भूंकप लाएगा तबाही: भयानक मंजर होगा दिल्ली का, बड़े झटकों से थर्राएगा देश

दिल्ली में एक तरफ कोरोना वायरस(Corona Virus) के संक्रमण से तबाही मची थी, तो दूसरी तरफ लगातार आ रहे भूकंप(Earthquake) के झटकों से धरती थर्रा रही थी। ऐसे में अब वैज्ञानिकों ने दिल्ली को एक भीषण खतरे के लिए सतर्क रहने का कहा है।

Update:2020-10-23 15:36 IST
भूंकप लाएगा तबाही: भयानक मंजर होगा दिल्ली का, बड़े झटकों से थर्राएगा देश

नई दिल्ली: दिल्ली में एक तरफ कोरोना वायरस(Corona Virus) के संक्रमण से तबाही मची थी, तो दूसरी तरफ लगातार आ रहे भूकंप(Earthquake) के झटकों से धरती थर्रा रही थी। ऐसे में अब वैज्ञानिकों ने दिल्ली को एक भीषण खतरे के लिए सतर्क रहने का कहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश(Arunachal Pradesh) से लेकर पश्चिम में पाकिस्तान तक फैली हिमालय (Himalayas) पर्वत श्रंखला एक बार फिर ताबड़तोड़ भूकंपों का देश बन सकती है।

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देश के लिए काफी भयानक

ऐसे में वैज्ञानिकों ने सतर्क करते हुए बताया कि हिमालय पर्वत श्रंखला में कई सिलसिलेवार भूकंपों के साथ बड़ा भूकंप कभी भी धरती को हिला सकता है। सबसे ज्यादा डरावनी बात तो ये है कि इस बड़े भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 8 या उससे भी अधिक हो सकती है। जोकि देश के लिए काफी भयानक साबित हो सकता है।

इस बड़े भूकंप को लेकर वैज्ञानिकों का दावा है कि हिमालय के आसपास घनी आबादी वाले देशों में इससे भारी तबाही मच सकती है राजधानी दिल्ली भी इसकी जद में होगी। लेकिन ये भूकंप कब आएंगे इसका अनुमान फिलहाल नहीं लगाया गया है।

फोटो-सोशल मीडिया

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भूकंप का गढ़

कई वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 100 साल में इनके आने की आशंका है। लेकिन वैज्ञानिकों के हिसाब से पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में पाकिस्तान तक फैली हिमालय पर्वत माला एक बार फिर कई सिलसिलेवार भूकंपों का गढ़ बन सकती है। वहीं इसके पहले भी यह क्षेत्र भूकंप का गढ़ रह चुका है।

फोटो-सोशल मीडिया

इसी सिलसिले में सामने आई रिसर्च के अनुसार, हिमालय में आने वाले भूकंप 20वीं सदी में अलास्का की खाड़ी से लेकर पूर्वी रूस के कमचटका में आए भूकंपों जैसे भीषण होंगे। ये यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा का रिसर्च सीसमोलॉजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल के अगस्त के अंक में छापा गया था।

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भूकंप किसी बड़ी तबाही के संकेत

भूकंप के बारे में कोलकाता स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में पृथ्वी विज्ञान विभाग की प्रोफेसर सुप्रिया मित्रा का अनुमान भी इस रिसर्च यानी शोध को लेकर सही है। सुप्रिया के अनुसार, पहले हुए कुछ शोध भी इस ओर इशारा कर चुके हैं।

उन्होंने कहा- पहले हुए अध्ययनों में सेटेलाइट तस्वीरों के आधार पर आकलन किया गया, लेकिन इस शोध में सबसे हाल के प्रागैतिहासिक भूकंपों के समय और आकार को भूविज्ञान के आधार पर परिभाषित किया गया है।

ऐसे में इस रिसर्च (शोध) के अनुसार, भूकंप इतने भीषण होंगे कि हिमालय क्षेत्र के दक्षिण में स्थित राजधानी दिल्ली में भी तगड़े झटके महसूस होंगे। वैसे भी बीते 7-8 महीनों से लगातार आ रहे भूकंप किसी बड़ी तबाही के संकेत देते आ रहे हैं।

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