YES BANK ग्राहकों को एक और झटका, यहां ढाई हजार करोड़ फंसे

अशोक खेमका ने यस बैंक की स्थिति को लेकर सिस्टम पर तंज कसा है। सूत्रों के अनुसार निजी बैंक में इतनी बड़ी राशि जमा कराने की मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी जानकारी नहीं है।

Update: 2020-03-07 15:45 GMT

कैथल: आदमी कड़ी मेहनत करके जब पैसा कमाता है तो उस पैसे को सुरक्षित रखने का घर से ज्यादा सुरक्षित जगह बैंक होता है। लेकिन जब कोई बैंक डूबता है तो आम आदमी का पैसा हो या ख़ास का अफरातफरी मच जाती है।

छोटा हो या बड़ा, बैंक का हर ग्राहक अपना पैसा वापस पाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। ताजा मामला यस बैंक का है, जो डूबने की कगार पर है और अब आरबीआई उसपर फैसला लेगा। फिलहाल निकासी की सीमा 50000 रुपये तय की गई है।

वहीं अब हरियाणा से खबर है कि यहां पर यस बैंक में हरियाणा सरकार के भी लगभग 2500 करोड़ रुपये फंस गए हैं। इसमें करीब एक हजार करोड़ रुपये अकेले हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के हैं। पूरी राशि को सरकारी विभागों व निगमों ने तीन महीने के भीतर ही बैंक में जमा कराया है।

इतनी बड़ी राशि किसकी अनुमति से व क्यों निजी बैंक में जमा कराई गई, इस पर विभाग घिर गए हैं। ये विभागों व निगमों का अपना निर्णय है या वित्त विभाग के निर्देशों पर ऐसा किया गया, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई हैं। सरकार के भीतर इसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है।

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कांग्रेस ने उठाये सवाल

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। एआईसीसी मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सुरजेवाला ने दो ट्वीट किए हैं। जिसमें यह भी लिखा है कि यह संयोग है या प्रयोग। अशोक खेमका ने यस बैंक की स्थिति को लेकर सिस्टम पर तंज कसा है। सूत्रों के अनुसार निजी बैंक में इतनी बड़ी राशि जमा कराने की मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी जानकारी नहीं है।

राशि फंसने से वे नाराज बताए जा रहे हैं। इसकी गाज विभागों व निगमों के अधिकारियों पर गिर सकती है। ढाई हजार करोड़ फंसने से विभागों, निगमों का वित्तीय ढांचा गड़बड़ा सकता है। नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कही ये बात

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा है कि आरबीआई ने यस बैंक को वीक गवर्नन्स व पूंजी क्वॉलिटी के गलत आंकलन बारे 22 सितंबर, 2019 को पत्र लिखा था। यस बैंक 12 फरवरी, 2020 को स्टॉक एक्स्चेंज से पूंजी तलाशता रहा पर नहीं मिली। फिर भी महीना भर पहले हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम ने 1,000 करोड़ डूबते बैंक में क्यों जमा कराए? संयोग है या प्रयोग?

हरियाणा के और कितने विभाग, जिन्होंने पिछले 3 महीने में यस बैंक में सरकार का पैसा जमा कराया? ये कितने हजार करोड़ है? डूबते बैंक में ये पैसा किस सत्ताधारी के हुकम से जमा करवाया गया? हरियाणा के विभागों, बोर्ड, कार्पोरेशन का कुल कितना धन यस बैंक में जमा कराया गया है? मुख्यमंत्री जबाब दें !

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खेमका का तंज, कब तक ऐसे ही चलेगा

अशोक खेमका ने यस बैंक मामले में ट्वीट कर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि कितनी ही कंपनियों का दीवाला निकल रहा है। अंत में नुकसान आम जनता या लेनदारों का। प्रमोटर, ऑडिटर, रेटिंग एजेंसी, ट्रस्टी, रेगुलेटर का दीवाला होते कभी सुना? घुमावदार बातों से डकैतियों पर पर्दा डाला जाता है। डराया जाता है सजा दिलाने से अर्थव्यवस्था चरमराएगी। कब तक ऐसे ही चलेगा?

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