बिहार नतीजों के बाद कांग्रेस में मचा बवाल, दिग्गज नेताओं ने की ये बड़ी मांग
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने माना है कि बिहार में कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है और हर कोई बिहार में कांग्रेस संगठन की स्थिति से वाकिफ है। ऐसे में बिहार में पार्टी की हार के कारणों की समीक्षा करने के लिए समिति के गठन की संभावना काफी कम नजर आ रही है।
अंशुमान तिवारी
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार की सबसे बड़ी वजह माने जाने वाली कांग्रेस में हार के कारणों को लेकर विवाद पैदा हो गया है। पार्टी के भीतर हार के कारणों की समीक्षा करने और जिम्मेदारी तय करने की मांग तेज होती जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस के कई नेता खुलेआम आत्मचिंतन की वकालत करने में जुटे हुए हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने भी इस बात को स्वीकार किया है कांग्रेस महागठबंधन की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुई और उसकी वजह से ही महागठबंधन को हार का मुंह देखना पड़ा।
सुरजेवाला सौंपेंगे सोनिया को रिपोर्ट
विधानसभा चुनाव के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कई दिनों तक बिहार में डेरा डाल रखा था और उन्हें बिहार में समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जानकारों के मुताबिक सुरजेवाला जल्दी ही बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप सकते हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने माना है कि बिहार में कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है और हर कोई बिहार में कांग्रेस संगठन की स्थिति से वाकिफ है। ऐसे में बिहार में पार्टी की हार के कारणों की समीक्षा करने के लिए समिति के गठन की संभावना काफी कम नजर आ रही है।
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हार के जिम्मेदारों की जवाबदेही तय हो
बिहार प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा का कहना है कि निश्चित तौर पर हार की समीक्षा की जानी चाहिए और इस मामले में जवाबदेही भी तय होनी चाहिए कि पार्टी की हार क्यों हुई।
उनका यह भी कहना है कि केंद्रीय नेताओं की समिति को हार की समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए क्योंकि जो लोग खुद हार के लिए जिम्मेदार हैं, वे यह समीक्षा कैसे कर सकते हैं। उनकी मांग है कि पार्टी को जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।
हार के कारणों की समीक्षा की उम्मीद कम
दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शकील अहमद का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी बिहार में पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था मगर उस चुनाव के बाद पार्टी के खराब प्रदर्शन की कोई समीक्षा नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी कोई उम्मीद नहीं है कि विधानसभा चुनाव में भी हार के कारणों की कोई समीक्षा की जाएगी। हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि समीक्षा से हमेशा फायदा होता है और भविष्य में पार्टी को रणनीति बनाने में मदद मिलती है।
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कांग्रेस ने की हर कदम पर गलती
पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि बिहार में पार्टी की हार की वजह पूरी तरह स्पष्ट है और यह बात किसी से भी छिपी हुई नहीं है। पार्टी में उम्मीदवारों के चयन से लेकर चुनावी रणनीति बनाने तक हर कदम पर गलती की गई है।
इन नेताओं का कहना है कि पार्टी को यह भी समझ लेना चाहिए कि प्रदेश नेताओं को किनारे करके केंद्रीय नेताओं की मदद से कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता। पार्टी को इस चुनावी हार से सबक लेना चाहिए और आगे पार्टी की रणनीति में बदलाव किया जाना चाहिए।
कांग्रेस की वजह से पिछड़ गया महागठबंधन
पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने इस बात को स्वीकार किया है कि महागठबंधन की सबसे कमजोर कड़ी कांग्रेस ही साबित हुई। यदि राजद और वामदलों की तरह कांग्रेस का प्रदर्शन भी दमदार होता तो निश्चित रूप से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार बदलाव का मन बना लिया था मगर इसके बावजूद महागठबंधन को बहुमत नहीं मिला। ऐसे में कांग्रेस को गहराई से इस हार की पड़ताल करनी चाहिए।
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खत्म नहीं हुए हैं महागठबंधन के मुद्दे
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम का भी मानना है कि बिहार में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी की कार्यसमिति हार के कारणों का विश्लेषण जरूर करेगी।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन की ओर से चुनाव में उठाए गए मुद्दे अभी खत्म नहीं हुए हैं। केंद्र में पिछले 6 साल से मोदी सरकार है और बिहार की कमान 2005 से नीतीश कुमार के हाथों में है। फिर भी यह सूबा देश के सबसे गरीब राज्यों में शामिल है।
कार्यसमिति करेगी हार के कारणों का विश्लेषण
पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का भी मानना है कि कांग्रेस और बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी। उन्होंने कहा कि यह जनादेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में नहीं है। पार्टी के कमजोर प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति हार के कारणों का विश्लेषण जरूर करेगी। तभी पता चल सकेगा कि वे कौन से कारण थे, जिनकी वजह से पार्टी की हार हुई।
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