आरोग्य सेतु ऐप के बारे में चौंकाने वाला खुलासा, उड़ जाएंगे आपके होश, नोटिस जारी

हवाई यात्राओं से लेकर मेट्रो और ट्रेनों में यात्रा से पहले आरोग्य सेतु ऐप की जाच की जाती है। लाखों भारतीय इस ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड किए हैं। अब इस बीच आरोग्य सेतु ऐप को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है जिसको जानकर आपके होश उड़ जाएंगे।

Update: 2020-10-28 14:58 GMT
लाखों भारतीय इस ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड किए हैं। अब इस बीच आरोग्य सेतु ऐप को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसको जानकर आपके होश उड़ जाएंगे।

नई दिल्ली: कोरोना संकट के दौरान आरोग्य सेतु ऐप का महत्व सरकार बताती रही है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषणों में लोगों इस ऐप को डाउनलोड करने की अपील कई बार की है।

हवाई यात्राओं से लेकर मेट्रो और ट्रेनों में यात्रा से पहले इसकी जाच की जाती है। लाखों भारतीय इस ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड किए हैं। अब इस बीच आरोग्य सेतु ऐप को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसको जानकर आपके होश उड़ जाएंगे।

NIC ने लगाई कड़ी फटकार

सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाले नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलोजी मिनिस्ट्री ने कहा कि उनको नहीं पता है कि आरोग्य सेतु ऐप को किसने बनाया है। अब इस मामले को लेकर चीफ इन्फॉर्मेशन कमिशन(सीआईसी) ने NIC को कड़ी फटकार गई है। इसके साथ ही चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसरों को नोटिस जारी किया है। बता दें कि आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट पर बताया गया है कि नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलोजी मिनिस्ट्री ने इसे बनाया है।

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अधिकारियों को किया तलब

चीफ इन्फॉर्मेशन कमिशन की तरफ से कहा गया आरोग्य सेतु ऐप को लेकर पूछे गए आरटीआई सवालों पर जवाब दें। साथ में यह भी कहा गया है कि सवालों के जवाब टालमटोल वाला नहीं होने चाहिए। अथॉरिटीज की तरफ से जानकारी न होने की दलील देना स्वीकार्य नहीं है। आगे कहा गया है कि किसी पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर्स इस बात जानकारी नहीं है कि किसने ऐप बनाया है, कहां पर फाइल्स हैं और यह बेहद ऊटपटांग है। सीआईसी ने संबंधित विभागों को 24 नवंबर को तलब किया है।

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दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ दास ने सूचना आयोग से शिकायत की थी कि आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया इस बारे में कई मंत्रालय जवाब भी नहीं दे पाए। दास ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप को बनाने वाले के बारे में जानने के लिए एनआईसी, नैशनल ई-गवर्नेंस डिविजन और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संपर्क साधा। दास ने शिकायत में आरोप लगाया है कि ना ही एनआईसी और ना ही मिनिस्ट्री की उन्हें कोई जानकारी दी।

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सरकार ने दिया जवाब

अब इसको लेकर सरकार ने जवाब दिया है। सरकारी की तरफ से कहा कि आरोग्य सेतू एप को 21 दिन के अंदर रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया था, लेकिन लॉकडाउन के रेस्ट्रिक्शन में इससे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम लिया जा सके। इस ऐप को इंडस्ट्री के बेस्ट माइंड, एकेडमिया और सरकार ने मिल कर बनाया है। सरकार ने अपने बयान में कहा है कि भारत में कोरोना महामारी महामारी में आरोग्य सेतू एप के रोल को लेकर किसी मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। सरकार ने कहा है कि 26 मई 2020 को आरोग्य सेतू एप को सोर्स कोड पब्लिक किया गया है। आरोग्य सेतू एप ने ट्विटर हैंडल से भी इसे ट्वीट किया गया है।

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