Surya Grahan 2022 : लखनऊ-दिल्ली-पटना सहित देश के कई शहरों में दिखा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण
ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में रखें तुलसी के पत्ते
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजें अपवित्र हो जाती हैं। इसी वजह से खाद्य पदार्थों (खाने-पीने की चीजों) में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं। तुलसी के सूर्य ग्रहण का नकारात्मक असर नहीं पड़ता है। चूंकि, ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मकता तथा दूषित किरणें फैलती हैं, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाती हैं। ऐसे में तुलसी के पत्तों से बड़ा लाभ मिलता है। दरअसल, तुलसी में एंटी-बैक्टीरिया व आयरन होते हैं। इसके सेवन से इम्युनिटी बढ़ती है।
सूर्य ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप :
ग्रहण के दौरान सूर्य से नकारात्मक किरणें निकलती हैं, जिससे खासकर गर्भवती महिलाओं को बचने की सलाह दी जाती है। लेकिन, इस दौरान लगातार मंत्रों का जप करना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप किन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। :
- “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य:प्रचोदयात”
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
- 'तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥'
- 'ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।'
- प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:॥
- 'विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिका नन्दना च्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥'
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं ये न करें
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। नहीं तो, गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानें क्या है वो मुख्य बातें :
- ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें दूषित होती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाएं को इससे बचना चाहिए। उन्हें सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती घर से बाहर ना निकलें। नहीं तो नुकसान हो सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद अवश्य नहाना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को नुकीली चीजें का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान सोना अशुभ माना जाता है।
- गर्भवती महिला को ग्रहण के दौरान सूर्य से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसका सकारात्मक असर पड़ता है।
- सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपने पास दूर्वा घास रखनी चाहिए।
सूर्य ग्रहण के कारण टली त्योहारों की तिथियां
सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) की वजह से भारत में दिवाली के ठीक बाद होने वाले कई त्योहारों की तिथियां आगे बढ़ गई। गोवर्धन पूजा अब 26 अक्टूबर को होगा और भैया दूज 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दीपोत्सव भी इस साल पांच दिन की जगह 6 दिन तक चलेगा।
कोलकाता में सबसे कम समय दिखेगा ग्रहण
ग्रहण की शुरुआत से सूर्यास्त तक की अवधि दिल्ली और मुंबई दोनों के लिए क्रमशः 1 घंटा 13 मिनट और 1 घंटा 19 मिनट होगी। चेन्नई और कोलकाता में ग्रहण की शुरुआत से सूर्यास्त तक की अवधि क्रमशः 31 मिनट और 12 मिनट होगी। बेंगलुरु में यह ग्रहण 45 मिनट तक रहेगा।
अंडमान और उत्तर-पूर्व भारत के इन जगहों पर नहीं दिखेगा ग्रहण
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands ) और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों जैसे- आइजोल, डिब्रूगढ़, इंफाल, ईटानगर, कोहिमा, सिबसागर, सिलचर, तामेलोंग आदि को छोड़कर आज देश के अधिकांश हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
जानें आपके शहर में कितनी देर रहेगा सूर्य ग्रहण :
-दिल्ली: 4.29 बजे से शुरू। अवधि: 1 घंटा 12 मिनट
-मुंबई: शाम 4.49 बजे से। अवधि: 1 घंटा 19 मिनट
-बैंगलोर: शाम 5.12 बजे से। अवधि: 43 मिनट
-कोलकाता: शाम 4.52 बजे से। अवधि: 11 मिनट
-चेन्नई: शाम 5.14 बजे से। अवधि: 30 मिनट
- भोपाल: शाम 4.42 बजे से। अवधि: 1 घंटा 4 मिनट
- हैदराबाद: शाम 4.59 बजे से। अवधि: 48 मिनट
-कन्याकुमारी: शाम 5.32 बजे से। अवधि: 27 मिनट
सूर्य ग्रहण से पहले बंद हुए मंदिरों के कपाट
देश में आखिरी सूर्य ग्रहण से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। सूर्य ग्रहण प्रभाव के मद्देनजर आज (25 अक्टूबर) को देवभूमि उत्तराखंड में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। वहीं, हरिद्वार में भी सभी मठों तथा मंदिरों में पूजा-अर्चना आदि बंद कर दिए गए हैं। इस बारे में महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव एवं महंत रवींद्र पुरी (Mahant Ravindra Puri) ने बताया कि हरिद्वार में 4.27 बजे से शाम 6.22 बजे तक सूर्य ग्रहण का प्रभाव रहेगा। हरिद्वार ग्रहण को देखते हुए हर की पैड़ी पर सुबह और शाम के वक्त होने वाली आरती रोक दी गई है।