कांग्रेस को लगा बड़ा झटका! चुनावी रैली में रत्ना सिंह ने थामा भाजपा का दामन

विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करने के लिए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ मंगलवार को प्रतापगढ में एक चुनावी रैली को सम्बोधित किया, सीएम योगी की इस रैली में प्रतापगढ़ की राजकुमारी और कांग्रेस की पूर्व सांसद रत्ना सिंह, भाजपा में शामिल हुई।

Update: 2023-08-17 09:14 GMT

लखनऊ: विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करने के लिए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ मंगलवार को प्रतापगढ में एक चुनावी रैली को सम्बोधित किया। सीएम योगी की इस रैली में प्रतापगढ़ की राजकुमारी और कांग्रेस की पूर्व सांसद रत्ना सिंह के मंच साझा करते हुए भाजपा में शामिल हुई।

यह भी पढ़ें. अरे ऐसा भी क्या! बाथरूम में लड़कियां सोचती हैं ये सब

साथ ही खबर आ रही है कि कांग्रेस हाईकमान की तरफ से रत्ना सिंह को मनाने की कोई कोशिश नहीं की गई है, वह मंगलवार को हुई चुनावी रैली में योगी आदित्यनाथ के सामने भाजपा का दामन थाम लिया।

यह भी पढ़ें. झुमका गिरा रे…. सुलझेगी कड़ी या बन जायेगी पहेली?

बताते चलें कि प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव के बाद कई पुराने नेता हाईकमान के फैसले को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के बढते प्रभाव के चलते ही अमेठी के राजा और राज्य सभा सांसद संजय सिंह भी अपनी पत्नी अमिता सिंह समेत भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

[playlist data-type="video" ids="444147"]

यह भी पढ़ें. लड़की का प्यार! सुधरना है तो लड़के फालो करें ये फार्मूला

राजकुमारी रत्ना सिंह पर एक नजर…

यह भी पढ़ें: लड़कियों को पसंद ये! बताती नहीं पर हमेशा ही खोजती हैं ये चीजें

राजकुमारी रत्ना सिंह का परिवार शुरू से ही कांग्रेस से जुडा परिवार रहा है। कालाकांकर की राजकुमारी रत्ना सिंह प्रतापगढ से चार बार सांसद रह चुकी हैं, पर 2004 में वह लोकसभा का चुनाव पड़ोस की रियासत से जुड अक्षय प्रताप सिंह से चुनाव हार चुकी हैं।

यह भी पढ़ें. असल मर्द हो या नहीं! ये 10 तरीके देंगे आपके सारे सवालों के सही जवाब

यह भी पढ़ें. ओह तेरी! पत्नी कहेगी पति से, बिस्तर पर ‘ना बाबा ना’

इससे पहले वह कांग्रेस के टिकट पर 1996 और 1999 का लोकसभा का जीत चुकी हैं। लेकिन 2004 में राजाभैया ने उनकी राह रोकने के लिए अपने चचेरे भाई को सपा के टिकट से मैदान में उतारा। इस चुनाव में राजकुमारी रत्ना सिंह को अक्षय प्रताप के हाथों शिकस्त मिली। इस चुनाव में अक्षय प्रताप को 238137 मत मिले, जबकि राजकुमारी रत्ना सिंह को 168865 मतों से संतोष करना पड़ा।

यह भी पढ़ें. होंठों का ये राज! मर्द हो तो जरूर जान लो, किताबों में भी नहीं ये ज्ञान

2009 के चुनाव में एक बार फिर रत्ना सिंह के सामने अक्षय प्रताप थे, इस चुनाव में रत्ना सिंह ने अक्षय प्रताप को हराया। राजकुमारी रत्ना सिंह को 1,69,137, अक्षय प्रताप को 1,21,252 मत मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के प्रोफेसर शिवाकांत ओझा थे।

अक्षय प्रताप सिंह चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे। यह चुनाव इसलिए भी रोचक था कि बाहुबली अतीक अहमद भी मैदान में थे, जो अपना दल के प्रत्याशी थे, और चुनाव परिणाम जब आए तो वह चौथे नंबर पर थें।

यह भी पढ़ें. बेस्ट फ्रेंड बनेगी गर्लफ्रेंड! आज ही आजमाइये ये टिप्स

Tags:    

Similar News