हाथरस भगदड़ः SIT ने शासन को भेजी रिपोर्ट, सभी सवालों के जवाब तलाशते हुए दोषियों को किया बेनकाब
Hathras Stampede Updates: हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में सूरज पाल सिंह के सत्संग में बीती दो जुलाई को मची भगदड़ की घटना ने प्रदेश समेत पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हादसे के बाद प्रशासनिक और पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठे थे।
Hathras Stampede Updates: हाथरस भगदड़ की घटना की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। दो जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में सूरज पाल सिंह (नारायण साकार विश्वहरि) के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 अनुयायियों की मृत्यु के मामले में पांच दिन तक गहन जांच-पड़ताल के बाद स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी।
एसआईटी ने इस हादसे से जुड़े सभी पक्षों के बयान दर्ज करने के साथ ही घटनास्थल व अन्य स्थान से साक्ष्य जुटाया है। साथ ही सभी सवालों के जवाब तलाशते हुए इस हादसे के दोषियों को भी बेनकाब किया है। एसआईटी की अध्यक्ष एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शासन को रिपोर्ट भेजे जाने की पुष्टि की है।
दो जुलाई को सूरज पाल के सत्संग में भगदड़ से 121 की हुई थी मौत
हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में दो जुलाई को सूरज पाल सिंह (नारायण साकार विश्वहरि) के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 अनुयायियों की मृत्यु हो गई थी। हादसे के बाद प्रशासनिक और पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठे थे।
हादसे के दूसरे दिन ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी थी। इसकी अध्यक्ष एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ बनाई गईं। अलीगढ़ की मंडलायुक्त चैत्रा वी. भी एसआईटी में शामिल थीं। दोनों वरिष्ठ महिला अधिकारियों ने दुर्घटना के बाद से ही हाथरस में कैंप किया।
हादसे से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही सेवादार, घायल और मृत अनुयायियों के परिजनों से भी बयान लिए। सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज करने के साथ ही एसआईटी ने हाथरस के डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल के भी बयान दर्ज किए और इस दुर्घटना से जुड़े हर साक्ष्य को जुटाया गया। इसके बाद बयान और साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया।
रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी गई
एसआईटी ने सोमवार शाम को अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी। अपनी जांच में एसआईटी ने इस हादसे के दोषियों को भी बेपर्दा किया है। रिपोर्ट 300 से अधिक पेज की बताई गई है।
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एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ के अनुसार, हाथरस हादसे से जुड़े सभी पक्षों के लोगों के बयान दर्ज किए गए। सभी पक्षों के बयान और साक्ष्यों का गहन परीक्षण करने के बाद रिपोर्ट तैयार की गई और उसके बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। यह परमगोपनीय है। रिपोर्ट में क्या है? यह मुख्यालय स्तर से ही जानकारी दी जाएगी।
एसआईटी ढूढ़ रही थी इन प्रश्नों के जवाब
स्वास्थ्य विभाग-
-इतने बड़े कार्यक्रम के लिए पहले से क्या तैयारी की गई थी?
-विभाग द्वारा मौके पर कितनी एंबुलेंस भेजी गईं थीं?
-हादसे की सूचना मिलने के बाद अस्पतालों में क्या इंतजाम किए गए थे?
-हादसे वाले दिन जिला अस्पताल और सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किन चिकित्सकों और स्टाफ की ड्यूटी थी, इनमें कितने चिकित्सक और कर्मचारी गैर हाजिर थे।
-घायलों को अस्पताल लेकर कौन-कौन से एंबुलेंस चालक गए थे?
-घायलों को कितने समय बाद उपचार मिला?
-पोस्टमार्टम किन चिकित्सकों द्वारा किया गया, अनुयाइयों की मृत्यु का क्या कारण रहा।
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पुलिस और राजस्व विभाग-
-थाना स्तर पर आयोजन स्थल पर जाकर किसने रिपोर्ट तैयार की थी?
-सत्संग स्थल पर आने वाली अनुमानित भीड़ को लेकर क्या आंकलन किया गया था?
-आयोजन स्थल पर आपात स्थिति में वहां से निकलने की व्यवस्थाओं को देखा था, यदि हां तो थाने से भेजी गई अपनी रिपोर्ट में क्या इसका उल्लेख किया था?
-अग्निशमन की व्यवस्थाओं को लेकर क्या अपनी रिपोर्ट दी थी?
-आयोजन को लेकर क्या एलआईयू ने अपनी रिपोर्ट दी थी? यह रिपोर्ट क्या थी और किसने दी थी?
-मौके पर सबसे पहले कौन पुलिसकर्मी पहुंचे थे?
-पुलिसकर्मियों ने अपने अधिकारियों को कितने बजे सूचना दी?
-अधिकारी कितने बजे मौके पर पहुंचे और भगदड़ में घायलों को पहुंचाने के लिए क्या किया?
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प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित-
-भगदड़ कब और कैसे मची?
-भीड़ को काबू करने के लिए सत्संग में मौजूद आयोजकों और सेवादारों ने क्या प्रयास किया?
-क्या आयोजकों और सेवादारों द्वारा उनके साथ धक्का-मुक्की की गई थी, ऐसा करने वालों में वह किसी को पहचानते हैं?
-अनुयायी जब अपने स्वजन को अस्पताल लेकर गए तो उन्हें कितनी देर में उपचार मिला?
कब क्या हुआ?-
-दो जुलाई 2024-सत्संग के बाद भगदड़ में हर तरफ बिछ गईं लाशें, 121 की हुई मृत्यु, मुख्य सचिव और डीजीपी हाथरस आए, एसआईटी जांच के आदेश।
-तीन जुलाई 2024-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाथरस आए, अफसरों संग बैठक, घटनास्थल का भ्रमण, घटना के पीछे साजिश का अंदेशा, एसआईटी का गठन।
-चार जुलाई 2024-छह सेवादार गिरफ्तार, मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर पर एक लाख का इनाम, षड्यंत्र की बात आई सामने।
-पांच जुलाई 2024-कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाथरस में पीड़ित परिवारों से की मुलाकात, मुआवजा बढ़ाने की मांग रखी, मुख्य सेवादार दिल्ली से हुआ गिरफ्तार, राजनीतिक दलों से संबंध और फंडिंग की जांच शुरू।
-छह जुलाई 2024-न्यायिक आयोग की टीम पहुंची, अफसरों से वार्ता, एसआईटी से बातचीत, घटनास्थल का निरीक्षण किया, अस्पताल में मरीजों से बात की। सूरजपाल का पहला वीडियो आया सामने।
-सात जुलाई 2024-न्यायिक आयोग की टीम ने दर्ज किए 34 लोगों के बयान, टीप वापस गई, दो और लोग गिरफ्तार।
-आठ जुलाई 2024-किसान नेता राकेश टिकैत, नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद पीड़ित परिवारों से मिले।
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