पीएम मोदी को लिखे पत्र मामले में सीएम गहलोत ने दी सफाई, कही ये बड़ी बात

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुर्सी बचाने की जुगत में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। गुरुवार को गहलोत ने आगे आकर पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र मामले में अपनी सफाई पेश की है।

Update:2020-07-23 18:37 IST

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुर्सी बचाने की जुगत में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। गुरुवार को गहलोत ने आगे आकर पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र मामले में अपनी सफाई पेश की है।

उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री को लेटर इसलिए लिखा था क्योंकि यह डेमोक्रेसी है। मैंने यह पत्र इसलिए लिखा था जिससे वह यह न कहें कि उनके पास इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं थी या उनके लोगों ने उन्हें अपर्याप्त जानकारी दी।

मैंने इसे इसलिए लिखा जिससे अगर मैं उनसे मिलूं तो वह यह न कह सकें कि उन्हें इसके बारे में कुछ भी मालूम नहीं था।' सीएम गहलोत यही नहीं रुके बल्कि आगे ये कहा कि अगर पीएक मोदी को लगता है कि उन्हें राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं है, तो वह ऑडियो टेप को जांच के लिए अमेरिका में एफएसएल एजेंसी को भेज सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी को आगे आना चाहिए और वॉइस टेस्ट कराना चाहिए।

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आखिर पत्र में क्या कहा था गहलोत ने?

बुधवार को गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपना दर्द उनके आगे बयान किया था। गहलोत ने एक चुनी हुई सरकार को बीजेपी नेताओं द्वारा विधायक खरीद –फरोख्त कर उसे गिराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पता नहीं ये मामला आपके संज्ञान में लाया गया है या नहीं। इसलिए इस विषय को मैं आपके आगे रखना चाहता हूं।

उन्होंने ये भी कहा था कि इस कृत्य में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता व हमारे दल के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता भी शामिल हैं।' गहलोत ने इन कोशिशों को जनता का अपमान करार दिया था।

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अल्पमत में है सरकार: बीजेपी

सीएम गहलोत का बयान सामने आने के बाद बीजेपी नेता राजस्थान में भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्ल्त्वारा करते हुए कहा कि सीएम गहलोत द्वारा पीएम मोदी को लिखे पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी सरकार अल्पमत में है। उन्होंने कहा, गहलोत द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार अल्पमत में है और अस्तित्व बचाने की जुगत में लगी हुई है।

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