहा है कि जब रेल मंत्री पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रु दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?

लेकिन भाजपा कांग्रेस पर राजनीति करने के आरोप लगा रही है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि मजदूरों के टिकट का खर्च केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठा रही हैं।

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