कांग्रेस को तगड़ा झटकाः चीन मुद्दे पर मोदी विरोध पर नहीं मिला साथ

लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है।

Update: 2020-06-29 11:01 GMT

नई दिल्‍ली: लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर है। चीन के साथ जारी विवाद को लेकर कांग्रेस की ओर लगातार केंद्र पर निशाना साधा जा रहा है। लेकिन इस मुद्दे में कांग्रेस को विपक्षी दल तो दूर बल्कि सहयोगियों का साथ भी नहीं मिल रहा है। चीन के मसले पर कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के साथ खड़े हैं। ऐसे में चीन मुद्दे पर केंद्र को घेरने की रणनीति में कांग्रेस अकेके पड़ गई है।

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PM के इस बयान को लेकर कांग्रेस केंद्र पर हमलावर

बीते दिनों सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान दिया था कि ना तो कोई हमारी सीमा में घुसा है और ना ही हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। PM मोदी के इस बयान के बाद सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक यहीं पूछ रहे हैं कि अगर किसी ने हमारी सीमा में घुसपैठ नहीं की तो हमारे 20 जवान कैसे शहीद हुए। पीएम के इस बयान पर कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाया है। बता दें कि शुक्रवार को गलवान घाटी में झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों के लिए 'शहीदों को सलाम दिवस' मनाया गया था।

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सोनिया गांधी से लेकर राहुल ने उठाए सवाल

इस मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने एक वीडियो जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि गलवान घाटी में हमारे 20 जवानों की शहादत किस लिए और कैसे हुई। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर क्या प्रधानमंत्री देश को विश्वास में लेंगे? इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री बिना घबराए सच बताएं कि चीन ने जमीन ली है और हम कार्रवाई करने जा रहे हैं। इस स्थिति में पूरा देश आपके साथ खड़ा है।

उन्होंने यह भी सवाल किया कि सेना को निहत्थे सीमा पर किसने और क्यों भेजा। इसके अलावा भी कई मुद्दों पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

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BSP प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार का किया समर्थन

वहीं इस बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने सोमवार को कहा कि चीनी मसले पर इस समय कांग्रेस और भाजपा के बीच जो आरोप-प्रत्यारोप की घिनौनी राजनीति चल रही है, वो मौजूदा समय में बिल्कुल भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस राजनीतिक लड़ाई का फायदा चीन भी उठा सकता है, साथ ही देश की जनता को भी इसका नुकसान हो रहा है। मायावती ने कहा कि देशहित के मामले में बसपा केंद्र के साथ है। इससे पहले उन्होंने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि इस मामले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष को भी अपनी परिपक्वता दिखानी चाहिए। इस मुद्दे को पूरी तरह से सरकार पर छोड़ देना चाहिए। सरकार जो देश के लिए अच्छा है वो फैसला ले।

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SP प्रमुख अखिलेश यादव ने भी केंद्र के पक्ष में नजर आए

वहीं इस मसले पर SP प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मोदी सरकार के समर्थन में नजर आए। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि चीन के हिंसक व्यवहार को देखते हुए भारत सरकार को सामरिक के साथ-साथ आर्थिक जवाब भी देना चाहिए। चीनी कंपनियों को दिए गए ठेके तत्काल प्रभाव से निलंबित होने चाहिए और चीनी-आयात पर अंकुश लगाना चाहिए। सरकार के ऐसे किसी भी प्रयास में समाजवादी पार्टी देशहित में सरकार के साथ है।



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CM ममता बनर्जी ने कही ये बात

इनके अलावा अधिकतर मामलों में मोदी सरकार के विरोध रहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मामले में केंद्र का साथ दिया है। सर्वदलीय बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था कि संकट की इस घड़ी में टीएमसी देश के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा था कि चीन एक लोकतंत्रिक देश नहीं है, वो एक तानाशाह है, वो जो महसूस करते हैं वह कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर हमें साथ कम करनना होगा। भारत जीत जाएगा और चीन हार जाएगा। उन्होंने कहा था कि हमें एकत दिखानी होगी। हम ठोस रूप से सरकार के साथ हैं।

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राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए- शरद पवार

इसके अलावा कांग्रेस के सहयोगी दल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी चीन मुद्दे पर केंद्र का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि हम नहीं भूल सकते कि 1962 में चीन ने हमारी 45 हजार स्क्वेयर किलोमीटर जमीन हथिया ली थी। यह अब भी चीन के पास है। लेकिन वर्तमान में नहीं पता कि चीन ने जमीन पर कब्जा किया है या नहीं। लेकिन इस पर बात करते समय इतिहास याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

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दी थी ये नसीहत

यहीं नहीं उन्होंने इससे पहले भी नसीहत दी थी कि चीन सीमा पर जवान हथियार के साथ गए था या नहीं, यह अंतरराष्ट्रीय समझौतों द्वारा तय होता है। हम को ऐसे संवेदनशील मुद्दों का सम्मान करना चाहिए। बता दें कि शरद पवार के इस बयान को राहुल गांधी के बयान से जोड़कर देखा गया था।

इन्होंने ने भी किया केंद्र का समर्थन

इसके अलावा चीन मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार का समर्थन किया था।







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