बिहार: महागठबंधन पर उठ रहे सवाल, उपचुनाव वाली सीटों पर खींचतान शुरू
इस बीच राजद ने साफ किया है कि तेजस्वी के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। बिहार विधानपरिषद में विरोधी दल के मुख्य सचेतक सुबोध राय ने कहा कि तेजस्वी के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है।
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव में साल भर का ही समय बचा है मगर महागठबंधन में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरजेडी और हम के शीर्ष नेतृत्व की नामौजूदगी से महागठबंधन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि इस दौरान मौजूद नेताओं ने महागठबंधन की मजबूती का दम भरा मगर माहौल से साफ हो गया अंदरखाने खींचतान जरूर चल रही है।
पांच खाली सीटों पर होना है उपचुनाव
लोकसभा चुनाव में बिहार के पांच विधायक जीतकर सांसद बन गए हैं। लिहाजा रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। विधानसभा चुनाव से पहले इन पांच खाली सीटों पर टिकट को लेकर महागठबंधन में शामिल दलों में खींचतान शुरू हो गई है।
यह भी पढ़ें: PM मोदी के बचपन की ये अद्भुत कहानियां आपको कर देंगी हैरान
लोकसभा में करारी शिकस्त के बाद महागठबंधन के घटक दल एकता के नगमे फिर से गाने लगे हैं, लेकिन दूसरी ओर सीटों के लिए भी मारामारी भी दिखने लगी है। पांच सीटों पर ही उपचुनाव होने हैं और राजद और कांग्रेस की ओर से तीन-तीन की दावेदारी पहले ही सामने आ चुकी है।
यह भी पढ़ें: Oh Shit! सैफ की बेटी पकड़ी गई इस हालत में, तस्वीरें हुईं वायरल
अब जीतनराम मांझी की पार्टी हम भी दो सीटों की मांग करने लगी है। लोकसभा चुनाव के समय भी गठबंधन के दलों में खूब खींचतान हुई थी। इसी कारण लोकसभा के टिकट भी काफी देर से बांटे जा सके थे। अब माना जा रहा है कि लोकसभा की तरह उपचुनाव भी महागठबंधन की एकता की परीक्षा लेने वाला है।
कांग्रेस ने तीन सीटों पर किया दावा
लोकसभा चुनाव में जो विधायक किस्मत आजमाकर सांसद बन गए हैं, उनमें जदयू के चार और कांग्रेस का एक विधायक है। जदयू विधायकों में बेलहर से गिरिधारी यादव, नाथनगर से अजय मंडल, दरौंदा से कविता सिंह और सिमरी बख्तियारपुर से दिनेश चंद्र यादव सांसद बन गए हैं।
यह भी पढ़ें: 500 रु में बड़े फायदे: तुरंत जुड़ें मोदी की इन लाजवाब स्कीमों से
कांग्रेस के किशनगंज विधायक डॉ. मुहम्मद जावेद ने भी संसदीय चुनाव जीतकर बिहार में कांग्रेस के लिए खाता खोला था। जावेद की जीत से उत्साहित कांग्रेस इसी आधार पर खुद को राजद से आगे बता रही है। कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने किशनगंज के अलावा नाथनगर और सिमरी बख्तियारपुर पर भी दावा किया है। उनका आधार तीनों सीटों पर कांग्रेस की पूर्व की जीत है।
राजद और मांझी भी कर रहे दावा
लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस को छोडक़र महागठबंधन के सारे घटक दल एक भी सीट नहीं जीत सके। ऐसे में किशनगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस की दावेदारी को लेकर किसी तरह का अगर-मगर नहीं है, लेकिन अन्य चार सीटों पर विवाद गहराने के आसार हैं। प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राजद कम से कम तीन सीटों की दावेदारी कर रही है। राजद लोकसभा चुनाव में हुई हार की भरपाई करना चाहती है।
यह भी पढ़ें: अफवाहों से सावधान! मोटर बाइक या कार के लिए नहीं है कोई ड्रेस कोड
पार्टी की नजर बेलहर के अलावा नाथनगर और सिमरी बख्तियारपुर सीटों पर है। दावेदारी जनाधार के आधार पर की जा रही है। जीतनराम मांझी भी दावेदारी में पीछे नहीं हैं। उनकी पार्टी ने किशनगंज और नाथनगर पर दावेदारी की है।
भाजपा-जदयू ने तेजस्वी पर खड़े किए सवाल
बिहार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर ही सवाल खड़े किए हैं। भाजपा नेता और बिहार विधान परिषद के सदस्य नवल किशोर यादव ने कहा कि महागठबंधन में सिर्फ गांठ है। यहां कार्यकर्ता से ज्यादा नेता हैं और हर कोई सीएम बनना चाहता है। उन्होंने महागठबंधन पर तंज करते हुए कहा कि चार घर का टोला जो कहे स होवेला।
यह भी पढ़ें: यहां अनोखा है श्राद्धकर्म: कब्र पर चढ़ाते हैं शराब, पतंग उड़ाकर पूर्वजों को करते हैं याद
उन्होंने दावा किया कि अगले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की भद पिट जाएगी। वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने भविष्यवाणी की है कि महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी 20 सीट भी नहीं जीत पाएगी।
यह भी पढ़ें: PM मोदी के जन्मदिन पर BJP सासंद ने किया ऐसा काम, फोटो हुई वायरल
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार की 243 सीट में से 220 पर एनडीए आगे रहा। अब 23 सीट भी महागठबंधन के खाते में आ जाए तो बड़ी बात होगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने तेजस्वी के चेहरे को नकार दिया है।
तेजस्वी के ही नेतृत्व लड़ेंगे: राजद
इस बीच राजद ने साफ किया है कि तेजस्वी के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। बिहार विधानपरिषद में विरोधी दल के मुख्य सचेतक सुबोध राय ने कहा कि तेजस्वी के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है। भाजपा और जेडीयू सोचें कि उनके यहां मुख्यमंत्री कौन होगा। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर सवाल खड़ी कर रही हैं। उन्होंने महागठबंधन के पूरी तरह एकजुट होने का दावा किया।