Gorakhpur News: बोले इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में यूपी में हुए अभूतपूर्व बदलाव
Gorakhpur News: डॉ. टी. दिलीप कुमार शुक्रवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम, गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 'स्वास्थ्य सेवाओं की नई चुनौतियां एवं नर्सों की भूमिका' के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
Gorakhpur News: इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. टी. दिलीप कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। वर्तमान परिवेश में करोना जैसी महामारी का दंश समूचे विश्व ने सहा है। कोरोना संकट काल मे भारत के उत्तम स्वास्थ सेवाओं और त्वरित वैक्सिन उपलब्धता को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा। स्वास्थ सेवाओं में नर्सों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है और भारत की नर्सों ने नई चुनौतियों को स्वीकार कर नई रोशनी दिखाई है।
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डॉ. टी. दिलीप कुमार शुक्रवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम, गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 'स्वास्थ्य सेवाओं की नई चुनौतियां एवं नर्सों की भूमिका' के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार और भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह के साथ मां सरस्वती और भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ. दिलीप कुमार ने कहा कि देश सिस्टमैटिक तरीके से नर्सिंग सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। नर्सों की आवश्यकता के अनुरूप उनके पद, नेतृत्व, कौशल, ज्ञानार्जन आदि के क्षेत्र में निरंतर विस्तार व नवाचार हो रहा है। उन्होंने टास्क शिफ्टिंग प्रोग्राम की जानकारी साझा कर नर्सों को उससे जुड़ने का आह्वान किया। साथ ही वर्ल्ड हेल्थ असेंबली का उल्लेख कर उन्होंने आने वाले समय में नर्सों को नई चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए खुद को तैयार रखने का संकल्प दिलाया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संवेदनशील नेतृत्व में विगत छह वर्षों में उत्तर प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व बदलाव आया है। 2017 तक प्रदेश में जितने मेडिकल कॉलेज थे, आज उनकी संख्या दोगुनी हो गई है। हर जिले को मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किया जा रहा है। हर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध नर्सिंग कॉलेज की भी स्थापना हो रही है। उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। संवेदनशीलनेतृत्व और सकारात्मक स्वास्थ्य सेवाओं में प्रदेश उत्कृष्टता पर है।
गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग उत्कृष्ट संस्थानों में से एक
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञान के बेंचमार्क पर डिग्री के साथ-साथ कौशल की भी जरूरत है। इसी के दृष्टिगत भारत में मिशन निरामया की शुरुआत 2022 में की गई जो भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अग्रसर है l प्रमुख सचिव में कहा कि स्वास्थ्य की गुणवत्ता के क्षेत्र में पूरे उत्तर प्रदेश में 12 उत्कृष्ट संस्थानों में से एक संस्थान गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग भी है l इस मंच के माध्यम से मिशन निरामया नर्सों को सही सम्मान दिलाने का अभियान तथा स्वास्थ सेवा में उत्कृष्ट योगदान सिद्ध होगा।
हेल्थ केयर का होगा आने वाला दशक : डॉ. जीएन सिंह
विशिष्ट अतिथि डॉ. जीएन सिंह ने शोधार्थियों और नर्सों को संबोधित करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित यह राष्ट्रीय संगोष्ठी आने वाले समय में चिकित्सा सेवा में संजीवनी का कार्य करेगी । इसमे नर्सों की भूमिका स्वास्थ सेवाओं के लिए आधार स्तंभ साबित होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रशिक्षित डॉक्टर के समान ही प्रशिक्षित नर्सें अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक हेल्थ केयर तथा शिक्षा का होगा। इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में जिन मुख्य विषयों पर चर्चा होगी, वह स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक प्रमुख कदम होगा l
कोरोना काल की सेवाओं के लिए नर्सों के प्रति ऋणी रहेगा विश्व : डॉ. राजकिशोर
राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ पर बीज वक्तव्य देते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य डॉ. राजकिशोर सिंह ने कहा कि भारत में नर्सों का कार्य चुनौती पूर्ण है। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अपने आप को अपडेट कर रोगियों की सेवा का संकल्प एक पुनीत कार्य है। नर्सों ने कोरोना महामारी में दौर में बेहतर कार्य किया जिसके लिए संपूर्ण विश्व उनकी सेवाओं के प्रति ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि हठयोग की माटी पर यह राष्ट्रीय संगोष्ठी मां भारती के प्रति सच्ची श्रद्धा और समर्पण के लक्ष्य को प्राप्त करेगी।
अचूक औषधि समान है नर्सों का संवेदनशील व्यवहार : डॉ वाजपेयी
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी जी ने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रथम राष्ट्रीय संगोष्ठी स्वास्थ के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए एक उत्तम मंच साबित होगी। यहां से शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी देश विदेश के स्वास्थ सेवाओं में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग का कार्य शांतिपूर्ण स्वास्थ सेवाओं से है। विभिन्न रोगों के प्रति नर्सेस का कार्य मनसा, वाचा, कर्मणा के आधार सूत्र पर केंद्रित है। अस्वस्थ व्यक्ति के प्रति नर्सों का संवेदनशील व्यवहार अचूक औषधि का कार्य करती है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने भी शोधार्थियों व नर्सों का मार्गदर्शन किया। गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्या डा. डीएस अजीथा ने सभी अतिथियों और शोधार्थियों के प्रति आभार ज्ञापित किया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में आरोग्य प्रभा और किलकारी पुस्तक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
तकनीकी सत्रों में शोध पत्रों का हुआ विश्लेषण
संगोष्ठी के प्रथम तकनीकी सत्र में चेयरपर्सन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डा.सुरेखा किशोर, को - चेयरपर्सन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा. केबी राजू ने शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया। द्वितीय तकनीकी सत्र में चेयरपर्सन आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर के नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेणुका तथा को-चेयरपर्सन डॉ. अलका सक्सेना गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, बीआरडीमेडिकल कॉलेज गोरखपुर तथा कोऑर्डिनेटर श्रीमती पी. आर. ली. गो. सिंसी सहायक आचार्य, गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग गोरखपुर ने विषय विशेषज्ञ के रूप में शोधार्थियों के शोध पत्रों का विश्लेषण और समीक्षा किया। दूसरे तकनीकी सत्र में आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर में नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेणुका ने नर्सिंग सेवाओं के संदर्भ में नर्सों के कर्तव्य तथा स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनकी जागरूकता तथा नर्सिंग के इतिहास पर विस्तृत वक्तव्य प्रस्तुत किया। तकनीकी सत्रों में श्वेता अल्बर्ट ने शोधपत्र 'ए.वी. फिस्चुला' पर, शांति कुमारी ने गरीबों में स्वास्थ्य जागरूकता विषय पर शोधपत्र प्रस्तुतीकरण दी। प्रगति सिंह ने 'ऑपरेशन के पश्चात और ऑपरेशन के पूर्व नर्स की प्रभावशाली भूमिका विषय' शोधपत्र का वाचन किया।
उद्घाटन सत्र का संचालन संचालन श्रीमती आस्था यादव ने, प्रथम सत्र का संचालन श्रीमती प्रिंसी जी उप प्राचार्य गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग व द्वितीय सत्र का संचालन श्रीमती पी. आर. लीगो सिसी असिस्टेंट प्रोफेसर गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग ने किया। संगोष्ठी में दर्जनों शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। पोस्टर प्रस्तुतिकरण प्रदर्शनी में नर्सिंग विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए माडल और पोस्टर का अतिथियों ने अवलोकन और विश्लेषण किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उप प्रबंधक जीके मिश्रा, काउंसलर श्रीमती शीलम वाजपेयी, प्रभु .एम, कुंवर अभिनव सिंह, राजकिशोर तिवारी, शुभम कुमार मौर्य, सोशन जी, अनामिका जायसवाल, डॉ शिवम कुमार प्रजापति, खुशबू मोदनवाल, सलोनी, आराधना यादव, सत्यभामा, दीक्षा, उज्ज्वल त्रिपाठी, अक्षय, गुंजन सिंह, सोशन डैन, श्रुति कुशवाहा, डॉ. सुबोध कुमार मिश्रा, डॉ इच्छवाकु प्रताप सिंह, डॉ. हनुमान प्रसाद उपाध्याय, विनय कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ रमाकांत दुबे, डॉ अनूप पाण्डेय, श्रीकांत मणि त्रिपाठी, डॉ अभय प्रताप सिंह, डॉ संदीप श्रीवास्तव, आदित्य प्रजापति, अमरेश चौधरी, संजीव गुप्ता, अनूप चौहान आदि की सक्रिय सहभागिता रही।