अजब इश्क: प्रेमी निकला दो बच्चों का बाप, फिर भी साथ रहने को तैयार मशहूर नृत्यांगना

स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में प्रेम प्रसंग का अनोखा मामला सामने आया है । बीती रात प्रेमी युगल के बीच हुए आपसी झगड़े को लेकर डायल 112 पुलिस दोनों को कोतवाली ले आई।

Update:2020-08-22 18:48 IST
अजब इश्क: प्रेमी निकला दो बच्चों का बाप, फिर भी साथ रहने को तैयार मशहूर नृत्यांगना

ज्ञानपुर (भदोही): स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में प्रेम प्रसंग का अनोखा मामला सामने आया है । बीती रात प्रेमी युगल के बीच हुए आपसी झगड़े को लेकर डायल 112 पुलिस दोनों को कोतवाली ले आई। मामला भदोही जिले के ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के डबका गांव का है ।

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अवधेश चौरसिया से मोहब्बत हो गई थी

बताया जाता है कि प्रेमी पहले से शादीशुदा है और दो बच्चों का पिता है डबका गांव निवासी अवधेश चौरसिया पूत्र रामरंगीले चौरसिया ने काशी की बेटी व सुप्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना सोनी चौरसिया, जिसने वर्ष 2016 में लगातार 126 घंटे नृत्य करके विश्व रिकॉर्ड तोड़ा और 3 बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम स्थापित किया था। उस नृत्यांगना सोनी चौरसिया पुत्री राजेंद्र प्रसाद के मुंबई निवास के दौरान फिल्मी रिमिक्स तैयार करते भदोही जिले के ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के डबका गांव निवासी अवधेश चौरसिया से मोहब्बत हो गई थी ।

सोनी चौरसिया का प्रेमी पहले से ही शादीशुदा व दो बच्चों का पिता है

लड़की की मधुर आवाज और दिलकश अदाओं ने घनश्याम के दिल पर ऐसा जादू कर दिया कि वह अपनी पहली पत्नी और दो बच्चों को भूलकर सोनी चौरसिया के प्रेम में पागल हो गया कुछ ही दिनों में दोनों का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि कई सालों तक दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चलता रहा। सोनी चौरसिया को इस बात की तनिक भी भनक नहीं थी कि उसका प्रेमी पहले से ही शादीशुदा व दो बच्चों का पिता है अंत में वही हुआ जिसका डर था ।आखिर सच कब तक छिपता।

वाराणसी जिले के पांडेपुर प्रेम नगर कॉलोनी में रिमेक्स शूट के लिये सोनी जब घर से बाहर गई तो मौका पाकर अवधेश अपने गांव पहली पत्नी के पास वापस लौट आया। अवधेश के इस कृत्य से आहत जब सोनी अपने प्रेमी के घर पहुंची तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई । उसने पुलिस को जानकारी दी । बीती रात पुलिस दोनों को कोतवाली ले आई, जहां दोनों फिर एक बार साथ साथ रहने को इस बात पर राजी हुए कि सोनी अपने प्रेमी की पहली पत्नी व उसके दोनों बच्चों के भरण-पोषण के लिए 5 हजार रुपये प्रति माह अवधेश के परिजनों को अदा करती रहेगीं।

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नृत्यांगना सोनी चौरसिया ने वाराणसी में गढ़ा था नया विश्व कीर्तिमान

सोमवार की शाम छह बजे इतिहास रचने को उठे कदम शनिवार की रात 9.22 बजे मुकाम हासिल कर गए। काशी की बेटी सोनी चौरसिया ने मैदान मारकर विश्व रिकार्ड अपने नाम कर लिया। लगातार 123 घंटे 21 मिनट कथक नृत्य कर उन्होंने केरल के त्रिचूर की हेमलता कमंडलु का 123 घंटे 20 मिनट तक मोहिनी अट्टम नृत्य का रिकार्ड तोड़ दिया। इसी के साथ काशी का नाम फिर क्षितिज पर छा गया।

नया रिकार्ड बनाकर थमे कदम

विश्व रिकार्ड बनने के साथ ही काशी की इस बेटी ने नया रिकार्ड बनाने की ठान ली। महज 10 मिनट के विश्राम के बाद उनका नृत्य अभियान फिर जारी हो गया। रात 12.05 बजे तक 126 घंटे 05 मिनट के मैराथन नृत्य के नए रिकार्ड के साथ सोनी के अभियान का समापन हुआ। इसी के साथ उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया। खुशी में लोगों ने जमकर आतिशबाजी भी की।

लगा हर-हर महादेव का नारा

इसके पहले रात 9.22 बजे सोनी ने जैसे ही हेमलता कमंडलु का रिकार्ड तोड़ा, रोहनिया-खुशीपुर बाईपास स्थित निजी विद्यालय का काशीवासियों से खचाखच भरा सभागार तालियों और हर-हर महादेव के नारे से गूंज उठा।

सुबह ही बदल गई थीं भंगिमाएं

शनिवार सुबह छह बजे जब नृत्य करते 105 घंटे पूरे हुए, तभी से सोनी की भाव भंगिमाएं जीत की कथा लिखती नजर आने लगीं। पिछले पांच दिनों की थकान का कोई निशान न तो उनके चेहरे पर था, न कदमों में। प्रस्तुति का अंदाज पूरी तरह सध चुका था।

सामान्य परिवार, गजब संस्कार

सामान्य चौरसिया परिवार में जन्मीं सोनी का बचपन से ही नृत्य-संगीत की ओर रुझान था। यह रुझान वर्ष 2010 में रिकार्ड कायम कर गया। तब जब कथक प्रस्तुति में उन्होंने लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज कराया। इसके बाद भी हेमलता कमंडलु का विश्व रिकॉर्ड उन्हें लगातार चुनौती देता रहा। इसे सोनी ने लक्ष्य बनाया। प्रयास आर्य महिला पीजी कालेज के मंच पर नवंबर 2015 में सामने आया। हालांकि, तब वे सफल नहीं हो पाई, लेकिन लिम्का बुक में फिर नाम दोहराया और उनका संकल्प भी दोहरी मजबूती से दोगुना हो आया। इसके बाद तो कठिन रियाज और दृढ़ इच्छाशक्ति से अंतत: उन्होंने शनिवार को मुकाम हासिल कर लिया। इस दौरान उनका न तो बीपी बढ़ा न ही पल्स। शुगर भी नार्मल रही।

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थेरेपी समेत फिजियोथेरपी का था इंतजाम

सोनी नींद में न जाए, इसके लिए भरपूर कोल्ड थेरेपी समेत फिजियोथेरपी का इंतजाम किया गया था ताकि सूजन कम हो, संवेदन बचा रहे और मस्तिष्क भी अलर्ट रहे।

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