संकट में गहलोतः राज्यपाल की आपत्तियां खारिज कर दी चुनौती
राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच मंगलवार को अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया गया है।
जयपुर: राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच मंगलवार को अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक हुई। CM अशोक गहलोत के आवास पर हुई बैठक में राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया गया है। बैठक के बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा कि राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष के काम-काज में दखलअंदाजी ना करें।
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सरकार 21 दिनों का नोटिस जारी कर नहीं बुलाना चाहती विधानसभा
बैठक के बाद मीडिया से रुबरु होते हुए मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि सरकार 31 जुलाई को विधासभा सत्र बुलाना चाहती है, 21 दिन का नोटिस जारी करने के बाद नहीं। बैठक में साफ-साफ कहा गाय है कि विधानसभा सत्र (Assembly session) बुलाना सरकार का अधिकार है। CM अशोक गहलोत के आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में राज्यपाल की उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया गया।
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विधानसभा सत्र बुलाना सरकार का अधिकार
हरीश चौधरी ने कहा कि राज्यपाल की तीन में से दो बातें सरकार से संबंधित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 21 दिन का नोटिस जारी करना सरकार का हक है ना कि राज्यपाल का। साथ ही विधानसभा सत्र बुलाना भी सरकार का अधिकार है। राजस्व मंत्री ने कहा कि राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष (Assembly speaker) के कामकाज में दखल ना दें।
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सरकार को सरकार का काम करने दें
हरीश चौधरी ने अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार को सरकार का और अध्यक्ष को अध्यक्ष का काम करने दें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गवर्नर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक ही काम करें। सरकार के पास बहुमत है। बता दें कि सरकार के लगातार प्रस्ताव भेजने के बाद सोमवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति तो दी, लेकिन उसके लिए तीन शर्तें भी रखी थीं।
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राज्यपाल ने सरकार को दिया था ये निर्देश
राज्यपाल ने सरकार को भेजे निर्देश में कहा था कि 21 दिनों का नोटिस देकर ही विधानसभा सत्र (Assembly session) बुलाया जाए। इसके अलावा विश्वासमत प्रस्ताव की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाए और इस दौरान कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने का भी ध्यान दिया जाए।
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