Gorakhpur News: बिना डॉक्टर और प्रशिक्षित स्टॉफ के चल रहा था अवैध अस्पताल, आपरेशन के बाद इलाज करता मिला इंटर पास लड़का

Gorakhpur News: अस्पताल में बिना डॉक्टर और प्रशिक्षित स्टॉफ के दो बच्चों समेत नौ मरीज भर्ती थे। अब सभी मरीजों को मेडिकल और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Update: 2024-07-24 02:26 GMT

Illegal hospital Gorakhpur (photo: social media )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश का गोरखपुर नेपाल से लेकर बिहार के मरीजों के इलाज का बड़ा केन्द्र है। ऐसे में यहां मरीज माफिया, अस्पताल माफिया जैसे शब्द आम है। अवैध अस्पताल दर्जनों हैं, लेकिन कार्रवाई उन्हीं पर होती है, जिसकी सेटिंग गड़बड़ हो जाती है। ऐसी ही सेटिंग बिगड़ने पर मंगलवार को आधी रात पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पास संचालित गोल्ड अस्पताल को सील कर दिया गया। अस्पताल में बिना डॉक्टर और प्रशिक्षित स्टॉफ के दो बच्चों समेत नौ मरीज भर्ती थे। अब सभी मरीजों को मेडिकल और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मंगलवार को देर रात गोल्ड अस्पताल में पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा। इस दौरान अस्पताल में नौ मरीज भर्ती मिले। जिसमें दो बच्चे शामिल है। अपंजीकृत अस्पताल में इतनी संख्या में मरीज देखकर प्रशासन के अधिकारी हैरान रह गए। मरीजों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद प्रशासन ने अवैध अस्पताल को सील कर दिया।

अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार की रात में प्रशासन को मेडिकल कॉलेज के पास अपंजीकृत अस्पताल संचालन की सूचना मिली। इस सूचना पर एसपी सिटी एके बिश्नोई, एसडीएम सदर अंजनी कुमार और एडिशनल सीएमओ डॉ एके सिंह ने मेडिकल कॉलेज के उत्तरी गेट के पास स्थित गोल्ड हॉस्पिटल पर छापा मारा। यहां नौ मरीज भर्ती मिले। अस्पताल पंजीकृत नहीं मिला। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई कर अस्पताल को सील कर दिया ।

गोल्ड अस्पताल में मंगलवार की रात 10:45 बजे करीब पुलिस व प्रशासन की टीम पहुंची। अस्पताल में नौ मरीज भर्ती मिले। इसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। इंटर पास युवक आरएमओ बनकर मरीज का इलाज करता मिला। युवक के पास अस्पताल के पंजीकरण का कोई कागज नहीं था। बताया जाता है कि छापे की कार्रवाई की भनक लगते ही संचालन कर रहे कुछ युवक मौके से फरार हो गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो मरीजों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। बाकी सात को जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में भर्ती कराया है। इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया।

बिना डॉक्टर के हो गई सर्जरी

गोल्ड हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। एक महिला के आंत का ऑपरेशन हुआ है। जबकि दूसरे के पथरी का इलाज चल रहा था। हालांकि बीएचटी पर सिर्फ पथरी का इलाज चलने की बात ही लिखी हुई है। पथरी गाल ब्लैडर में है या किडनी में। इसका कोई उल्लेख नहीं है। महिलाओं मरीज ने अपना नाम उर्मिला और उगलावती बताया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बी एन शुक्ला ने दोनों को भर्ती कराया है। उन्होंने बताया कि मरीजों की हालत स्थिर है।


आशाओं की बैठक कराकर चर्चा में आया था अस्पताल

यह अस्पताल सीएमओ के सूची में पंजीकृत नहीं है। हाल ही में यहां आशाओं कार्यकत्रियों की बैठक हुई थी। जिसमें चरगांवा और भटहट की आशा कार्यकत्रियां शामिल हुई थी। इस अस्पताल में आशाओं की बैठक का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। उसे समय विभाग ने अस्पताल की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

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