Moradabad News: नियमित रूप से नहीं मिल रहा बाल पुष्टाहार, कुछ इलाकों की वितरण व्यवस्था पर उठे सवाल
Moradabad News: यूपी सरकार कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए बाल पुष्टाहार की व्यवस्था अर्से से लागू कर रखी है। लेकिन मुरादाबाद के कुछ इलाकों में इसकी व्यवस्था भी भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गई है।
Moradabad News: यूपी सरकार कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए बाल पुष्टाहार की व्यवस्था अर्से से लागू कर रखी है। लेकिन मुरादाबाद के कुछ इलाकों में इसकी व्यवस्था भी भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गई है। कुछ जगहों पर प्रतिमाह की जगह तीन महीने में एक बार बाल पुष्टाहार से संबंधित राशन उपलब्ध हो रहा है।
ये मिलता है सामान
बाल पुष्टाहार के अंतर्गत प्रत्येक छह माह से सात वर्ष के बच्चे के लिए प्रत्येक माह दलिया, चने की दाल, रिफाइंड, चावल और इस उम्र के बच्चों के विकास के लिए तरह-तरह की पौष्टिक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। जो बच्चों को स्वस्थ रखने में सहायक होती है और इसे निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए घर-घर तक दी जाती है जानकारी
बाल पुष्टाहार के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण अंचल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए घर-घर तक इसकी जानकारी दी जाती है। ये बाल पुष्टाहार जिला मुख्यालयों पर उपलब्ध कराया जाता है, जहां से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं इन्हें घर-घर पहुंचाती हैं लेकिन जनपद के कुछ इलाकों में सीडीपीओ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिलकर इस कार्यक्रम में घालमेल कर रहे हैं। आरोप लग रहा है कि लोगों को तीन माह में एक बार ही बाल पुष्टाहार उपलब्ध हो पा रहा है।
करूला जाहिदनगर में सामने आया था मामला
विगत दिनों भी ऐसा ही मामला मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र के करूला जाहिदनगर में प्रकाश में आया था। तब मौके पर जांच करने पहुंची प्रशासन की टीम ने दुकानदार को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। तब स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा था कि वो बच्चो को मिलने वाला आहार दुकानों पर बेच आए थे। हालांकि, इस बाबत जब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें तो सिर्फ तीन माह में एक बार ही ये पुष्टाहार बांटने को मिलता है। जबकि नोडल अधिकारी का कहना था कि इसे प्रत्येक माह बांटा जाता है। कहीं अगर नियमित रूप से नहीं मिल रहा है तो हम जांच करेंगे।