इलाहाबाद हाईकोर्ट: दिनभर की बड़ी ख़बरें
वकीलों द्वारा कोर्ट को बताया गया कि इनकाउंटर करने वाले इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र सिंह चैहान जो एसएसपी के रिश्तेदार हैं और उनके द्वारा धर्मेन्द्र को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि घटना के बाद मीडिया को दिए गए बयान में एसएसपी और इंस्पेक्टर के बयान में काफी विरोधाभास है।
झाँसी के पुष्पेन्द्र यादव पुलिस इनकाउंटर केस में सरकार से जवाब
प्रयागराज: झांसी के पुष्पेंद्र यादव पुलिस इनकाउंटर की सीबीआई जांच के लिए दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नाहीद आरा मुनीस तथा न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। साथ ही एसएसपी ओपी सिंह से पूरे प्रकरण पर व्यक्तिगत हलफनामा भी 26 नवम्बर तक पेश करने का आदेश किया है। यह आदेश कोर्ट ने मृतक पुष्पेंद्र की पत्नी शिवांगी की ओर से दाखिल की गई याचिका पर अधिवक्ता शिवम यादव व इमरान उल्लाह को सुनकर आज पारित किया।
वकीलों द्वारा कोर्ट को बताया गया कि इनकाउंटर करने वाले इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र सिंह चैहान जो एसएसपी के रिश्तेदार हैं और उनके द्वारा धर्मेन्द्र को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि घटना के बाद मीडिया को दिए गए बयान में एसएसपी और इंस्पेक्टर के बयान में काफी विरोधाभास है। शिवांगी यादव ने याचिका में आरोप लगाया है कि उनके पति पुष्पेंद्र यादव की पुलिस ने हत्या कर दी और इसे फर्जी एनकाउंटर बताया गया। इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की याचिका में माँग की गयी है। याचिका में एसएसपी झांसी ओपी सिंह के साथ साथ प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पार्टी बनाया गया है।
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नोएडा में विकसित प्लाट देने के आश्वासन पर याचिका निस्तारित
प्रयागराज: गौतम बुध नगर की दादरी तहसील के ग्राम मुर्शदपुर के रामपत को विकसित प्लाट देने के नोएडा अथारिटी द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी। नोएडा अथारिटी की अधिवक्ता अंजली उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि याची को 3 माह के भीतर आवंटित प्लाट का कब्जा दे दिया जाएगा। ऐसे में कोर्ट को अलग से आदेश देने की आवश्यकता नहीं है।
कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति बी.के. नारायण तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने रामपत की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट के गजराज सिंह केस के फैसले तहत याची को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर दिया गया किंतु 10 फीसदी विकसित प्लाट जो 620 वर्ग मीटर होता है, आवंटित किए जाने के बावजूद कब्जे में नहीं दिया गया जिसको लेकर यह याचिका दाखिल की गई थी। अथारिटी के अधिवक्ता के आश्वासन के बाद कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है।
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सहमति से पारित एकलपीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील पोषणीय नहींः हाईकोर्ट
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि एकल पीठ का फैसला दोनों पक्षों की सहमति से दिया गया है, तो ऐसे आदेश के खिलाफ किसी पक्ष को अपील करने का अधिकार नहीं है। ऐसे ही एक मामले में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं द्वारा सहमति के आधार पर आदेश पारित किया गया था। इसके बावजूद उस आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी गई। कोर्ट ने विशेष अपील को खारिज कर दिया है।
अधिवक्ता कहना था कि याची ने एकल पीठ के समक्ष धोखे से आदेश प्राप्त कर लिया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे आदेश के खिलाफ पुनर्विचार अर्जी दाखिल की जानी चाहिए। उसे इंट्रा कोर्ट अपील में चुनौती नहीं दी जा सकती। ऐसी अपील हाईकोर्ट रूल्स के चैप्टर 8 नियम पाच के तहत पोषणीय नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की खंडपीठ ने धनराज सिंह व तीन अन्य कि विशेष अपील पर दिया है। अपील पर विपक्षी अधिवक्ता बाला नाथ मिश्रा व राम विशाल मिश्रा ने प्रतिवाद किया। इनका कहना था दोनांे पक्षों की सहमति से पारित आदेश के खिलाफ अपील पोषणीय नहीं है।
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हाईकोर्ट ने बाहुबली पूर्व सांसद उमाकान्त को समर्पण का 10 दिन का और दिया मौका
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद माफिया उमाकांत यादव को अधीनस्थ न्यायालय में समर्पण कर 10 दिन में जमानत अर्जी दाखिल करने के लिए मोहलत दी है। इससे पहले कोर्ट ने 19 सितंबर 2019 को उमाकांत यादव को 10 दिन में कोर्ट में हाजिर होकर जमानत अर्जी पेश करने का निर्देश दिया था और कहा था कि ऐसी अर्जी दाखिल होने पर वह नियमानुसार निस्तारित करें। किंतु याची उमाकांत कोर्ट के अनुसार नियत समय के भीतर हाजिर नहीं हो सके। उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली और कोर्ट ने 16 अक्टूबर को हाजिर होने की अवधि 10 दिन बढ़ा दी थी।
इसके बाद दोबारा अर्जी दी गई। अब कोर्ट ने दूसरी बार 10 दिन की अतिरिक्त अवधि है। अब कहा है की याची 19 सितंबर को पारित आदेश का अनुपालन करें। यह आदेश न्यायमूर्ति करूणा नंद बाजपेई ने उमाकांत यादव की अर्जी पर दिया है। याची के खिलाफ इलाहाबाद की विशेष अदालत ने जौनपुर के लाइन बाजार थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में हाजिर न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया था जिसे याचिका में चुनौती दी गई। इस पर कोर्ट ने कहा कि याची पहले कोर्ट में हाजिर हो और हाजिर होने के बाद जमानत अर्जी दाखिल करे। कोर्ट मे हाजिर होने तक याची के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न करने का निर्देश दिया है ।
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ब्वायज हाईस्कूल से धोबी घाट चैराहा के बीच अवैध कब्जा हटाने की याचिका पर पक्षकारों से जवाब तलब
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग चैराहे से धोबी घाट चैराहे के बीच नाले पर किए गए अवैध कब्जे और ब्वायज हाई स्कूल से धोबी घाट चैराहे वाली सड़क पर बनाए गए फुटपाथ की चैड़ाई को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर प्रदेश सरकार, प्रयागराज विकास प्राधिकरण व अन्य पक्षकारों से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खण्डपीठ ने रामानन्द शुक्ल की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि लोक सेवा आयोग से धोबी घाट चैराहे की ओर आने वाली सड़क की दाहिनी पटरी पर स्थित नाले पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है जिससे बरसात के दिनों में यहां स्थित मकानों में पानी भर जाता है। स्थानीय नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
याचिका में मांग की गई है कि अतिक्रमण को हटाया जाए। इसी प्रकार से ब्वायज हाई स्कूल से धोबी घाट चैराहे की ओर आने वाली सड़क पर बनाए गए फुटपाथ की चैड़ाई धोबी घाट चैराहे की ओर बढ़ने पर कम होती जा रही है। इसे भी दुरुस्त कराए जाने की जरूरत है। इसी प्रकार से अन्य कई स्थानों पर अतिक्रमण की समस्या है। कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। याचिका पर 3 सप्ताह के बाद सुनवाई होगी।
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दिल्ली में वकीलों पर हिंसक कार्रवाई के विरोध में हाईकोर्ट व कैट के वकीलों का शुक्रवार को कार्य बहिष्कार
प्रयागराज। दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट में वकीलों पर पुलिस की हिंसक कार्यवाही के विरोध में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट और कैट के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। यह निर्णय हाईकोर्ट बार की कार्यकारिणी ने गत चार नवंबर के प्रस्ताव के अनुक्रम में गुरुवार को लिया। यूपी बार कौंसिल ने आठ नवंबर को प्रदेशव्यापी विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया था। इसी के मद्देनजर हाईकोर्ट बार की कार्यकारिणी ने अध्यक्ष राकेश पांडे की अध्यक्षता में ओल्ड स्टडी रूम में बैठक कर शुक्रवार को न्यायिक ने कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। बैठक का संचालन महासचिव जेबी सिंह ने किया। बैठक में शुक्रवार को हाईकोर्ट के एक न्याय कक्ष में हृदयगति रुकने से हुए अधिवक्ता अमूल रतन श्रीवास्तव के निधन पर शोक भी जताया गया।
न्याय कक्ष संख्या 19 में एक मुकदमे की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति सलिल राय बहस के बाद लिखा रहे थे। तभी वहां मौजूद अधिवक्ता अमूल रतन श्रीवास्तव गश खाकर गिर पड़े। इससे कोर्टरूम में अफरातफरी मच गई। अधिवक्ता को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अमूल रतन श्रीवास्तव मूल रूप से सिद्धार्थनगर के रहने वाले थे। कैट बार के उपाध्यक्ष जितेंद्र नायक ने बताया कि यूपी बार कौंसिल के आह्वान पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट की घटना के विरोध में शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया। यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष हरिशंकर सिंह ने भी तीसहजारी कोर्ट की घटना को लेकर सूबेभर के वकीलों से आठ नवंबर को न्यायिक कार्य से विरत होकर विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है।
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मेरठ में ई-रिक्शा के पंजीकरण पर लगे प्रतिबंध पर रोक
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ शहर में ट्रैफिक भीड़ को नियंत्रित करने के नाम पर ई-रिक्शा के पंजीकरण पर लगे प्रतिबंध पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार व परिवहन निगम से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खण्डपीठ ने रवि बक्शी व 6 अन्य की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता निर्विकल्प पांडेय का कहना है कि संभागीय परिवहन अधिकारी को ई-रिक्शा के पंजीकरण पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगाने का अधिकार नहीं है। यह रोजगार करने व जीवन के अधिकार का हनन है। 27 फरवरी 18 के प्रस्ताव से पंजीकरण पर रोक लगा दी गई । जिसे चुनौती दी गयी है।
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सीबीआई के सहायक उप निरीक्षक की जमानत अर्जी खारिज
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भूमि घोटाले में तहसीलदार को बचाने के लिए 20 लाख रुपये घूस लेने के आरोपी सीबीआई के सहायक उपनिरीक्षक सुनील दत्त की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति डी.के. सिंह ने दिया है। इन पर धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का आरोप है।
सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने प्रतिवाद किया। मालूम हो कि एसपी ने 2 फरवरी 19 को एफ आई आर दर्ज करायी जिसमें सीबीआई इंस्पेक्टर बीरेन्द्र सिंह राठौर व याची ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तैनात तहसीलदार रणवीर सिंह घोटाले के आरोपी उसे बचाने के लिए 20लाख रूपये घूस मांगा। सीबीआई करोडों के भूमि घोटाले की जांच कर रही है। सीबीआई टीम ने कार से बरामद किया। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए ट्रायल एक साल में पूरा करने का आदेश दिया है।