आफत की बारिशः इन जिलों को मिली चेतावनी, सैकड़ों गांव डूब गए ताजा बाढ़ में
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रविवार को गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है।
लखनऊ। महाराष्ट्र, गुजरात और असम के बाद अब मानसूनी बादलों ने अब उत्तर दिशा की राह पकड़ ली है। जिसके कारण अब दिल्ली, बिहार और यूपी भी मानसूनी बारिश से सराबोर होना शुरू हो गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आगामी दो दिन तक बंगाल, सिक्किम, आसाम, अरूणाचंल प्रदेश, मेघालय, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में भारी बारिश होने की संभावना है।
ये क्षेत्र शामिल
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रविवार को गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है। इनमें बुलंदशहर, संभल, बदायूं, बरेली, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, सीतापुर, हरदोई, मैनपुरी, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, अयोध्या, अमेठी, अंबेडकरनगर, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, संत कबीर नगर, आजमगढ़, गोरखपुर, सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, महाराजगंज, देवरिया, बलिया तथा कुशीनगर जिले और आसपास के क्षेत्र शामिल हैं।
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मौसम विभाग ने लगाया ये लगाया अनुमान
मौसम विभाग का अनुमान है कि मंगलवार तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। दिल्ली में रविवार सुबह से जोरदार बारिश हुई। इससे दिल्ली के लोगों को गर्मी से तो राहत मिली लेकिन सड़कों पर पानी भरने से लोगों घंटों जाम से जूझना पड़ा। दिल्ली के आईटीओं के पास ओवर ब्रिज के नीचे पानी भरने से डीटीसी की कई बसे फंस गई। मिंटों ब्रिज के नीचे एक बस करीब पूरी तरह से डूब गई। बस में कोई यात्री न होने के कारण कोई दुर्घटना नहीं हुई। मिंटो ब्रिज के नीचे ही एक मिनी ट्रक फंसने के कारण उसमे मौजूद ड्राइवर की मौत हो गई है।
बिहार के 11 जिलों में रेड अलर्ट जारी
इधर, बिहार में भी मानसून सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने बिहार के 11 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। पूर्णिया, अररिया, कटिहार, दरभंगा, समस्तीपुर, किशनगंज, सीतामढ़ी, मधेपुरा, मधुबनी, समस्तीपुर और सुपौल में अगले 72 घंटों के दौरान भारी बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। बिहार में नेपाल से आने वाली नदियां भी उफान पर है, जिससे राज्य में बाढ़ की आशंका बढ़ती जा रही है। बिहार के सुपौल, सहरसा, कटिहार, मधुबनी जिलों के सैकड़ों गांव इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं।
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कई गांवो में घुसा पानी
कोसी नदी के उफान के कारण कई गांवों में भी पानी घुस गया है। खेत, घर और सड़के सभी पानी से लबालब है। इसी तरह सहरसा में बाढ़ के पानी का कहर ऐसा है कि लोग अपने घरों से पलायन कर गए है। सहरसा में एक कच्चा पुल ढहने के कारण लोग किराये की निजी नाव के जरिए आवागमन करने को मजबूर है। कोरोना काल में बाढ़ के इस प्रकोप के कारण बीमारों का भी इलाज होने में मुश्किल आ रही है।
बिहार के भिलाई में लोगों ने अपने घरो से पलायन कर मंदिरों की शरण ली हुई है। यहां लोगों का कहना है कि कोसी में पानी बढ़ने और बारिश के बढ़ने से खतरा बढ़ता ही जायेगा। कोसी की बाढ़ के चलते सहरसा, मधुबनी, सुपौल जिले तो बुरी तरह चपेट में आते हैं साथ ही खगड़िया और कटिहार जिलों में भी इसका असर होता है।
सबसे ज्यादा खराब हालात आसाम के
देश के पूर्वाेत्तर की बात करे तो सबसे ज्यादा खराब हालात आसाम के है। यहां बाढ़ के कारण अब तक करीब 90 लोगों की जान जा चुकी है। आसाम में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर चुकी है।आसाम के 33 में से 30 जिलों के 4 हजार 766 गांवों के करीब 50 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित है। करीब डेढ लाख लोग अपना घर छोड़ कर राहत शिविरों में रह रहे है। यहां के मशहूर काजीरंगा नेशनल पार्क भी करीब-करीब पूरी तरह से डूब गया है और यहां करीब 100 जानवरों के मारे जाने की खबर है।
रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ
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