बिहार में नामांकन आज से, एनडीए व महागठबंधन में नहीं सुलझा सीटों का विवाद

कोरोना संकट के बीच बिहार में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो रही है। नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत के समय तक एनडीए और विपक्षी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा पेंच नहीं सुलझ सका है।

Update: 2020-10-01 03:55 GMT

अंशुमन तिवारी

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच बिहार में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो रही है। नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत के समय तक एनडीए और विपक्षी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा पेंच नहीं सुलझ सका है।

बुधवार को देर रात तक सीट बंटवारे का विवाद सुलझाने के लिए बैठकों का दौर जारी रहा मगर अंतिम फैसला नहीं हो सका। एनडीए में सीटों के बंटवारे का मामला लोजपा के मुखिया चिराग पासवान ने उलझा रखा है तो विपक्षी महागठबंधन के दो प्रमुख दलों राजद और कांग्रेस में ही सीटों को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

71 सीटों के लिए नामांकन आज से

पहले चरण में 16 जिलों के 71 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन दाखिल किए जाएंगे। पहले चरण के नामांकन दाखिले की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है, जबकि 12 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगा।

पहले चरण के मतदान के दौरान राजद और नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है क्योंकि इस दौरान राजद के कई प्रमुख नेताओं के साथ ही नीतीश सरकार के सात मंत्रियों की किस्मत का फैसला होगा।

एनडीए में सीट बंटवारे की कवायद तेज

एनडीए में सीटों के बंटवारे का विवाद सुलझाने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पहले राज्य नेतृत्व के साथ चर्चा की और अब एनडीए के अन्य घटक दलों के साथ चर्चा की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अंतिम चर्चा करने के लिए भूपेंद्र यादव व देवेंद्र फडणवीस पटना पहुंच गए हैं।

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लोजपा मुखिया चिराग पासवान से दिल्ली में बातचीत कर उन्हें एनडीए में ही बने रहने के लिए तैयार करने की कवायद की जा रही है। जानकार सूत्रों का कहना है कि एनडीए में सीटों के बंटवारे की घोषणा एक-दो दिनों में कर दी जाएगी।

विवाद सुलझाने में जुटा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व

बुधवार को दिन भर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सीटों के बंटवारे का विवाद सुलझाने में जुटा रहा। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने लगभग तीन घंटे तक चली बैठक के दौरान सीटों को चिन्हित करने और चुनाव अभियान को तेज करने के मुद्दे पर लंबी चर्चा की।

 

इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रभारी महासचिव भूपेंद्र यादव, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद थे।

एनडीए की फिर सरकार बनने का दावा

बैठक के बाद भूपेंद्र यादव ने दावा किया कि एनडीए एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगा और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी। उन्होंने सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर भाजपा, जदयू और लोजपा में किसी प्रकार का मतभेद न होने का दावा भी किया।

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भाजपा ने फैसला किया है कि सहयोगी दलों से सीट बंटवारे के मुद्दे पर बातचीत की जिम्मेदारी भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस निभाएंगे। भाजपा की इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान फडणवीस को बिहार के लिए चुनाव प्रभारी बनाने की घोषणा भी की गई।

चिराग पासवान से फिर होगी चर्चा

जानकार सूत्रों का कहना है कि सीटों के बंटवारे का विवाद सुलझाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व और चिराग पासवान के बीच एक बार फिर चर्चा होगी। इसके बाद भाजपा, जदयू और लोजपा तीनों दलों के नेता एक साथ बैठकर सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देंगे।

कांग्रेस और राजद में खींचतान जारी

उधर महागठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान चल रही है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस विवाद को जल्द सुलझाने के लिए कांग्रेस हाईकमान और राजद नेता तेजस्वी यादव के बीच जल्द ही बातचीत हो सकती है।

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हालांकि दोनों पार्टियों की ओर से मिलकर विधानसभा चुनाव में उतरने की बात कही जा रही है। कांग्रेस के केंद्रीय और राज्य स्तरीय नेताओं में बुधवार को दिन भर सीट बंटवारे का विवाद सुलझाने के लिए चर्चा चलती रही।

कांग्रेस की 75 सीटों की मांग

सियासी जानकारों का कहना है कि महागठबंधन में कांग्रेस की ओर से 75 सीटों की मांग की जा रही है जबकि राजद इतनी ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि जीतन राम मांझी की पार्टी हम और रालोसपा के महागठबंधन से बाहर जाने के बाद उसे ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए।

दूसरी ओर राजद कांग्रेस को 60 से ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। इसी कारण दोनों पार्टियों के बीच विवाद पैदा हो गया है।

गठबंधन टूटने तक नहीं पहुंचेगा विवाद

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि चुनाव के दौरान हर पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों की इच्छा रखती है। ‌ इसीलिए कांग्रेस की ओर से भी ज्यादा सीटें मांगी जा रही हैं मगर दोनों दलों के बीच मतभेद इस हद तक नहीं पहुंचेगा कि गठबंधन टूट जाए। कांग्रेसी नेताओं का दावा है कि जल्द ही दोनों पार्टियां सीट बंटवारे का विवाद सुलझा लेंगी और विपक्षी महागठबंधन में सीटों का एलान कर दिया जाएगा।

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