बिहार चुनाव: पहले चरण की 71 सीटों पर RJD के सामने गढ़ बचाने की चुनौती
भाजपा और जदयू के गठबंधन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद-कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों के महागठबंधन की पूरी तरह से हवा निकाल दी थी।
मनीष श्रीवास्तव
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के जिन 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों पर 28 अक्टूबर को वोटिंग होनी है उसे वैसे तो लालू यादव का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन यहां जब-जब भाजपा को जदयू का साथ मिला है तो उसने इस गढ़ को फतेह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू के गठबंधन ने लालू यादव के इस मजबूत किलें को ध्वस्त कर दिया था। जबकि वर्ष 2015 के चुनाव में नीतीश जब लालू के साथ आ गए तो एक बार फिर यहां लालू का परचम लहराया। लेकिन इसके बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नीतीश के फिर से राजग के साथ चले जाने से लालू यादव की राजद का तो सूपड़ा ही साफ हो गया।
2010 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा का गठबंधन
वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा का गठबंधन था तो लालू यादव की राजद और रामविलास पासवान की लोजपा गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरे थे। जबकि कांग्रेस अकेले ही इस चुनाव में उतरी थी। जिसमे जदयू को 115 और भाजपा को 91 सीटों पर जीत मिली थी। इस तरह जदयू-भाजपा गठबंधन ने कुल 243 सीटों में से 206 पर जीत हासिल की थी।
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राजद और लोजपा ने किया था गठबंधन
इस चुनाव में राजद को 22 तथा लोजपा को 03 और कांग्रेस को महज 04 सीटे ही मिली थी। वामदलों की बात करे तो एक सीट के साथ केवल सीपीआई ही विधानसभा में पहुंचने में कामयाब हो पायी थी। इस चुनाव में पहले चरण की 71 सीटों में भाजपा व जदयू गठबंधन 61 सीटों पर अपना परचम फहरानें में कामयाब रही थी। जिसमे भाजपा को 22 तथा जदयू को 39 सीटों पर सफलता मिली थी। जबकि राजद और लोजपा गठबंधन को केवल 06 सीटों से संतोष करना पड़ा था। जिसमे राजद को 05 तथा लोजपा को महज 01 सीट पर कामयाबी हासिल हुई थी। इस चुनाव में कांग्रेस को 01, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 01 तथा 02 निर्दलीयों को जीत हासिल हुई थी।
2015 में नीतीश कुमार ने छोड़ा BJP का साथ, लालू यादव का थामा दामन
वर्ष 2015 कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ कर लालू यादव का दामन थाम लिया था। इस चुनाव में लालू और नीतीश की जोड़ी वाले महागठबंध ने भाजपा की अगुवाई वाले राजग का सफाया कर दिया था। इस वर्ष पहले चरण के चुनाव में 71 सीटों में से 27 पर राजद ने तो 18 पर जेडीयू ने कब्जा कर लिया। भाजपा को यहां केवल 13 सीटें ही मिली थी। जबकि कांग्रेस ने 09 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को 01, सीपीआई माले को 01 और एक सीट पर निर्दलीय को जीत मिली थी।
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पासवान की लोजपा का खाता भी नहीें खुल पाया
इस चुनाव में पासवान की लोजपा का खाता भी नहीें खुल पाया था। इस वर्ष पहले चरण की इन 71 सीटों पर सबसे ज्यादा 22 यादव समुदाय के प्रत्याशियों को जीत मिली थी। जबकि क्षत्रिय, भूमिहार और कुशवाहा समुदाय के 07-07 प्रत्याशी जीतने में सफल रहे थे। वहीं, 03 सीटों पर कुर्मी और 13 सुरक्षित सीटों पर एससी-एसटी समुदाय के प्रत्याशी जीते थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में JDU फिर भाजपा के साथ
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नीतीश एक बार फिर भाजपा के साथ राजग में शामिल हो गए थे। इस चुनाव में विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से भाजपा को 23 और जदयू को 26 सीटों पर जीत हासिल हुई थी तथा लोजपा को 12 सीटों पर कामयाबी मिली थी। जबकि राजद को 05 सीटों पर, कांग्र्रेस, सीपीआई माले तथा बीएलएसपी को 01-01 सीट पर ही सफलता मिल पायी थी।
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JDU-BJP का गठबंधन सब पर भारी
कुल मिला कर भाजपा और जदयू के गठबंधन ने राजद-कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों के महागठबंधन की पूरी तरह से हवा निकाल दी। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर राजग का कब्जा हो गया। इस चुनाव में महागठबंधन का जातीय समीकरण पूरी तरह से फेल हो गया तथा मुस्लिम-यादव गठजोड़ का गणित भी पूरी तरह से गड़बड़ा गया।
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू और नीतीश ने एक साथ आ कर भले ही भाजपा को परास्त कर दिया हो लेकिन अब समीकरण बदल गए है। नीतीश एक बार फिर राजग के साथ है। इस चरण की आधी से ज्यादा सीटों पर राजग का कब्जा है। ऐसे में तेजस्वी यादव के सामने अपनी सीटों को बचाये रखने की बड़ी चुनौती है।
पहले चरण में इन सीटों पर चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 71 विधानसभा सीटें है, जिनमें कहलगांव, सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया (एससी), बांका, कटोरिया (एसटी), बेलहर, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़, लखीसराय, शेखपुरा, बरबीघा, मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी (एससी), पालीगंज, बिक्रम, संदेश, बराहरा, आरा, अगियांव (एससी), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर, ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, रायपुर (एससी), मोहनिया (एससी), भभुआ, चैनपुर, चेनारी (एससी), सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, देहरी, कराकट, अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोसी, मखदूमपुर (एससी), गोह, ओबरा, नबी नगर, कुटुम्बा (एससी), औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोध गया (एससी), गया टाउन, टेकारी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, राजौली (एससी), हिसुआ, नवादा, गोबिंदपुर, वरसालीगंज, सिकंदरा (एससी), जमुई, झाझा, चकाई शामिल हैं।
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