Jhansi: बिहारीबाबू अपहरणकांड में सीसीटीवी कैमरे किए जा रहे चेक, पुलिस ने 4 आरोपी किए गिरफ्तार

Jhansi: बिहारीबाबू अपहरण कांड के तथ्य अभी भी छिपे हुए हैं। होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे को अगर चेक कर लिया जाए, तो कई रहस्य उजागर हो सकते हैं

Report :  B.K Kushwaha
Update:2022-10-28 18:27 IST

बिहारीबाबू अपहरणकांड। (Social Media)

Jhansi: बिहारीबाबू अपहरण कांड (Bihari Babu kidnapping case) के तथ्य अभी भी छिपे हुए हैं। होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे को अगर चेक कर लिया जाए, तो कई रहस्य उजागर हो सकते हैं। यह होटल सत्तादल नेताओं के लिए अय्याशी का अड्डा बन चुका था। इसी होटल में सत्तादल के नेता का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया जाता है, यही नहीं, जो नेताओं की डिमांड होती हैं, उसे पूरा किया जाता है। वहीं, बिहारी बाबू आशीष पाठक के साथ जो अमानवीय व्यवहार किया गया एवं यातनाएं दी गई। इसके पीछे कई लोग शामिल हैं। इस मामले में अभी तक अनुराग यादव, सुलेमान, आशू यादव और डॉ विकास सक्सेना की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष दो आरोपियों की तलाश की जा रही है।

इसी होटल में रुकता था बिहारीबाबू?

प्राप्त जानकारी के अनुसार अपहृत आशीष पाठक के रिश्ते में मामा दीपक शांडिल भी हाथ पैर जोड़कर गिड़गिड़ाते हुए किसी तरह से सुलेमान एंड कंपनी से पीछा छुड़ाकर भाग पाया था। जानकारी के अनुसार आशीष पाठक मध्य प्रदेश के एक धार्मिक स्थान पर जाता था और पूंछ स्थित एक होटल पर किराए से कमरा लेकर ठहरता था। वहीं से उसका रहन-सहन एवं ठाट बाट देख कर अनुराग यादव एवं सुलेमान की पूरी टीम ने उससे दोस्ती बनाई, यदि होटल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएं तो तस्वीर एकदम साफ नजर आएगी।

होटल में बने एयरकंडीशन कमरे

हाईवे स्थित होटल पर एयरकंडीशन कमरों में वह सब कुछ होता था, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। जानकार लोगों का मानना तो यहां तक है फार्म हाउस पर घटना दिखाना एक बहाना है, जबकि सारा षड्यंत्र होटल पर ही रचा गया एवं पीड़ित को वही यातनाएं दी गई एवं बंधक बनाकर रखा गया। इस घटना में जहां छह लोगों को दिखाया गया है। वही इस प्रकरण में कड़ाई से पूछताछ हो तो कई और लोग लिप्त पाए जाएंगे।

सफेदपोश रात्रि में रुककर करते हैं ऐसो आराम

इस होटल पर संबंधित कई विभागों के अधिकारियों का आना जाना रुकना एवं तमाम कार्यों में लिप्त पाया जाना सुनिश्चित है। खनिज विभाग का लोकेशन लेकर सैकड़ों गाड़ियों के बिना राजस्व के निकालना एवं गाड़ी मालिकों से हजारों रुपए लेकर माहवारी वसूलने का कार्य यहीं से संचालित होता है। कई सफेदपोश भी रात्रि में रुक कर फुल ऐसो आराम फरमाते रहे हैं, आखिर यह बात समझ में नहीं आई कि होटल संचालक के वहीं रहने के बाद भी उससे घटना की विस्तृत पूछताछ क्यों नहीं की जा रही है। होटल पर लगे कैमरे क्यों नहीं खंगाले जा रहे हैं। शराब अय्याशी से लेकर ऐसी कोई चीज नहीं है जो इस होटल पर ना परोसी जाती हो पुलिस प्रशासन इसमें हाथ क्यों नहीं डाल रहा है।

बिहारी बाबू के मामा दीपक शाडिल्य से पूछताछ क्यों नहीं?

अनुराग यादव सुलेमान एंड कंपनी ने कई लिप्त हैं यदि दीपक शांडिल्य और पीड़ित से गहन पूछताछ हो तो कई रहस्य उजागर होंगे। हाई प्रोफाइल अनुराग यादव एंड सुलेमान कंपनी के कई पर्दे उठ जाएंगे, फिलहाल देखना यह है कि जिस तरह से आशीष पाठक को बेल्टों से मारा गया, सिगरेट से जलाया गया यातनाएं दी गई। इसकी जानकारी शत प्रतिशत होटल संचालक को पता जरूर होगी, बताया तो यह तक जा रहा है कि आशीष पाठक सफेद सोना पहनने का शौकीन है, उसकी चमक-दमक देखकर ही उक्त टीम उसके संपर्क में आई थी। फिलहाल प्रशासन को अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ करनी चाहिए दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा।


पुलिस ने छापेमारी में 9 जुआरी किए गिरफ्तार, एक फरार 

एसएसपी राजेश एस के निर्देशन में पूछ थाना पुलिस ने देर रात हाईवे पर स्थित साक्षी होटल के कमरे में चल रहे जुए के अड्डे पर छापेमारी करते हुए 9 जुआरियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एक लाख की नकदी बरामद की। सभी के खिलाफ गैंग बनाकर जुआ खेलने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पूछ थाना प्रभारी सुरेंद्र प्रताप सिंह को देर रात सूचना मिली कि हाइवे स्थित साक्षी होटल के एक कमरे में बड़े पैमाने पर जुआ का अड्डा संचालित हो रहा है। इस सूचना पर उन्होंने अपनी टीम के साथ घेराबंदी कर सभी जुआरियों को दबोच लिया।

इन सभी लोगों पर मामला दर्ज

पुलिस के मुताबिक अंकित राजपूत निवासी पहाड़गांव थाना कैलिया जालौन, सुरेंद्र सिंह निवासी पूछ, प्रताप अभय सिंह उर्फ दीपू निवासी पूछ, पंकज यादव निवासी सुकूपुरा पूछ, हृदेश प्रजापति निवासी पूछ, अजय सिंह यादव निवासी पूंछ, शिवपाल ठाकुर, कृष्ण गोपाल उर्फ छबलू, उदय सिंह यादव निवासी पूंछ शामिल है जबकि पुष्पेंद्र यादव निवासी पूंछ भागने में सफल रहा। थाना प्रभारी सुरेंद्र प्रताप सिंह की टीम में उपनिरीक्षक सत्य देव पाठक, उप निरीक्षक कुलदीप पवार, कांस्टेबल योगेंद्र सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, विष्णु गौतम शामिल रहे। सभी जुआरिओ के खिलाफ धारा 3/4 सार्वजनिक जुआ अधिनियम में पंजीकृत किया गया।

Tags:    

Similar News