Aligarh: एएमयू के जेएनएमसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने रचा इतिहास, ढाई साल की बच्ची की बचाई जान

Aligarh News: महाराजगंज की ढाई साल की अवनी को दिल में सुराग होने की वजह से अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। आसपास के डॉक्टरों ने हाथ खड़े करते हुए बच्ची जिंदगी ना बचा पाने की बात कही थी। लेकिन...

Written By :  Durgesh Sharma
Update: 2024-03-16 16:06 GMT

Aligarh News (Pic:Newstrack)

Aligarh News: मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएनएमसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। महाराजगंज की ढाई साल की अवनी को दिल में सुराग होने की वजह से अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। आसपास के डॉक्टरों ने हाथ खड़े करते हुए बच्ची जिंदगी ना बचा पाने की बात कही थी। लेकिन जेएनएमसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने 3 घंटे के ऑपरेशन के दौरान अवनी की दिल की गति को रोकते हुए मशीन से उसे सांस दी और 3 घण्टे तक दिल और फेफड़े की प्रक्रिया रोकते हुए 7 घंटे तक यह ऑपरेशन चला।

दर्जनों जिलों से इलाज के लिए आते है मरीज

जिससे बच्ची को नई जिंदगी मिल गई। ऐसे बहुत से पेशेंट जेएनएमसी मेडिकल कॉलेज में अपना इलाज कराने का इंतजार कर रहे हैं। जिससे 1 वर्ष बाद भी उनका नंबर आ जाए। डॉक्टरों ने कहा महाराजगंज सहित दर्जनों जिलों के डॉक्टर मरीजों को यहाँ रेफर करते हैं। मेडिकल कॉलेज में हॉर्ट का स्पेशल ऑपरेशन करने की पूरी टीम है। यही कारण है सफलता उनके कदम चूम रही है। डॉक्टर को धरती का भगवान यूं ही नहीं कहा जाता।  

फ्री में हो रहा है इलाज 

डॉक्टर ने कहा कि अलीगढ़ जेएन मेडिकल कॉलेज में ढाई साल की बच्ची का ऑपरेशन किया गया। जिसकी हॉर्ट में तकलीफ थी। ऐसे ऑपरेशन बहुत कम किए जाते हैं। या दिल्ली के एम्स में या फिर अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में। हमारे यहां ऐसे कई मरीज हैं जो काफी दूर-दूर से आए हैं। उनके यहां पर फ्री में इलाज किया जा रहा है। सरकार द्वारा योजनाओं का लाभ मेडिकल कॉलेज में भरपूर मिल रहा है।

उन्होने कहा कि इस ऑपरेशन को करने के लिए हमारी पूरी टीम का बहुत बड़ा सहयोग है। इस तरीके के ऑपरेशन प्राइवेट में बहुत महंगे होते हैं। जोकि लोग महंगा इलाज होने के कारण नहीं करा पाते। हमारे जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज मेें सरकार की योजनाओं के तहत ऐसे लोगों का मुफ्त इलाज किया जाता है। मरीज के तीमारदार से जब बातचीत की गई तो उन्होंने जिंदगी की आस छोड़ दी थी। लेकिन अलीगढ़ के जेएनएमसी मेडिकल कॉलेज में आने के बाद उन्हें पता लगा पृथ्वी पर भी कोई भगवान रहता है। यही कारण है कि डॉक्टर के द्वारा भगवान के रूप में आकर उनके बच्चों की जान बचाई है।  

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