Maharashtra News: शरद पवार की भावी रणनीति पर सहयोगी दलों को भी संदेह,अजित के साथ बैठकों से MVA में खींचतान बढ़ी
Maharashtra News: चाचा-भतीजे के बीच हो रही लगातार बातचीत से महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) में शामिल अन्य दलों के भी कान खड़े हो गए हैं। गठबंधन में शामिल कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेताओं को शरद पवार की रणनीति को लेकर संदेह होने लगा है।
Maharashtra News: एनसीपी के मुखिया शरद पवार और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच पुणे में हाल में हुई सीक्रेट मीटिंग के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। पिछले महीने की दो तारीख को अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी में हुई बगावत के बाद शरद पवार की उनके साथ चार राउंड बातचीत हो चुकी है। चाचा-भतीजे के बीच हो रही लगातार बातचीत से महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) में शामिल अन्य दलों के भी कान खड़े हो गए हैं। गठबंधन में शामिल कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेताओं को शरद पवार की रणनीति को लेकर संदेह होने लगा है।
हालांकि अजित पवार के साथ हुई गुपचुप बैठक के बाद शरद पवार ने अपनी रणनीति स्पष्ट करते हुए कहा था कि उनके भाजपा के साथ हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं है। उनका यह भी करना था कि इन मुलाकातों से महाविकास अघाड़ी गठबंधन में किसी भी प्रकार के भ्रम की स्थिति नहीं है। वैसे सहयोगी दलों के नेता शरद पवार की ओर से दी गई इस सफाई से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। यही कारण है कि विपक्षी दलों की जल्द होने वाली मुंबई बैठक से पहले इस गठबंधन में खींचतान बढ़ती हुई दिख रही है।
पूर्व सीएम के दावे से सियासी तूफान
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इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने यह दावा करके सियासी भूचाल पैदा कर दिया है कि भाजपा की ओर से शरद पवार को केंद्रीय कृषि मंत्री या नीति आयोग का अध्यक्ष बनाने का ऑफर दिया गया है। एक अंग्रेजी अखबार में रिपोर्ट छपने के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचलें काफी तेज हो गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा की ओर से शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल को भी मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया है। हालांकि सुप्रिया सुले ने इन अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है मगर फिर भी सियासी माहौल की गरमाहटट कम नहीं हुई है। दरअसल भाजपा भी पवार के अगले सियासी कदम का इंतजार कर रही है और इसी कारण उसमें आगे की सियासी योजनाओं को अभी रोक रखा है।
गुपचुप मुलाकात से बढ़ी कांग्रेस की चिंता
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महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण करने के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पवार परिवार की गुपचुप मुलाकातों ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। निश्चित रूप से इन मुलाकातों ने हमें परेशान किया है। लेकिन मैं अकेले एमवीए गठबंधन को लेकर कोई आखिरी फैसला नहीं कर सकता। गठबंधन के संबंध में आखिरी फैसला पार्टी का आलाकमान करेगा। पटोले ने कहा कि आलाकमान के फैसले के मुताबिक ही भविष्य में कदम उठाया जाएगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता ने कहा कि हमारा रुख पूरी तरह स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन दलों के साथ खड़ी रहेगी जो भाजपा से लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। पटोले के इस बयान से साफ हो गया है कि एमवीए गठबंधन में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। शरद पवार और अजित पवार के बीच लगातार हो रही मुलाकातों ने कांग्रेस के भीतर शरद पवार के प्रति संदेह पैदा कर दिया है।
सहयोगी दलों में दूसरी रणनीति पर चर्चा
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट से भी साफ होता है कि गठबंधन में एनसीपी के साथ शामिल दो अन्य दलों कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने एक दूसरी रणनीति पर भी काम करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेताओं के बीच हाल के दिनों में कई बैठकर हुई हैं और इन बैठकों के दौरान प्लान बी की रणनीति पर भी विचार किया गया है। इन दोनों दलों की बातचीत में क्या सियासी खिचड़ी पक रही है,यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सका है।
वैसे कांग्रेस नेता नाना पटोले ने स्पष्ट कर दिया है कि शरद पवार का अपने बागी भतीजे अजित पवार से बार-बार मिलना सहयोगी दलों की टेंशन बढ़ाने वाला कदम है। माना जा रहा है कि इसी कारण दोनों दलों ने शरद पवार के बिना भी चुनाव लड़ने की रणनीति पर चर्चा की है। हालांकि अभी कोई इस मुद्दे पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
भ्रम पैदा करने वाला है शरद पवार का कदम
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस नेता नाना पटोले ने शरद पवार की मुलाकातों पर सवाल उठाया है। उन्होंने इससे पूर्व भी बयान दिया था कि जब दोनों नेता आपस में रिश्तेदार हैं तो उन्हें इस तरह गोपनीय बैठक करने और इस बैठक को सबसे छिपाने की कोशिश करने की जरूरत क्या थी। उनका कहना है कि शरद पवार और अजित पवार के बीच इस तरह की मुलाकातें सहयोगी दलों के भीतर भ्रम पैदा करती हैं। शरद पवार ने अजित पवार के साथ पुणे में शनिवार को एक बिजनेसमैन के घर पर गुपचुप बैठक की थी। हालांकि दोनों नेताओं की कोशिशों के बावजूद यह बैठक गोपनीय नहीं रह सकी और इसकी चर्चा मीडिया तक पहुंच गई थी। पटोले का कहना है कि दोनों नेताओं को इस तरह कार में मुंह छुपाने की जरूरत क्या थी। दोनों नेताओं की यह कोशिश सहयोगी दलों में भ्रम पैदा करने वाली है।
कांग्रेस हाईकमान तक पहुंची बात
अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जल्द ही शरद पवार और एनडीए गठबंधन के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ चर्चा कर सकते हैं। ठाकरे के करीबी सांसद संजय राउत ने हाल में पटोले से इस संबंध में ढाई घंटे तक बातचीत की थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेता पटोले ने महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घटनाक्रम के संबंध में राहुल गांधी को सारी जानकारी दी है। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व की ओर से राज्य के पार्टी पर्यवेक्षकों को महाराष्ट्र के सभी 48 लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करने और जमीनी स्थिति के संबंध में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से भी जल्द ही विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में समीक्षा का काम शुरू करने की तैयारी है।
सुप्रिया सुले ने दी सहयोगी दलों को सफाई
दूसरी ओर शरद पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले का कहना है कि मैंने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं के साथ बातचीत करके सारी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि दोनों दलों के प्रमुख नेताओं से इस बातचीत के बाद मुझे नहीं लगता कि किसी को हमारे बारे में किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई जरूरत है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एनसीपी मुख्यालय में झंडा फहराने के बाद एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि मैंने अपने पिता शरद पवार और अजित पवार की बैठक के बारे में पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है। शरद पवार ने साफ कर दिया है कि वे भविष्य में भाजपा से कतई हाथ नहीं मिलाएंगे।