मायावती को आया गुस्साः गरीबों के मसले पर दे डाली ये बड़ी सलाह

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों के कारण खड़ी हुई परेशानी को ठीक से संभालने में विफल रही

Update: 2020-05-27 10:38 GMT

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों की दशा पर दो टवी्ट करके केद्र व महाराष्ट्र सरकार को घेरते हुए कहा है कि केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच चल रहे विवाद में लाखों प्रवासी मजदूर बुरी तरह पिस रहे हैं। उन्होंने सलाह दी है कि दोनों सरकारों को आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर गरीबों, जरूरतमंदों की मदद पर ध्यान देना चाहिए।

क्या लिखा अपने ट्वीट में

बसपा सु्प्रीमो ने अपने पहले ट्वीट में कहा है कि केन्द्र व महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक अभी भी बहुत बुरी तरह से पिस रहे हैं, जो अति-दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा है कि जरूरी है कि आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर इन मजलूमों पर ध्यान दें ताकि कोरोना की चपेट में फंसकर इन लोगों की जिन्दगी पूरी तरह बर्बाद होने से बच सके।

दूसरे टवी्ट में मायावती ने कहा है कि वैसे भी चाहे भाजपा की सरकारें हों या फिर कांग्रेस की, कोरोना महामारी व लम्बे लॉकडाउन से सर्वाधिक पीड़ित प्रवासी श्रमिकों व मेडिकलकर्मियों के हितों की उपेक्षा व प्रताड़ना जिस प्रकार से लगातार की जा रही है, वह भी उचित व देशहित में कतई नहीं है। सरकारें तुरंत ध्यान दें।

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मजदूरों को ज़िम्मेदार ठहराना गलत

आपको बता दे कि बसपा सुप्रीमों मायावती प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर लगातार भाजपा व कांग्रेस को घेर रही है। मायावती ने बीते रविवार को केंद्र व राज्य सरकारों पर कोरोना संक्रमण पर काबू पाने में हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा था कि देश में कोरोना मामलों के बढ़ने के लिए प्रवासी मजदूरों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों के कारण खड़ी हुई परेशानी को ठीक से संभालने में विफल रही। उन्होंने अपने प्रदेश पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए 14 दिन की कवारेंटाईन अवधि के लिए बेहतर क्वारेंटाईन सुविधाओं, भोजन व्यवस्था और स्थाई रोजगार की मांग भी की थी।

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