अयोध्या आतंकी हमले पर 14 साल बाद फैसला, 4 को उम्रकैद की सजा, एक बरी
अयोध्या में 2005 में रामजन्मभूमि परिसर में आतंकी हमले को लेकर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने 4 आरोपियों को उम्रकैद की सुनाई है, तो वहीं एक को बरी कर दिया है। यह फैसला प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में सुनाया गया है।
प्रयागराज: अयोध्या में 2005 में रामजन्मभूमि परिसर में आतंकी हमले को लेकर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने 4 आरोपियों को उम्रकैद की सुनाई है, तो वहीं एक को बरी कर दिया है। यह फैसला प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में सुनाया गया है।
14 वर्ष पहले यानि 2005 में अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर आतंकी हमले से दहल उठी थी। 5 जुलाई 2005 को हुए आतंकी हमले में दो लोग मारे गए थे, तो कुछ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने 14 साल बाद अपना फैसला सुनाया है।
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इस मामले में पांच आरोपी डॉ. इरफान, मोहम्मद शकील, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद अजीज और फारुक जेल में बंद हैं। फैसले के मद्देनजर अयोध्या और नैनी जेल में सुरक्षा को पुख्ता किया गया था। सभी आरोपियों का संबंध जैश ए मोहम्मद से है।
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2005 में जुलाई के महीने में जैश आतंकी हथियारों के साथ राम जन्मभूमि परिषर में दाखिल हुए थे। आतंकियों और सुरक्षाकर्मियों में करीब दो घंटे तक मुठभेड़ हुई थी और उसमें पांच आतंकी मारे गए थे, लेकिन दो आम लोगों की भी जान चली गई थी।
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इस मामले में आसिफ इकबाल, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद अजीज, शकील अहमद और डॉ इरफान का नाम सामने आया। इन सभी आरोपियों को फैजाबाद जेल में बंद किया गया था, लेकिन 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
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इस केस में कुल 63 गवाहों और आरोपियों के बयान दर्ज किए गए। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायधीश कर रहे हैं। पुलिस की तफ्तीश में ये जानकारी सामने आई थी कि आतंकियों मे जम्मू में षड़यंत्र रचा था। मार्शल कार में आतंकियों ने हथियारों को रखा और दिल्ली स्थित डॉ इरफान के क्लीनिक पर पहुंचे थे।