Gangster Jeeva की हत्या के बाद एक्शन में गृह विभाग, अब कोर्ट में परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर...आर्म्स ले जाना प्रतिबंधित
Gangster Sanjeev Jeeva Murder: लखनऊ कोर्ट शूटआउट मामले में कोर्ट की सुरक्षा में तैनात सात सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की सुरक्षा की भी समीक्षा की गई है। साथ ही, कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान हाई प्रोफाइल गैंगस्टर्स से मिलने वालों पर विशेष नजर रखी जाएगी।
Gangster Sanjeev Jeeva Murder: लखनऊ की एक अदालत में बुधवार को दिनदहाड़े गोली मारकर गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की हत्या कर दी गई। घटना के एक दिन बाद यानी गुरुवार (08 जून) को यूपी गृह विभाग ने बड़ा आदेश दिया। गृह विभाग ने कहा, 'अब कोर्ट में कोई हथियार लेकर नहीं जा सकेगा। गृह विभाग ने इस आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा है।
गृह विभाग ने आदेश का सख्ती से पालन कराने को कहा है। ज्ञात हो कि, लखनऊ कोर्ट में 07 जून को गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या कर दी गई थी। कोर्ट के भीतर इस घटना से सभी सन्न रह गए। इस हत्याकांड के मद्देनजर कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। अब अतिरिक्त QRT तैनात रहेगी। गृह विभाग ने आदेश में कोर्ट परिसर में CCTV कैमरे प्राथमिकता से लगाने के भी आदेश दिए हैं।
लखनऊ सहित सभी जिलों में बढ़ी कोर्ट सुरक्षा
उत्तर प्रदेश गृह विभाग ने कहा है कि, किसी भी कोर्ट परिसर में कोई भी शख्स हथियार लेकर प्रवेश नहीं कर पाए, इस आदेश का सख्ती से पालन हो। लखनऊ सहित सभी जिलों में कोर्ट की सुरक्षा के लिए 71 सुरक्षा प्रभारी इंस्पेक्टर, 22 इंस्पेक्टर, 240 सब इंस्पेक्टर, 522 कांस्टेबल और 1772 हेड कांस्टेबल कॉन्स्टेबल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, सभी अदालत परिसर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त क्यूआरटी टीमें भी लगाई गई हैं। इनमें 60 सब इंस्पेक्टर, 112 हेड कॉन्स्टेबल और 256 कांस्टेबल तैनात किए गए हैं।
गृह विभाग की तरफ से कहा गया है कि, अदालत परिसर में पेशी के दौरान किसी भी हाई प्रोफाइल गैंगस्टर्स से मिलने वालों पर विशेष नजर रखी जाए। सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मी किस अनजान शख्स को किसी भी अपराधी के पास न फटकने दें। ये आदेश गृह विभाग ने सभी जिलों के लिए जारी किया है।
कोर्ट की सुरक्षा में तैनात सात सुरक्षाकर्मी निलंबित
उधर, लखनऊ कोर्ट शूटआउट मामले में कोर्ट की सुरक्षा में तैनात सात सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। ख़ास बात ये रही कि इस बड़ी घटना के बावजूद सिपाही, दरोग़ा के पराक्रम पर DG डिस्क, मेडल पाने वालों यानी आलाधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।