जानिए क्या है कोरोना सैंपल कलेक्शन बूथ: यूपी में हुई शुरुआत, ऐसे करेगा काम
कोरोना वायरस से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश में पहला कोरोना सैंपल कलेक्शन बूथ मंगलवार से शुरू हो गया। गाजियाबाद के संयुक्त अस्पताल में इसका उद्घाटन हुआ। दक्षिण कोरिया की तर्ज पर शुरू हुए कोरोना कलेक्शन बूथ का इस्तेमाल इस जानलेवा वायरस से त्वरित निपटारे के लिए लाभकारी होगा।
लखनऊ: कोरोना वायरस से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश में पहला कोरोना सैंपल कलेक्शन बूथ मंगलवार से शुरू हो गया। गाजियाबाद के संयुक्त अस्पताल में इसका उद्घाटन हुआ। दक्षिण कोरिया की तर्ज पर शुरू हुए कोरोना कलेक्शन बूथ का इस्तेमाल इस जानलेवा वायरस से त्वरित निपटारे के लिए लाभकारी होगा।
कैसे काम करता है सैंपल कलेक्शन बूथ
सैंपल कलेक्शन बूथ के जरिए आसानी से कोरोना के संदिग्ध मरीजों का सैंपल लिया जा सकता है। इसमें सैंपल लेते समय बार-बार पीपीई किट बदलने की जरूरत नहीं होगी।
इसके तहत एल्युमिनियम और ग्लास से बनाए गए बूथ में लैब टेक्नीशियन मौजूद रहेगा। वहीं संदिग्ध मरीज बाहर खड़ा होगा। बूथ के एक तरफ 2 बड़े छेद बनाए गए हैं, जिसमें न्यूपरिन रबर के बने ग्लब्स लगे होंगे, जिन्हें पहन कर लैब टेक्नीशियन मरीज का सैंपल लेगा।
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इस सैंपल बूथ की खासियत
-इस बूथ की खास बात यह है कि कोरोना के संदिग्ध मरीज का सैंपल लैब टेक्नीशियन बिना किसी पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) किट पहने भी ले सकेंगे। वहीं संक्रमित होने का कोई डर नहीं रहेगा। यहां तक कि पीपीई किट के बिना भी सैंपल लिए जा सकते हैं।
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-दरअसल, पीपीई किट की कमी होने पर ये बेहद कारगर कदम है। अभी तक प्रत्येक मरीज का सैंपल लेने के दौरान लैब टेक्नीशियन को पीपीई किट पहननी पड़ती थी।
-वहीं कलेक्शन बूथ स्थापित किए जाने से मरीजों के सैंपल भी जल्द से जल्द लिए जा सकेंगे।
-जानकारी के मुताबिक, अब तक अस्पताल में प्रतिदिन 8 से 10 सैंपल लिए जाते थे। लेकिन अब बूथ लगने के बाद सुबह 8 से शाम 5 बजे तक सैंपल लिए जा सकेंगे।
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