इस पार्टी ने डुबो दी नीतीश के सात मंत्रियों की नैया, लेकिन एक भी सीट नहीं जीती
लोजपा उम्मीदवारों ने इन मंत्रियों के चुनाव क्षेत्रों में वोटकटवा की भूमिका निभाई जिससे इन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं कि लोजपा की वजह से नीतीश कैबिनेट के किन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा।
अंशुमान तिवारी
पटना: एक बड़ी चर्चित कहावत है हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे। बिहार विधानसभा के चुनाव में लोक जनशक्ति के पार्टी के मुखिया चिराग पासवान ने यही भूमिका निभाई है। लोजपा की वजह से नीतीश सरकार के सात मंत्री चुनाव हार गए हैं। नीतीश सरकार के इन 7 कैबिनेट मंत्रियों में पांच मंत्री जदयू के जबकि दो मंत्री भाजपा के हैं। भाजपा कोटे के दो मंत्री हैं सुरेश शर्मा और बृजकिशोर बिंद।
लोजपा उम्मीदवारों ने इन मंत्रियों के चुनाव क्षेत्रों में वोटकटवा की भूमिका निभाई जिससे इन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं कि लोजपा की वजह से नीतीश कैबिनेट के किन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा।
जय कुमार सिंह
जदयू के कद्दावर नेता माने जाने वाले और बिहार सरकार के मंत्री जय कुमार सिंह इस बार चुनाव हार गए हैं। जय कुमार सिंह को रोहतास की दिनारा सीट से राजद के विजय कुमार मंडल ने चुनाव हराया है। जय कुमार सिंह की हार की वजह भाजपा से लोजपा में गए राजेंद्र सिंह को बताया जा रहा है।
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राजेंद्र सिंह ने काफी पहले से दिनारा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी थी मगर आखिरी क्षणों में भाजपा ने यह सीट जदयू को दे दी तो राजेंद्र सिंह ने बागी तेवर अपना दिया। राजेंद्र सिंह लोजपा में शामिल हो गए और लोजपा से टिकट हासिल करके दिनारा सीट पर चुनाव मैदान में उतर गए।
इसका नतीजा यह हुआ कि न राजेंद्र सिंह खुद चुनाव जीत सके और न ही उन्होंने जय कुमार सिंह को जीतने दिया। इन दोनों की लड़ाई में राजद के विजय कुमार मंडल का फायदा हो गया और वे चुनाव जीत गए।
संतोष कुमार निराला
नीतीश सरकार के एक और मंत्री संतोष कुमार निराला राजपुर विधानसभा सीट से इस बार चुनाव हार गए हैं। निराला नीतीश कैबिनेट में परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और उन्हें कांग्रेस के विश्वनाथ राम ने चुनाव में हरा दिया है। सियासी जानकारों के अनुसार निराला की स्थिति पहले मजबूत मानी जा रही थी मगर लोजपा के प्रत्याशी निर्भय की वजह से निराला को हार का मुंह देखना पड़ा।
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शैलेश कुमार
बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार इस बार के विधानसभा चुनाव में जमालपुर सीट से चुनाव हार गए हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि लोजपा के दुर्गेश कुमार ने शैलेश कुमार की हार में बड़ी भूमिका निभाई है। लोजपा उम्मीदवार ने यहां उन मतों को काट दिया जो शैलेश कुमार को मिल सकते थे। यहां इन दोनों की लड़ाई में कांग्रेस के अजय कुमार सिंह को फायदा हुआ है और वे विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गए हैं।
रामसेवक सिंह
नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह हथुआ सीट से इस बार चुनाव हार गए हैं। हथुआ सीट से अब तक जदयू विधायक रहे रामसेवक सिंह की अपने क्षेत्र पर मजबूत पकड़ मानी जाती रही है मगर लोजपा उम्मीदवार राम दरस प्रसाद की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हथुआ सीट से इस बार राजद के राजेश सिंह ने बाजी मार ली है।
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सुरेश कुमार शर्मा
बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा को इस बार मुजफ्फरपुर से हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी ने चुनाव मैदान में हराया। सुरेश कुमार शर्मा की हार की बड़ी वजह लोजपा के साथ ही मुजफ्फरपुर में जलजमाव को भी माना जा रहा है।
मुजफ्फरपुर में इस बरसात के दौरान बड़ी ही नारकीय स्थिति पैदा हो गई थी और घरों और दुकानों में पानी घुस गया था। इस वजह से भी इलाके के लोग सुरेश कुमार शर्मा से काफी नाराज थे। लोजपा ने भी उनकी लुटिया डुबोने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है और उन्हें इस बार हार का सामना करना पड़ा।
कृष्णा नंदन वर्मा
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णा नंदन वर्मा को इस बार घोसी विधानसभा सीट छोड़कर जहानाबाद से चुनाव लड़ना महंगा पड़ गया। उन्हें राजद के सुदय यादव ने पराजित कर दिया है। लोजपा उम्मीदवार के अलावा शिक्षा मंत्री का सीट बदलना भी उनके लिए महंगा साबित हुआ। चुनाव प्रचार के दौरान भी कृष्ण नंदन वर्मा का जहानाबाद में काफी विरोध हुआ था।
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बृजकिशोर बिंद
बिहार सरकार के खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद को चैनपुर विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। बिंद ने भगवान शिव की जाति बताकर मतदाताओं का विरोध मोल ले लिया था। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि अगर वे चुनाव हार गए तो अकाल पड़ जाएगा और फसलें खराब हो जाएंगी। इसका वीडियो वायरल होने पर मतदाताओं ने भी नाराजगी जताई थी और इसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी। लोजपा उम्मीदवार ने भी उनकी मुसीबत बढ़ा दी थी।
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