UP Politics: सीएम योगी बोले-धर्म सिर्फ पूजा पद्धति नहीं, अखिलेश का पलटवार-धर्म धमकी नहीं होता
UP Politics: सीएम योगी ने कहा कि सबसे पहले हमे धर्म को समझना होगा। भारतीय परंपरा को जानने के लिए तो ये समझना होगा कि भारत में उपासना को धर्म नहीं माना है। कर्तव्य और सदाचार भी धर्म का एक रूप है।
UP Politics: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक इंटरव्यू में कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद नहीं कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म एक समग्र जीवन की पद्धति है। धर्म कर्तव्य के पथ पर प्रेरणा देने वाला एक मार्गदर्शक है। इसे सिर्फ पूजा पद्धति तक सीमित नहीं किया जा सकता। विज्ञान धर्म का बहुत छोटा हिस्सा है। यह जीवन को अपग्रेड करने का माध्यम है। अध्यात्म उसकी चरम स्थिति है। मैंने इसके लिए आध्यात्म का सहारा लिया है। विज्ञान के छात्र होने के साथ ही एक योगी के रूप में उस दिशा में कार्य कर रहे हैं।
अखिलेश यादव का तंज
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर धर्म की व्याख्या की है। हांलाकि उन्होंने योगी आदित्यनाथ का नाम नहीं लिया है। अखिलेश ने कहा कि “धर्म जीवन के साथ ही, मानवीय व्यवहार, सामाजिक सहनशीलता, व्यक्तिगत सकारात्मक उत्थान और चतुर्दिक सह अस्तित्व सिखाने का भी मार्ग है। धर्म लिबास से नहीं विचार-आचार से प्रकट होना चाहिए। धर्म धमकी नहीं होता“
सीएम योगी ने कहा कि सबसे पहले हमे धर्म को समझना होगा। भारतीय परंपरा को जानने के लिए तो ये समझना होगा कि भारत में उपासना को धर्म नहीं माना है। कर्तव्य और सदाचार भी धर्म का एक रूप है। धर्म को उससे जोड़कर देखा जा सकता है। धर्म एक व्यवस्था है। इसे जीवन पद्धति भी कह सकते हैं। विज्ञान उसके अपग्रेड का एक माध्यम है। साइंस अध्यात्म का सिर्फ एक छोटा हिस्सा है। जब हम इसे भौतिक दृष्टि से देखते हैं तो यह वैज्ञानिक प्रयोग हो जाता है। लेकिन चेतना का विस्तार करने पर नई ऊंचाई पर पहुंच जाएंगे। यहां पर एक व्यक्ति किसी कार्य का सृष्टा के साथ-साथ दृष्टा भी बन सकता है। सीएम ने कहा कि एक साइंस के छात्र होने के साथ एक योगी के रूप में उस दिशा में आगे कार्य किया जा रहा है।
एक धर्म योगी से राजनीति में आने के सफर के बारे में पूछे जाने पर सीएम योगी ने कहा कि धर्मयोगी नहीं योगी योगी होता है और मै सीर्फ एक योगी है। धर्म का अर्थ सीर्फ पूजा पद्धति नहीं यह जावन पद्धति है। धर्म जीवन के पथ पर एक पेरणादायक पथ मार्गदर्शक। हम उसे सीर्फ पूजा पद्धति तक ही सीमित नहीं रख सकते। एक योगी के रूप में परिवारिक बंधन से मुक्त होकर समाज के साथ जुड़ाव हुआ है। इस लिए समाज के साथ जुड़कर अपना कार्य करना है।