महाराष्ट्र सरकार ने किया भारत बंद का समर्थन, बसों में तोड़फोड़ और कई ट्रेनें रद्द
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन ने बुधवार को भारत बंद बुलाया है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। इसका असर बंगाल में दिखना शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा में ट्रेन रोक दी
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन ने बुधवार को भारत बंद बुलाया है। इसका असर पूरे भारत में दिखा। प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा में ट्रेन रोक दी, वहीं केंद्र की 'एंटी नेशनल' अर्थव्यवस्था पर जमकर नारेबाजी की। कई जगह बसों में तोड़फोड़ की गयी। वहीं कहीं प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई। बंगाल में तो रेलवे ट्रैक पर पुलिस को चार देशी बम भी मिले।
Live Update:
बंगाल के बाद ओडिशा में भी भारत बंद का असर दिख रहा है।
भुवनेश्नर में कांग्रेस समर्थित ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सड़क को ब्लॉक किया, इसके अलावा ट्रेन को भी रोका गया।
बंगाल में सिलिगुड़ी में राज्य सरकार की बस के ड्राइवर हेल्मेट पहनकर बस चला रहे हैं, ताकि अगर प्रदर्शनकारियों की ओर से कोई हमला किया जाता है, तो उसका सामना किया जा सके।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत बंद का समर्थन किया है। राहुल ने ट्वीट कर लिखा है कि मोदी सरकार की आर्थिक विरोधी नीतियों के खिलाफ जो आवाज उठाई जा रही है, उन कर्मचारियों को वो सलाम करते हैं।
बंगाल-ओडिशा में रोकी गई ट्रेन, हाइवे भी जाम
चेन्नई में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि वह ट्रेड यूनियन के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन करते हैं।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में हृदयपुर स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक से पुलिस को चार देसी बम बरामद हुए हैं।
बंगाल में कई ट्रेनें रद्द। हावड़ा से कुल 42 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। हालांकि, सरकारी दफ्तरों में 90 फीसदी से अधिक उपस्थिति दर्ज की गई है।
वहीं बंगाल के कूच बिहार में भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी बस में तोड़फोड़ की है।
बंगाल में प्रदर्शनकारियों के द्वारा लगातार बस को रोका जा रहा है और हाइवे में जाम लगाया जा रहा है।
बंगाल के अलावा दिल्ली, पंजाब में भी भारत बंद का असर दिख रहा है। पंजाब के अमृतसर में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगाया तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली में ट्रेड यूनियन की तरफ से मार्च निकाला गया।
भारत बंद में शामिल हैं ये संगठन:
-कांग्रेस मजदूर संगठन- इंटक
-वामदलों का मजदूर संगठन- एटक
-सीटू
-एआईयूटीयूसी
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-टीयूसीसी
-एसईडब्ल्यूए
-एआईसीसीटीयू
-एलपीएफ
-यूटीयूसी
-सोशलिस्ट
बैंक यूनियनों ने किया हड़ताल का समर्थन
-भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए)
-अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए)
-भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघों
-बैंक कर्मचारी सेना महासंघ आदि
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भारत बंद क्यों ?
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि केंद्र सरकार की आर्थिक और जन विरोधी नीतियों के विरोध में हड़ताल का आयोजन किया गया है। इसके अलावा, वे लेबर लॉ का भी विरोध कर रहे हैं। साथ ही स्टूडेंट यूनिनय शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं।
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सरकार ने क्या कहा:
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को चेताया है कि यदि वे हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कर्मचारियों को यह चेतावनी देते हुए हड़ताल से दूर रहने को कहा गया है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो उसे उसके नतीजे भुगतने होंगे। वेतन काटने के अलावा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। केंद्र सरकार के सभी विभागों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि, 'इस तरह का कोई सांविधिक प्रावधान नहीं है जो कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का अधिकार देता हो।'