लॉकडाउन: न्यूज ट्रैक की खबर का असर, शुरू हुआ जायरीनों को भेजने का सिलसिला

कोरोना को लेकर लगे लाक डाउन के चलते दरगाह किछौछा में हजारों की संख्या में फंसे जायरीनों के लिए स्थानीय पुलिस देवदूत बनकर सामने आ रही है।

Update: 2020-03-29 11:15 GMT

अंबेडकर नगर: वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते जहां जिंदगी थम सी गई है। जीवन कैद रहने को मजबूर हो गया है। लेकिन इसके अलावा देश के लोगों को बचाने का कोई उपाय भी अभी तक नहीं मिल पाया है। सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

पुलिस द्वारा मदद को भेजी गई बस

लाक डाउन के चलते दरगाह किछौछा में हजारों की संख्या में फंसे जायरीनों के लिए स्थानीय पुलिस देवदूत बनकर सामने आ रही है। बीती शाम शनिवार से आज रविवार तक लगभग 6 बसों से जायरीनो को उनके घरों की तरफ रवाना किया जा रहा है। बस के परिचालक ने बताया कि थानाध्यक्ष बसखारी ने ए आर एम अकबरपुर डिपो से व्यक्तिगत रूप से बात करके दरगाह में फंसे हुए जायरीनों की मदद करने के लिए निवेदन किया।

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जिस पर ए आर एस ने अकबरपुर डिपो से सेनीटाइज करा कर एक बस भेजी गई। जो दरगाह से दिल्ली के लिए स्थानीय पुलिस की मदद से निकाली गई जिसमें 62 जायरीन जो हापुड़ रामपुर इटावा मैनपुरी बरेली मुरादाबाद आदि इलाकों से होते हुए उत्तर प्रदेश के आखिरी बॉर्डर तक जायेगी।

बाकी लोगों से भी की मदद की अपील

गाड़ी में बैठे लोग स्थानीय पुलिस और सरकार को नम आंखों से बधाई भी देते हुए देखे गए। वहीं कुछ निजी बस मालिकों से भी प्रशासन ने अनुरोध करके लोगों को उनके घर पहुंचाने का काम शुरू करवा दिया है। किछौछा से बनारस, बलिया गाजीपुर, बिहार बॉर्डर, गोरखपुर ,सुल्तानपुर आदि क्षेत्र तक पहुंचाने में स्थानीय पुलिस मददगार साबित हो रही है।

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किछौछा के चौकी इंचार्ज अभय कुमार मौर्या, सिपाही रामबली यादव, अमित कुमार, सुनील यादव ,जौहर अली खान व स्थानीय लोग अपनी जेब से पैसे खर्च कर लोगों की मदद कर रहे हैं।

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