UP Nikay Chunav 2023: सोनभद्र नगरपालिका में दूसरी बार होगी महिला चेयरमैन की ताजपोशी, BJP की लगेगी हैट्रिक या मिलेगी मात
Sonbhadra News: अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित सोनभद्र की एकमात्र नगरपालिका सीट राबटर्सगंज को लेकर धीरे-धीरे चुनावी सरगर्मी शवाब पर चढ़ने लगी है।
Sonbhadra News: अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित सोनभद्र की एकमात्र नगरपालिका सीट राबटर्सगंज को लेकर धीरे-धीरे चुनावी सरगर्मी शवाब पर चढ़ने लगी है। जहां यहां नगरपालिका के अब तक के इतिहास में दूसरी बार महिला चेयरमैन की ताजपोशी होगी। वहीं, चर्चाओं में अभी तक सत्तापक्ष और सपा के बीच मानी जा रही लड़ाई के बीच बसपा की मजबूत इंट्री ने यहां के चुनावी समर को दिलचस्प बना दिया है। ऐसे में भाजपा जिले की एकमात्र नगरपालिका में जीत की हैट्रिक बनाकर एक नया इतिहास रचेगी या फिर जीत किसी और के नाम होगी? इसको लेकर चट्टी-चैराहों पर बतकही जारी है।
कुछ इस तरह यहां बनता-बिगड़ता रहा है चुनावी समीकरण
1979 में नगरपालिका का दर्जा पाने वाली राबटर्सगंज टाउन एरिया के पहले चेयरमैन जितेंद्र सिंह रहे हैं। नगरपालिका का दर्जा पाने के बाद यहां पहला चुनाव 1988 में हुआ था और जितेंद्र ने निर्दल उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। उस समय सूबे में कांग्रेस की सरकार थी। 1995 में जब सूबे में बसपा की सरकार थी, तब पं. अजयशेखर ने, नगरपालिका के दूसरे चेयरमैन के रूप में निर्दल उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर, राबटर्सगंज नगर निकाय में चेयरमैनी की दूसरी पारी शुरू की थी। इससे पहले वह, जब राबटर्सगंज नगरपालिका को टाउन एरिया का दर्जा हासिल था। तब उन्होंने वर्ष 1971 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर जीत हासिल कर चेयरमैन पद पर कब्जा जमाया था। वर्ष 1977 तक वह लगातार चेयरमैन बने रहे थे।
वर्ष 2000 से शुरू हुआ सत्तापक्ष की जीत का सिलसिला-
वर्ष 2000 में जब भाजपा की सरकार थी, तब हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी निशा सिंह को जीत मिली। उनके जरिए जिला मुख्यालय पर सत्ता पक्ष से इतर उम्मीदवार को जीत मिलने का सिलसिला भी थम गया। वर्ष 2006 में जब सपा की सरकार थी, तब सपा के विजय जैन चेयरमैन निर्वाचित हुए। 2012 के चुनाव में भाजपा के कृष्णमुरारी ने इस सिलसिले को रोका लेकिन 2017 में वीरेंद्र जायसवाल के जीत के साथ फिर से यह सीट सत्तापक्ष यानी भाजपा के साथ जुड़ गई। अब एक बार फिर से 2023 को लेकर चुनावी लड़ाई जारी है। इस बार भाजपा ने पूर्व विधायक रूबी प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। महिला के लिए सीट आरक्षित होने के कारण जहां, निशा सिंह के बाद पहली बार कोई महिला चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज होगी। वहीं सत्तापक्ष यानी भाजपा, यहां हैट्रिक लगा पाएगी या फिर जीत किसी और पाले में जाएगी, इसको लेकर तरह-तरह की कयासबाजी जारी है।
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अनुसूचित और मुस्लिम मतदाताओं पर टिकी सभी की नजर
राबटर्सगंज नगरपालिका में जहां अब तक व्यापारी समुदाय को निर्णायक माना जाता था। वहीं इस बार के चुनाव में, नगरपालिका के सीमा विस्तार को देखते हुए, मुसलिम और अनुसूचित वोटरों को निर्णायक माना जा रहा है। सीट भी अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित है। इसको देखते हुए जहां इस बार अनुसूचित समुदाय की तरफ से चुप्पी देखने को मिल रही हैं। वहीं चुनावी लड़ाई में कोई मुसलिम उम्मीदवार न होने के कारण, मुसलिम मतदाता भी खामोश है। सवर्ण और व्यापारी समुदाय भी इस बार के चुनाव में कोई खास उत्साहित नहीं दिख रहा है। इसको देखते हुए जहां सवर्ण और व्यापारी वर्ग के मतदाताओं में बिखराव की संभावना जताई जा रही है। वहीं अनुसूचित और मुसलिम वोटरों को, इस बार के नगरपालिका चुनाव में निर्णायक माना जा रहा है।