Supreme Court ने फिल्म 'आदिपुरुष' के मेकर्स को दी बड़ी राहत, हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, 27 जुलाई को होना था पेश

Supreme Court On Adipurush: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिल्म 'आदिपुरुष' के मेकर्स जिनमें निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को 27 जुलाई को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था।

Update:2023-07-21 16:11 IST
Supreme Court (Social Media)

Supreme Court On Adipurush: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'आदिपुरुष' (Adipurush controversy) के निर्माताओं को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (21 जुलाई) को फिल्म 'आदिपुरुष' का केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) सर्टिफिकेट रद्द करने की मांग पर सुनवाई से इंकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, 'CBFC अपना काम करता है। उसकी ओर से जारी सर्टिफिकेट को चुनौती पर सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकती।'

शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें फिल्म के निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के खिलाफ दूसरे हाई कोर्ट में लंबित मामलों पर भी रोक लगा दी है।

इलाहाबाद HC ने मेकर्स को कहा था पेश होने

आपको बता दें, 'आदिपुरुष' मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिल्म के निर्देशक ओम राउत (Om Raut), निर्माता भूषण कुमार (Bhushan Kumar), संवाद लेखक मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) को 27 जुलाई को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। साथ ही, उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को फिल्म पर अपना विचार पेश करने के लिए एक समिति के गठन का भी निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के पेशी के आदेश के खिलाफ फिल्म के निर्माता 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उनके वकील ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का मामला चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सामने रखने की कोशिश की, मगर CJI ने कहा कि, वह सुनवाई का अनुरोध कल उनके सामने रखें।'

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्या होगा असर?

सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश के बाद इलाहाबाद सहित देश के अन्य हाईकोर्ट में फिल्म 'आदिपुरुष' के खिलाफ चल रही सभी सुनवाईयों पर रोक लग जाएगी। फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फिल्म के मेकर्स जिनमें निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था।

CBFC सर्टिफिकेट रद्द करने की हुई थी मांग
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल याचिकाओं में धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए फिल्म को बैन करने की मांग की गई थी। वहीं, शीर्ष अदालत में फिल्म के CBFC सर्टिफिकेट रद्द करने की मांग की याचिका लगाई गई थी।

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