जानिए शाह ने क्यों कहा समाज सुधारकों में लिखा जाएगा पीएम मोदी का नाम?

उन्होंने कहा कि तीन तलाक को खत्म करना आसान नहीं था। मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिल लेकर आई। लोकसभा में बीजेपी का बहुमत था हमने पास कराया। पर राज्यसभा में कांग्रेस का बहुमत था उन्होने बिल को गिराया।

Update:2019-08-18 20:17 IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि तीन तलाक के विरोध के पीछे तुष्टीकरण की राजनीति है।

शाह ने कहा कि तीन तलाक किसी में हटाने की हिम्मत नहीं थी।

यह ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए पीएम मोदी का नाम इतिहास के समाज सुधारकों में लिखा जाएगा।

उक्त बातें शाह ने रविवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में कही।

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‘वोटबैंक की राजनीति ने किया देश का नुकसान’

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “वोटबैंक की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया।

तीन तलाक एक उदाहरण है। देश की समरसता और देशभक्ति के आडे भी ये तुष्टिकरण की राजनीति आई।

शार्टकट के जरिए सत्ता पाना भी इस राजनीति की एकवजह है।”

“मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि ये केवल मुस्लिम समुदाय के हित के लिए है। किसी और चीज के लिए नहीं।

हिंदू, ईसाई और जैन इससे लाभान्वित नहीं होने जा रहे हैं क्योंकि उन्हें इसका खामियाजा कभी नहीं भुगतना पड़ा।”

धर्म की दुहाई देने वालों पर साधा निशाना

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग तीन तलाक पर धर्म की दुहाई देते है।

पाकिस्तान समेत 19 देशों में तीन तलाक को ‘तलाक’ दे दिया जिसमें 16 इस्लामिक देश है।

शरीयत और इस्लाम में ये जरूरी होता तो इस्लामिक देश इसे क्यों खत्म करते?

इसी से पता चलता है कि तीन तलाक गैर-इस्लामिक है। तीन तलाक कानून मुस्लिम समाज के फायदे के लिए है।

तीनतलाक शरीयत और कुरान का हिस्सा नहीं है।

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शाहबानो मामले का किया जिक्र

शाहबानो मामले का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, “राजीव गांधी लगभग 400 के बहुमत से शासन कर रहे थे।

वो दिन संसद के इतिहास में काला दिन माना जाएगा।

जब आर्थोडॉक्स के दबाव में कानून बनाकर मुस्लिम बहनों पर फिर से तीन तलाक थोप दिया।

कांग्रेस को अभी तक शर्म नहीं है। खुद को प्रोग्रेसिव कहने वालों ने तीन तलाक की रूढिवादी प्रथा को आगे बढ़ाया।”

‘तीन तलाक को खत्म करना नहीं था आसान’

उन्होंने कहा कि तीन तलाक को खत्म करना आसान नहीं था।

मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिल लेकर आई।

लोकसभा में बीजेपी का बहुमत था हमने पास कराया। पर राज्यसभा में कांग्रेस का बहुमत था उन्होने बिल को गिराया।

दो बार ऐसा हुआ पर हम अध्यादेश लाए।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में हमने ये कानून बनाया। ये मुस्लिम महिलाओं की समानता और न्याय के लिए है।

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