बड़ी मुश्किल में फंस गए दूल्हे राजा, जानिए कोरोना ने कैसे बजाया सबका बाजा
कोरोना के कारण घोषित हुए लॉकडाउन का असर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में पड़ा है। मांगलिक कार्यों का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अब दूल्हे राजा भी मुश्किल में फंस गए हैं और बैंड बाजा वालों का तो लगता है बाजा ही बज गया है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। कोरोना के कारण घोषित हुए लॉकडाउन का असर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में पड़ा है। मांगलिक कार्यों का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अब दूल्हे राजा भी मुश्किल में फंस गए हैं और बैंड बाजा वालों का तो लगता है बाजा ही बज गया है। ब्यूटी पार्लर और कैटरिंग वाले माथा पकड़कर बैठे हैं और मैरिज लान संचालकों के सिर पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं।
निरस्त हो रही धड़ाधड़ बुकिंग
लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मांगलिक कार्यों पर पड़ा है। अप्रैल से लेकर मई और जून तक होने वाली शादियों की बुकिंग धड़ाधड़ निरस्त होने लगी है। बड़ी धूमधाम से शादी करने का सपना देखने वाले निराश हैं। उन्हें अपना सपना टूटता दिख रहा है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्होंने या तो अपनी शादी कैंसिल कर दी है या शादी की डेट आगे बढ़ा दी है। अभी भी वे अपनी शादी की डेट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं।
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लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की उम्मीद
दरअसल लोगों का मानना है कि 14 अप्रैल तक कोरोना का असर पूरी तरह समाप्त होना मुश्किल है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो यह मानते हैं कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। इसी का नतीजा है कि शादी के लिए होने वाली बुकिंग धड़ाधड़ निरस्त हो रही है। बुकिंग निरस्त कराने का यह सिलसिला दिल्ली से लेकर बनारस तक हर छोटे-बड़े शहर में दिख रहा है।
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टूट गया हसीन सपना
शादी करने का मौका जिंदगी में एक बार ही मिलता है और इसीलिए हर कोई इस मौके को शानदार तरीके से आयोजित करने का सपना देखता है मगर अब लोगों को अपना यह सपना पूरा होता नहीं दिख रहा। 22 मार्च को एक दिन के जनता कर्फ्यू के बाद पीएम मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों के लिए पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद ही उन लोगों में घबराहट फैल गई जिनके यहां शादी के आयोजन आगामी महीनों में होने थे।
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नहीं रह गया कोई विकल्प
जिन लोगों ने अभी तक अपनी शादी कैंसिल नहीं की है वे भी इस बात को मानने लगे हैं कि उन्हें बहुत सादगी से ही अपनी शादी करनी होगी। वे मानते है कि शायद केवल गिने-चुने परिजनों के बीच ही शादी करनी पड़ जाए।ऐसे लोगों का कहना है कि अब इसके सिवा कोई विकल्प भी बाकी नहीं रह गया है।
धरी रह गई सारी तैयारियां
हालांकि लोग कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सरकार की सख्ती का कारण भी समझ रहे हैं और उसका समर्थन भी कर रहे हैं, लेकिन साथ ही उनमें जिंदगी के एक यादगार मौके का सपना टूट जाने का गम भी है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो शादी की तैयारियों के लिए कई महीने से मेन्यू तय करने, वेन्यू बुक करने, घर की सजावट करने, बुलाए जाने वाले मेहमानों की सूची बनाने, कपड़े तैयार करवाने और गहनों की खरीदारी में जुटे हुए थे। ऐसे सभी लोगों के सपनों पर कोरोना वायरस ने पानी फेर दिया है।
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कई ने कैंसिल की तो कई ने टाल दी शादी
कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें निकट भविष्य में यह संकट समाप्त होता नहीं दिखता और उन्होंने अपनी शादी नवंबर-दिसंबर तक के लिए टाल दी है। अब दिल्ली की आईटी प्रोफेशनल प्रिया को ही लीजिए जिन्होंने अपनी शादी सर्दियों तक टाल दी है। उनका कहना है कि सबसे ज्यादा जरूरी है जीवन में सुरक्षित रहना। शादी तो बाद में भी की जा सकती है।
50 अरब डालर का है बाजार
केपीएमसी की हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में शादी का बाजार करीब 50 अरब डालर का है और इस बाजार को कोरोना वायरस ने जबरदस्त चोट पहुंचाई है। बैंड बाजा वाले, फूलों की सजावट करने वाले, वेडिंग प्लानर, बैंकट हॉल के संचालक, फोटोग्राफर, ब्यूटी पार्लर वाले और कैटरिंग संचालक सभी अपना माथा पकड़ कर बैठे हुए हैं। इन सभी को आने वाले कमाई के सीजन में भी मक्खी मारना पड़ सकता है।
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अब नवंबर में कमाई की उम्मीद
वाराणसी मैरिज लॉन व्यापार मंडल के अनुसार अब तक शहर में 5000 से अधिक शादियों की बुकिंग निरस्त हो चुकी है। मंडल के अध्यक्ष अनिल सिंह का कहना है कि एक लगन में करीब 10000 शादियां होती हैं। उनका कहना है कि अब तो हम सभी की उम्मीद नवंबर में ही कमाई पर टिकी है।बैंड संचालक काले सिंह भी कहते हैं कि अप्रैल से लेकर मई तक के तमाम आर्डर कैंसिल हो चुके हैं। वे कहते हैं कि मौजूदा हालात को देखकर नहीं लगता कि इस लग्न में कोई शादी होगी।
हालात सुधरने में लगेगा वक्त
बनारस में होटलों का बड़ा व्यवसाय है और होटलों में शादियों के तमाम आयोजन होते रहे हैं मगर बनारस होटल एसोसिएशन के महामंत्री गोकुल शर्मा निराश होकर कहते हैं कि जून तक के होटल और बैंकेट के आर्डर कैंसिल हो रहे हैं। उनका कहना है कि यही दो-ढाई महीने कमाई के थे और कोरोना संकट ने कमाई के इस मौके को भी छीन लिया है। उनका मानना है कि हालात को सुधारने में कम से कम 6-7 महीने लग जाएंगे।
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केटरिंग व्यवसाय को भी जबर्दस्त चोट
कैटरिंग कारोबारी शरद श्रीवास्तव का कहना है कि जून तक शादी सहित अन्य सभी मांगलिक कार्यों के आर्डर धड़ाधड़ कैंसिल हो रहे हैं। वे कहते हैं कि धंधा बंद होने के कारण तमाम कारीगर सबकुछ छोड़छाड़ कर अपने घर या गांव की ओर लौट गए हैं। उन्होंने मौजूदा समय को संकट की घड़ी बताया और कहा कि अब तो जून के बाद नवंबर की लगन में ही कमाई की उम्मीद है।
कोरोना ने उम्मीदों पर पानी फेरा
वेडिंग प्लानर और केटरिंग का धंधा करने वालों का मानना है कि बिजनेस को इतना जोरदार नुकसान पहुंच चुका है कि इसकी भरपाई में एक लंबा समय लगेगा। कोरोना वायरस ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इन लोगों का कहना है कि मार्च-अप्रैल तो हमेशा ही शादियों वाले सीजन होते हैं और इस साल बुकिंग बहुत ज्यादा थी, लेकिन अब सबकुछ चौपट हो चुका है।
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बुरी तरह प्रभावित हुआ बिजनेस
इसी तरह पश्चिमी दिल्ली में एक मशहूर बैंकेट हॉल के मैनेजर का कहना है कि कोरोना वायरस के फैलने की वजह से शादी का बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उनका कहना है कि मुझे तो बुकिंग कैंसिल कराने वालों की गिनती तक नहीं याद। वे कहते हैं कि शादी के सीजन में हमारी रोज एक बड़ी बुकिंग थी और अब धीरे-धीरे सारी बुकिंग कैंसिल होती जा रही है।
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सचमुच कोरोना ने देश में मांगलिक कार्यों से जुड़े आयोजनों को जबर्दस्त चोट पहुंचाई है। इस वायरस के चलते शादी को यादगार मौका बनाने वालों का सपना तो टूटा ही है, साथ ही शादी के आयोजन से जुड़े लोगों के धंधे पर भी जबर्दस्त आर्थिक चोट पहुंची है।
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