झमक कर हुई बारिश: लंबे समय बाद किसानो के खिले चहरे, मौसम हुआ सुहावना

जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह कहते है कि बुन्देलखण्ड की जीडीपी में कृषि का योगदान 35 प्रतिशत से अधिक है। यह पूरा इलाका कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों से चलता है।

Update:2020-07-16 12:43 IST

झाँसी। पिछले 10 दिन से झाँसी में पारा चढा हुआ था, तेज धूप और उमस के कारण खरीफ में बोई गयी, तिल, उरद, मूंग, मूगफली, मक्का आदि की फसलें सूख रही थी। अचानक आज सुबह हुई बारिश से किसान बहुत खुश है। कोरोना काल में इस बार रिकार्ड खरीफ में बुबाई हुयी है। अंधिकाश किसानों ने खरीफ की फसल बोयी है।

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इस वर्ष आधे से कम हुई बारिश

मानपुर गांव के प्रगतिशील किसान सीताराम कहते है कि यह बारिश किसान के लिए, अत्यन्त उपयोगी है। एक हफ्ते और बारिश ना होती तो खरीफ में बोयी गयी फसलें सूख जाती। इसी गांव के किसान रूप सिंह कहते है कि मूंगफली की फसल में लोगों ने टयूबवेल से पानी लगाना शुरू कर दिया था। आज हुयी बारिस से हम सब किसानों को राहत मिली है। पिछले वर्ष अत्यधिक वर्षा के कारण खरीफ की फसल नष्ट हो गयी थी। इस वर्ष लोगों को खरीफ की फसल से अत्यधिक उम्मीद है, लेकिन 15 जुलाई तक बारिस बहुत कम हुयी है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष आधे से कम बारिस हुयी है। पिछले वर्ष 15 जुलाई तक 250 मिलीमीटर से अधिक बारिस हो गयी थी, अभी मात्र 171 मिलीमीटर से भी कम बारिस हुयी है।

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50 प्रतिशत मजदूर खेती के काम में जुड़े: संजय सिंह

जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह कहते है कि बुन्देलखण्ड की जीडीपी में कृषि का योगदान 35 प्रतिशत से अधिक है। यह पूरा इलाका कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों से चलता है। एक फसल की खराब हो जाने से यहां की स्थिति खराब हो जाती है। इस बार जो प्रवासीय मजदूर आये है। उनमें से लगभग 50 प्रतिशत मजदूर खेती के काम में जुड गये है और वह खेती में ही अपनी आजीविका की सम्भावनाऐं तलाश रहे है। जालौन के रमपुरा ब्लॉक के कोसेपुरा गांव में हैदराबाद से वापिस लौटे प्रवासीय मजदूरों ने सरकारी टयूबवेल के सहारे बडे पैमाने पर सब्जी की खेती प्रारम्भ की है।

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अच्छी बारिस से किसान नहीं जाएंगे बाहर

इसी तरह से बंगरा ब्लॉक के पडरा गांव के किसान खेती में जुट गये है यदि मौसम ने साथ दिया और अच्छी बारिस हुयी तो निश्चित तौर पर किसान बाहर नहीं जायेगे। ललितपुर के तालबेहट ब्लॉक के गांव विजयपुरा के किसान रम्मू ने बताया कि उनके गांव में लोगों ने इस बार पहली बरसात में ही फसल बो दी थी, अच्छी फसल है लेकिन पानी ना बरसने के कारण फसलें नष्ट हो रही है। जिससे किसान चिंतित है। वहीं, झाँसी के डिकोली गांव के किसान देशराज अहिरवार बताते है कि उनके गांव में यदि आज बरसात नहीं होती तो फसलें सूखने लगी थी। आज हुयी बरसात ने फसलों को संजीवनी प्रदान की है।

बुंदेलखंड में मानसून की सक्रियता कम

झाँसी के डिप्टी डायरेक्टर कमल कटियार कहते है कि इस बार बुन्देलखण्ड में मानसून की सक्रियता कम है, जबकि प्रदेश के अन्य हिस्सों में अच्छी बारिस हो रही है। अभी तक तो ठीक है यदि आगे भी यही स्थिति रही तो हालात अत्यधिक खराब होगे।

रिपोर्टर- बी के कुशवाहा, झांसी

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