राज्यपाल और ममता सरकार में तनातनी बढ़ी, बुलावे पर नहीं आए 20 में से 19 वीसी
पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार में तनातनी फिर बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। राज्यपाल की ओर से राज्य के 20 सरकारी...
अंशुमान तिवारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार में तनातनी फिर बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। राज्यपाल की ओर से राज्य के 20 सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बुलाई गई वर्चुअल कान्फ्रेंस में 19 कुलपतियों ने हिस्सा नहीं लिया। इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए सिर्फ एक कुलपति उपस्थित थे। कुलपतियों की इस बेरुखी से राज्यपाल काफी नाराज दिखे और उन्होंने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का एलान किया है। माना जा रहा है की उच्च शिक्षा विभाग की मंजूरी न मिलने के कारण कुलपतियों ने इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया।
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सिर्फ एक कुलपति ने लिया बैठक में हिस्सा
जानकार सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने छात्रों की समस्याओं का समाधान करने के लिए बुधवार को कुलपतियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में सिर्फ पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंसेज के वीसी राजेंद्र पांडे ने हिस्सा लिया। राज्यपाल ने कुलपति के साथ विभिन्न शैक्षणिक मुद्दों पर चर्चा की। राज्यपाल धनखड़ राज्य के सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। राज्यपाल ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को 7 जुलाई को पत्र भेजकर 15 जुलाई को होने वाली वर्चुअल कांफ्रेंस में हिस्सा लेने को कहा था। उन्होंने विश्वविद्यालयों के वीसी के साथ ही प्रोवीसी को भी सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बुलाया था।
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राज्यपाल के सीधे पत्र लिखने पर उठाया सवाल
राज्यपाल के पत्र लिखने के बावजूद सिर्फ एक विश्वविद्यालय के वीसी ही बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। राज्य के अनुदानित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की संस्था पश्चिम बंगाल कुलपति परिषद ने मंगलवार को एक बयान जारी कर राज्यपाल से सलाह मांगी थी कि क्या नियम इस तरह की बातचीत करने की अनुमति देते हैं। कुलपति परिषद के पदाधिकारी का कहना है कि हमारा मानना है कि उच्च शिक्षा विभाग को लिखे बिना राज्यपाल हमें इस तरह सीधे पत्र कैसे लिख सकते हैं। हालांकि पदाधिकारी ने इस बात का भी जिक्र किया कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं।
उच्च शिक्षा विभाग ने नहीं दी अनुमति
पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और ममता सरकार के बीच हाल के दिनों में कई मुद्दों को लेकर तनातनी चल रही है। राज्यपाल की ओर से इससे पहले बुलाई गई बैठक में अफसरों ने भी हिस्सा नहीं लिया था। जानकार सूत्रों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से हरी झंडी नहीं मिलने के कारण कुलपति इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे। राज्यपाल से तनातनी के कारण उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कुलपतियों को बैठक में हिस्सा लेने के लिए अनुमति नहीं दी गई।
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राज्यपाल ने लगाया यह आरोप
बैठक के बाद राज्यपाल ने ट्वीट किया कि कॉन्फ्रेंस में मौजूद पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति और प्रति कुलपति से मिली सूचनाओं का लाभ मिला। उन्होंने बैठक में हिस्सा न लेने वाले कुलपतियों पर छात्र हितों की अवहेलना का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छात्र हितों की अवहेलना के कारण ही अन्य कुलपति इस बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। उन्होंने छात्र हितों के साथ कोई समझौता न करने की बात भी कही। धनखड़ ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है और माना जा रहा है कि इस कॉन्फ्रेंस में वे इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात कहेंगे।
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पश्चिम बंगाल में सियासी पारा गरमाया
इस बीच पश्चिम बंगाल में एक भाजपा विधायक की संदिग्ध हालात में हुई मौत को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है। भाजपा का आरोप है कि ममता सरकार की उत्पीड़न भरी कार्रवाई के कारण विधायक की संदिग्ध हालात में मौत हुई है और इस मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए। भाजपा ने इस बाबत राष्ट्रपति तक को ज्ञापन दिया है। दूसरी और ममता सरकार का कहना है कि इस मामले की जांच की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि विधायक ने सुसाइड किया है।
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