Hardoi News: जांच टीम आने से पहले ही कर दिया चीफ़ फ़ार्मासिस्ट का तबादला, जाने क्या है मामला

Hardoi News : हरदोई में केंद्रीय औषधि भंडार में हुए घोटाले की जांच करने राजधानी से आ रही टीम के पहुँचने से पहले ही हरदोई के स्वास्थ्य महकमे में एक बड़ा खेल और हो गया। अब तक केंद्रीय औषधि भंडार की कमान संभाल रहे चीफ फार्मासिस्ट जे एन तिवारी को मल्लावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेज दिया गया है।

Update:2023-06-18 12:05 IST
Chief Pharmacist was transferred (social media)

Hardoi News : हरदोई में केंद्रीय औषधि भंडार में हुए घोटाले की जांच करने राजधानी से आ रही टीम के पहुँचने से पहले ही हरदोई के स्वास्थ्य महकमे में एक बड़ा खेल और हो गया। अब तक केंद्रीय औषधि भंडार की कमान संभाल रहे चीफ फार्मासिस्ट जे एन तिवारी को मल्लावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेज दिया गया है। जे एन तिवारी के स्थानातंरण के बाद केंद्रीय औषधि भंडार में हुए करोड़ों के घोटाले को और हवा लग गई है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि ज़िला अस्पताल के हाकिम से चीफ फार्मासिस्ट जे एन तिवारी की काफी नजदीकी थी।

कई वर्षों से केंद्रीय औषधि भंडार का जिम्मा संभालने वाले जे एन तिवारी को अचानक घोटाले खुलने के बाद जांच टीम के आने से पहले मल्लावा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेज देने से साफ प्रतीत होता है कि जिला अस्पताल के हाकिम किस तरह से मेहरबान है। चीफ फार्मासिस्ट जे एन तिवारी का रुतबा इतना बड़ा था कि तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा मिल रही शिकायतों पर उनको केंद्रीय औषधि भंडार व जिला अस्पताल से हटा कर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेज दिया था।तत्कालीन जिलाधिकारी का स्थानांतरण होने के बाद ही जे एन तिवारी ने जनपद के माननीय का जलवा दिखाते हुए वापस अपना स्थानांतरण केंद्रीय औषधि भंडार पर करा लिया था। अब सवाल उठता है कि लखनऊ से आ रही जांच टीम के आने से ठीक पहले घोटाले के मुख्य आरोपी चीफ फार्मासिस्ट जेएन तिवारी का स्थानांतरण क्यों किया गया।

क्या है मामला

वर्तमान जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह द्वारा जिला अस्पताल के केंद्रीय औषधि भंडार का टीम के साथ निरीक्षण किया गया था। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह को जांच के दौरान केंद्रीय औषधि भंडार में भारी अनियमितता मिली थी, जिसकी जांच कराने पर ज्ञात हुआ कि केंद्रीय औषधि भंडार में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस घोटाले में बिना आर्डर के ही उपकरण व दवाइयों को केंद्रीय औषधि भंडार से भेजा गया है। जांच के दौरान सामने आया कि यदि इस मामले के विधिक जांच कराई जाए तो मामला डेढ़ करोड़ से भी ऊपर का निकल सकता है।

इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा मामले की जानकारी शासन को दी गई। घोटाले की जानकारी मिलने के बाद कमिश्नर सख्त हुई और अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है जिसमें संयुक्त निदेशक डॉ रजत सिंह, एसीएमओ लखनऊ डॉक्टर आरबी सिंह, लखनऊ सीएमओ कार्यालय के वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी को शामिल किया गया है। लखनऊ की एटीएम एक-दो दिन में मामले की विस्तृत जांच करने के लिए हरदोई जिला अस्पताल पहुंचने वाली थी।टीम के आने से ठीक पहले ही चीफ फार्मासिस्ट का स्थानातंरण कर मल्लावा रवाना कर दिया जाता है जो कि सीएमओ की भी कार्यशैली को संदिग्ध बनाता है।

अब इनके पास है ज़िम्मेदारी

वर्तमान समय में केंद्रीय औषधि भंडार में शिवकुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है। केंद्रीय औषधि भंडार में तैनात रहे चीफ फार्मेसिस्ट जे एन तिवारी का तबादला मल्लावा होने के बाद सीएमओ ने मल्लावा सीएचसी पर कार्यरत फार्मेसिस्ट शिवकुमार को केंद्रीय औषधि भंडार की चाबी सौंप दी है। हरदोई में केंद्रीय औषधि भंडार शासन स्तर के अधिकारियों की नजर में आ गया है।कुछ ही दिनों में वहां जांच अधिकारी पहुंचेंगे और मामले की जांच करेंगे।अब देखना होगा कि जांच के बाद जो घोटाले का जिन्न निकल कर सामने आया है।उसके बाद क्या जेएन तिवारी पर निलंबन की कार्रवाई होगी या फिर अपने माननीय के रसूख के चलते एक बार फिर वह बच निकलेंगे।

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