WFI Election: भारतीय कुश्ती संघ चुनाव पर रोक बरकरार, एससी ने हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप से किया इनकार
Supreme Court Refused lift Ban on WFI Election: कोर्ट ने कहा कि अंतरिम रोक हटाने की मांग के बजाय याचिकाकर्ता उच्चतम न्यायालय आ गए।
Supreme Court Refused lift Ban on WFI Election: भारतीय कुश्ती संघ के इलेक्शन पर लगे रोक को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हटाने से इनकार कर दिया। 11 अगस्त को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर 28 अगस्त तक रोक लगाई थी। इसके बाद इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। SC ने हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। बता दें कि चुनाव नहीं होने के चलते ही भारतीय कुश्ती संघ की मान्यता रद्द हो गयी थी।
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एससी नें आन्ध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ को एचसी जाने को कहा
न्यायाधीश अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने याचिकाकर्ता को अब इस मामले में आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ को अपनी शिकायतो के साथ हाई कोर्ट जाने को कहा है। उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि हमें इस मामले पर सुनवाई क्यों करनी चाहिए? आप लोग हाई कोर्ट जाएं। कोर्ट ने कहा कि अंतरिम रोक हटाने की मांग के बजाय याचिकाकर्ता उच्चतम न्यायालय आ गए।
बता दें कि पिछले दिनों कुश्ती की विश्व नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने समय पर चुनाव नहीं कराने की वजह से ही WFI को निलंबित कर दिया है। वैश्विक कुश्ती संस्था के इस फैसले के बाद भारत के पहलवान चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे।
एससी ने कहा मामले को दी जाए प्राथमिकता
उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि याचिकाकर्ता द्वारा मामले का पक्षकार बनने के लिए याचिका दाखिल किया जाता है, तो ऐसे मामले को अवश्य ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कई रज्यों के कुश्ती संघ WFI की चुनाव प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं। वे याचिका पर सुनवाई करते हुए कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लगा चुके हैं।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील नें पीठ को बताया कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने WFI की मान्यता रद्द कर दी है। यह देश के लिए शर्म की बात है। केन्द्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय को नजरअंदाज करते हुए सीधे उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया है।