Parliament Session: 'नियम 357' से बीजेपी का 'माफी' दांव फेल करेंगे राहुल गांधी?
Parliament Session: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी की सदन में बोलने की मांग खारिज कर दी है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने नियम 357 के तहत स्पीकर को नोटिस नहीं दी थी। सोमवार को राहुल गांधी ने नियम 357 के तहत लोकसभा स्पीकर को नोटिस देकर सदन में बोलने अनुमति मांगी है।
Parliament Session: राहुल गांधी के लंदन वाले बयान संसद के दोनों सदनों में हंगामा मचा हुआ है। सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों (एनडीए) की मांग है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष बिना शर्त अपने बयान पर माफी मांगें। वहीं, राहुल गांधी ने साफ कहा है कि वह खुद पर लगे आरोपों का जवाब संसद में ही देंगे। इसके लिए उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की थी और उन्हें पत्र सौंपकर लोकसभा में बोलने के लिए वक्त भी मांगा था, लेकिन स्पीकर ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी की मांग खारिज कर दी है। बताया जा रहा है कि इसकी वजह नियम 357 है, जिसके तहत उन्होंने लोकसभा में बोलने का वक्त नहीं मांगा था। इसी को आधार बनाकर स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी की मांग खारिज कर दिया है। वहीं, अब जानकारी मिल रही है कि सोमवार को राहुल गांधी ने नियम 357 के तहत लोकसभा स्पीकर को नोटिस भेजा है।
नियम के मुताबिक नोटिस देंगे राहुल गांधी?
लोकसभा सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलने के लिए नियमानुसार नोटिस नहीं दिया। शुक्रवार को एक पत्र देकर केवल यह कहा था कि वह लोकसभा में बोलना चाहते हैं। जबकि इसके लिए नियम 357 के तहत नोटिस देना चाहिए। इसीलिए अभी तक उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला। अब अगर वे नियमों के मुताबिक नोटिस देते हैं तो उन्हें बोलने का मौका मिल सकता है।
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संसद में बोलने का मांगा था वक्त
मिल रही जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी फिर से नियम 357 के तहत लोकसभा में बोलने की इजाजत मांग सकते हैं। संभवतया तब उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जा सकता है। 16 मार्च को राहुल गांधी ओम बिरला से मुलाकात कर संसद में बोलने का वक्त मांगा था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अंदेशा जताया था कि उन्होंने बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि संसद के लिए ये एक तरह से परीक्षा की घड़ी है।