J&K: कुलगाम में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में दो आतंकी ढ़ेर
J&K: सोमवार को सुरक्षाबलों ने दो दहशतगर्दों को मार गिराया। जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक, जिले के नौपोरा-खेरपोरा, त्रुबजी इलाके में सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में लश्कर–ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ढ़ेर कर दिया।
Encounter in Kashmir: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का आतंकवाद (terrorism) प्रभावित जिला कुलगाम में सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के विरूद्ध अभियान तेज कर दिया है। सोमवार को एक ऐसी ही कार्रवाई में सुरक्षाबलों (security forces) ने दो दहशतगर्दों को मार गिराया। जम्मू कश्मीर पुलिस (Jammu and Kashmir Police) के मुताबिक, जिले के नौपोरा-खेरपोरा, त्रुबजी इलाके में सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में लश्कर–ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के दो आतंकवादियों को ढ़ेर (two terrorists killed) कर दिया।
सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सीमापार से 150 आतंकी जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं। इसके अलावा पाक अधिकृत कश्मीर के 11 ट्रेनिंग कैंपों में 500 से 700 के करीब आतंकियों को घुसपैठ करने के लिए तैयार किया जा रहा है। सेना के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि बॉर्डर पर तैनात जवान लगातार सीमापार से होने वाली घुसपैठ को नाकाम करने में जुटे हुए हैं।
अब तक घुसपैठ की कोशिशें रही हैं नाकाम
सेना के एक अधिकारी ने नाम न बताए जाने के शर्त पर बताया कि इस साल अब तक एलओसी (LOC) से घुसपैठ की कोई कोशिश कामयाब नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमने शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करन के लिए प्रणाली बना ली है। मगर हाल के वर्षों में जिस तरह से हमने मजबूत सुरक्षा की दीवार बनाई है, निगरानी उपकरणों की जिस तरह से तैनाती की गई है, उससे घुसपैठ में सफल होने की दर कम हो गई है।
वैकल्पिक मार्ग तलाश रहे आतंकी
लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर सख्त पहरा को देखते हुए पाकिस्तानी आतंकी वैकल्पिक मार्ग की तलाश में जुटे हुए हैं। सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, वे अब दक्षिण पीर –पंजाल के राजौरी –पुंछ के रास्ते से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले इसी माह कुलगाम (Kulgam) के खांदीपोरा इलाके में एक आतंकवादी के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान आतंकी ने सुरक्षाबलों पर गोली चलानी शुरू कर दी, इसके जवाब में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में आतंकवादी मारा गया। आंतकवादी की पहचान रसिक अहमद गनी के रूप में हुई थी। वह हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) से जुड़ा हुआ था और कुलगाम का ही रहने वाला था।