अमेरिकी सांसदों ने कश्मीर को लेकर जताई चिंता, भारत पर दबाव बनाने की मांग

पोम्पिओ को 11 सितंबर को लिखे गए पत्र में प्रमिला जयपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को तत्काल जम्मू-कश्मीर में जाने की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि वह मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच कर पाएं।

Update:2023-04-19 16:13 IST

वाशिंगटन: कश्मीर में मानवाधिकार स्थिति को लेकर अमेरिका के दो सांसदों ने चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से अपील की है कि वह कश्मीर में संचार माध्यमों को तत्काल बहाल करने और हिरासत में लिए गए। सभी लोगों को छोड़ने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाए।

पोम्पिओ को 11 सितंबर को लिखे गए पत्र में प्रमिला जयपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को तत्काल जम्मू-कश्मीर में जाने की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि वह मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच कर पाएं।

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आपको बता दें कि पांच अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था और राज्य को मिला विशेष दर्जा भी खत्मि कर दिया था।

1 सितंबर को लिखी गई चिट्ठी 11 सितंबर को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भारतीय मूल की पहली अमेरिकी कांग्रेस सदस्या प्रमिला जयपाल और कांग्रेस सदस्य जेम्स पी मैकगर्वन ने माइक पोंपेयो को चिट्ठी लिखी थी।

इस चिट्ठी में लिखा है कि जम्मूट कश्मी्र में तुरंत ही मानवाधिकार पर्यवेक्षकों को दाखिल होने की अनुमति देनी चाहिए ताकि वे यहां की स्थिति की पड़ताल कर सकें।

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चिट्ठी में लिखी हैं ये बातें

चिट्ठी में लिखा है, 'हम आपसे अपील करते हैं कि प्रशासन को भारत सरकार पर दबाव डालना चाहिए और कश्मीर में कम्युनिकेशन ब्लैकआउट को तुरंत खत्म करने, रिव्यू की प्रक्रिया तेज करने और सुरक्षात्मक तौर पर हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को रिहा करने के अलावा अस्पतालों में दवाईयों कह उपलब्धता के अलावा कश्मीर के लोगों के अधिकार जैसे प्रार्थना और इकट्ठा होने को बहाल किया जाए।'

इन दोनों सांसदों ने पोंपेयो को बताया है कि उन्हें कश्मी र में मानवाधिकार संकट को लेकर काफी चिंता हो रही है। पांच अगस्तन को जब आर्टिकल 370 हटाया गया था, उसके बाद से यहां पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए गए थे।

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